MP में बढ़ रहा नैनो यूरिया का प्रयोग, ड्रोन से कर रहे छिड़काव
मध्य प्रदेश के किसानों में नैनो यूरिया के प्रति बढ़ रही दिलचस्पी-सीएम शिवराज सिंह चौहान
मध्य प्रदेश सीएम शिवराज सिंह चौहान ने एक कार्यक्रम में कृषि क्षेत्र में नैनो यूरिया के इस्तेमाल की तारीफ की। सीएम ने मध्य प्रदेश के कृषि क्षेत्र में संपन्न कार्यों को राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण मानते हुए इन कार्यों को देश में स्थापित करने के लिए भी प्रयास करने को कहा।
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उन्होंने कृषि क्षेत्र में नैनो यूरिया, फार्म गेट एक्ट की पहल और उन्नति एप के प्रयोग की भी तारीफ की। मध्य प्रदेश के किसानों में नैनो यूरिया के प्रति दिलचस्पी बढ़ रही है। प्रदेश के कुछ जिलों में ड्रोन से करीब एक हजार एकड़ कृषि क्षेत्र में नैनो यूरिया का छिड़काव किया गया है। करीब 400 किसानों ने ड्रोन के जरिए इसका इस्तेमाल शुरू किया है।
सूबे में खरीफ सीजन 2022 की शुरुआत में ही अब तक 6 लाख 7 हजार बोतल से अधिक नैनो तरल यूरिया की बिक्री हो चुकी है। जबकि रबी 2021-22 में 16 लाख 11 हजार लाख बोतल बिके थे। कम लागत और अधिक फायदे की वजह से किसान इसे अपना रहे हैं।
प्राकृतिक कृषि पर होगी चर्चा
सीएम ने बताया कि प्राकृतिक कृषि के इच्छुक किसानों के साथ शीघ्र ही संवाद कार्यक्रम होगा। इसमें प्राकृतिक कृषि के विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। चौहान ने कृषि को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में 59 हजार किसानों के रजिस्ट्रेशन और 28 हजार से अधिक किसानों को प्राकृतिक कृषि का प्रशिक्षण देने के कार्य को महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया।
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क्रॉप डायवर्सिफिकेशन में प्रदेश आगे
चौहान ने कहा कि कृषि विविधीकरण के लिए मध्य प्रदेश में दो परियोजनाओं की स्वीकृति एक राष्ट्रीय उपलब्धि है। वर्तमान में आईटीसी द्वारा औषधीय अश्वगंधा और तुलसी के 4500 एकड़ क्षेत्र में उत्पादन के साथ ही ग्रीन एंड ग्रेंस का जैविक सब्जियों और अनाज का 1235 एकड़ में उत्पादन काम शुरू हो गया है। चार अन्य परियोजनाओं पर परीक्षण का काम चल रहा है।
इन जिलों में बढ़ रहा उत्पादन
इनमें विदिशा जिले में हरी मटर और धनिया, रीवा, सतना, ग्वालियर, देवास, इंदौर, उज्जैन और शाजापुर में आलू उत्पादन, देवास में बांस उत्पादन और नर्मदापुरम, सीहोर एवं छिंदवाड़ा में संतरा और अमरूद का उत्पादन भी बढ़ाने का प्रयास है। अधिकारियों से कहा कि वे कृषि विविधीकरण में मध्य प्रदेश में किए गए ठोस प्रयास जारी रखें। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 3 साल में सरसों का उत्पादन दोगुना हो गया है। वर्तमान में 12 लाख 33 हजार हेक्टेयर में सरसों का उत्पादन हो रहा है।
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मोटा अनाज बांटेगी सरकार
सीएम ने कहा कि सप्ताह में एक दिन आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को और मध्यान्ह भोजन में विद्यार्थियों को मोटे अनाज जैसे कोदो- कुटकी का वितरण होगा। इससे आम लोग भी मोटे अनाजों के महत्व से परिचित होंगे। मोटे अनाज का पोषण की दृष्टि से अधिक महत्व है। उन्होंने बताया कि एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के क्षेत्र में भी मध्य प्रदेश अग्रणी है। बैंकों ने अब तक 3422 आवेदन सत्यापित कर 1878 करोड़ रुपए की राशि वितरित की है। प्रदेश में यूरिया, डीएपी की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
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