सरकार फसलों की लागत से 50% से अधिक तय करेगी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP), सभी उपज की होगी खरीद
राज्यसभा में शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय कृषि मंत्री के रूप में दिया आश्वासन

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP): केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि केंद्र सरकार सभी कृषि उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदेगी। इसके अलावा हमारी सरकार फसलों पर लागत से 50% से अधिक MSP तय करेगी।
कृषि मंत्री ने किसानों को MSP के मुद्दे पर प्रश्नकाल के दौरान दिए जवाब में यह आश्वासन दिया। कृषि मंत्री की ओर से यह दावा ऐसे समय में आया है जब किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच को निकल चुके हैं। उन्होंने कहा कि मेरे लिए किसान की सेवा, भगवान की सेवा के बराबर है।
MSP को लेकर सदन को किया आश्वस्त
केंद्रीय कृषि मंत्री ने सदन में कहा कि मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि किसानों की सभी उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदा जाएगा। यह मोदी सरकार है और मोदी की गारंटी, वादा पूरा करने की गारंटी है। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जब यह सत्ता में थे तो उन्होंने रिकॉर्ड पर कहा था कि वे एमएस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार नहीं कर सकते। खासकर फसल लागत से 50% अधिक देने की बात को।
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सरकार पहले से किसानों को दे रही है लाभकारी मूल्य
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि 2019 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को उत्पादन लागत पर 50% लाभ देकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गणना करने का फैसला किया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि केंद्र सरकार पहले से ही किसानों को फसल का लाभकारी मूल्य दे रही है। किसानों से धान, गेहूं, सोयाबीन, ज्वार को तीन साल पहले उत्पादन लागत से 50% अधिक पर खरीदा जा रहा था। उन्होंने वस्तुओं की दरों में गिरावट आने पर निर्यात शुल्क और कीमतों को बदलने में हस्तक्षेप की बात को भी सदन में कही।
कर्ज माफी पर क्या बोले : केंद्रीय कृषि मंत्री
किसानों की कर्जमाफी के सवाल का जवाब देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार दूरदर्शी है, हम खेती में उत्पादन बढ़ाएंगे, उत्पादन की लागत घटाएंगे, उत्पादन का उचित मूल्य देंगे, नुकसान की भरपाई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) से करेंगे। हम कृषि का विविधीकरण कर और प्राकृतिक खेती (Natural Farming) की ओर ले जाकर किसानों की आय बढ़ाएंगे। ऐसा करने पर किसानों को बार-बार कर्ज माफी की मांग नहीं करनी पड़ेगी।
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रबी फसल विपणन सीजन 2025-26 के लिए कितना बढ़ाया MSP
रबी सीजन की शुरुआत के पहले केंद्र सरकार द्वारा रबी की प्रमुख 6 फसलों का एमएसपी (MSP) घोषित किया गया। इसके तहत इन छह फसलों के लिए इस बार तय किए गए MSP में पिछले साल के मुकाबले कितनी बढ़ोतरी हुई, इस पर एक नजर डालते हैं-
- गेहूं की एमएसपी (MSP) में 150 रुपए की बढ़ोतरी की गई जिससे अब गेहूं का एमएसपी 2275 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़कर अब 2425 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है।
- जौ की एमएसपी (MSP) में 130 रुपए की वृद्धि की गई जिससे अब जौ का एमएसपी 1850 से बढ़कर 1980 रुपए हो गया है।
- चने की एमएसपी (MSP) में 210 रुपए की बढ़ोतरी की गई जिससे अब चने का एमएसपी 5440 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़कर अब 5650 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है।
- मसूर दाल की एमएसपी (MSP) में 275 रुपए की वृद्धि की गई जिससे अब मसूर दाल का एमएसपी 6425 से बढ़कर 6700 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है।
- रेपसीड और सरसों की एमएसपी (MSP) में 300 रुपए की बढ़ोतरी की गई जिससे अब सरसों का एमएसपी 5650 रुपए से बढ़कर 5950 रुपए हो गया है।
- कुसुम की एमएमपी में 140 रुपए की बढ़ोतरी की गई जिससे अब कुसुम का एमएसपी (MSP) 5800 रुपए से बढ़कर 5940 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है।
कैसे तय की जाती है फसल की एमएसपी (MSP)
सरकार फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी (MSP) उसकी उत्पादन लागत को ध्यान में रखकर निर्धारित करती है। यहां उत्पादन लागत से तात्पर्य फसल की उन लागतों से हैं जिसमें सभी भुगतान की गई लागतें शामिल है। इसमें किराये पर लिए गए मानव श्रम, बैल, श्रम या मशीन श्रम, पट्टे पर ली गई भूमि के लिए भुगतान किया गया किराया, बीज, उर्वरक, खाद जैसी सामग्री इनपुट के उपयोग पर किए गए खर्च, सिंचाई शुल्क, औजारों और कृषि भवनों पर मूल्यह्रास, कार्यशील पूंजी पर ब्याज, पंप सेटों आदि के संचालन के लिए डीजल या बिजली, विविध व्यय और किसान के पारिवारिक श्रम मूल्य शामिल किया जाता है।
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