Imperator Carrot: इंपरेटर गाजर की विशेष किस्म जो किसानों की आय बढ़ाती है, जानिए

कैसे इंपरेटर गाजर की खेती से मिल सकती है अधिक आय

Imperator Carrot: आज के समय में किसानों को ऐसी फसलों की ज़रूरत है जो बाजार में अच्छी कीमत दिलाएं और लंबे समय तक खराब न हों। ऐसे में इंपरेटर गाजर किसानों के लिए एक बढ़िया विकल्प बनकर उभरी है। यह गाजर अपने गहरे नारंगी रंग, लंबाई और स्टोरेज क्षमता के लिए जानी जाती है। सही विधि से इसकी खेती करने पर किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं।

क्या है इंपरेटर गाजर? What is Imperator Carrot?

  • इंपरेटर गाजर सामान्य गाजर से थोड़ी अलग होती है।
  • इसका रंग गहरा नारंगी होता है।
  • लंबाई लगभग 6-7 इंच होती है।
  • यह मोटी और कम मीठी होती है।
  • जल्दी खराब नहीं होती, इसलिए स्टोरेज में ज्यादा दिन चलती है।

यह किस्म नॉर्थ अमेरिका में सबसे ज़्यादा पसंद की जाती है। भारत में इसकी खेती खासतौर पर हरियाणा, पंजाब, यूपी, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में की जाती है।

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गाजर की और भी किस्में Other Varieties of Carrots

इंपरेटर गाजर सबसे पहले 1928 में दो गाजर की किस्मों (नांतेस और चांतेने) को मिलाकर बनाई गई थी।
आज इसके कई वैरिएंट उपलब्ध हैं, जैसे:

  • इम्परेटर 58 (Heirloom किस्म)
  • ऑरलैंडो गोल्ड (30% ज्यादा बीटा-कैरोटीन)
  • अपाचे, ब्लेज, क्रूसेडर, स्वीटनेस आदि

इंपरेटर गाजर की खेती कैसे करें? How to cultivate Imperator carrot?

मिट्टी और जलवायु:

  • हल्की, ढीली और अच्छी तरह से सूखी मिट्टी होनी चाहिए।
  • पूरी धूप वाली जगह होनी जरूरी है।
  • भारी मिट्टी में खाद या कंपोस्ट मिलाकर हल्का कर लें।

बीज बोने का तरीका:

  • वसंत ऋतु में गाजर के बीज एक-एक फुट की दूरी पर पंक्तियों में बोएं।
  • ऊपर हल्की मिट्टी डालें और हल्के हाथ से दबाएं।
  • हल्का पानी दें ताकि बीज ठीक से जम जाएं।

नमी और देखभाल जरूरी

  • जब पौधे 3 इंच के हो जाएं, तो उनके बीच की दूरी 3-3 इंच रखें।
  • खेत में नमी बनाए रखें और समय-समय पर खरपतवार हटाते रहें।
  • 6 हफ्ते बाद हल्की मात्रा में नाइट्रोजन वाली खाद डालें।
  • जब गाजर की जड़ें ऊपर से 1.5 इंच चौड़ी दिखें, तो उन्हें निकालने का समय आ गया है।
  • ध्यान रहे, ज्यादा देर तक खेत में छोड़ने पर स्वाद खराब हो सकता है।

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कटाई और भंडारण की सही विधि

  • कटाई से पहले मिट्टी को हल्का गीला करें ताकि गाजर आसानी से निकलें।
  • पत्तियां काटकर केवल आधा इंच तक ही छोड़ें।
  • गाजर को गीली रेत या लकड़ी के बुरादे में परतों में स्टोर करें।
  • अगर ठंड का मौसम हो, तो खेत में भी गाजर को मल्च (घास या पुआल) से ढंककर छोड़ा जा सकता है।

इंपरेटर गाजर (Imperator Carrot) ना केवल पोषण से भरपूर है, बल्कि बाजार में इसकी अच्छी कीमत भी मिलती है।
सही विधि से खेती करने पर यह किस्म किसानों की आमदनी बढ़ाने में मददगार साबित हो सकती है।


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