गोबर धन योजना क्या हैं जानिए किसान कैसे ले सकते हैं गोबर धन योजना का फायदा
देश में गाय का गोबर की कीमत बढ़ने जा रही हैं, इसका ढांचा बन चूका हैं, जिसकी घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023 पेश करने के दौरान संसद में की है.
गोबर धन योजना – जी हां, गाय के गोबर पर देश की संसद में घोषणा की गई है. मतलब अब गाय के गोबर के भाव बढ़ने जा रहे हैं। बजट 2023 की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि जल्द ही 5 फीसदी गोबर से बनी बायो गैस का प्रयोग संस्थानों में अनिवार्य किया जाएगा. साथ ही वित्त मंत्री ने घोषणा की देश में 10 हजार बॉयोगैस इनपुट सेंटर बनाए जाएंगे।
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गोबरधन योजना क्या है?
“गोबरधन योजना” भारत सरकार की एक पहल है जो पशुओं के गोबर को उपयोगी उत्पादों में बदलने पर मुख्य ध्यान केंद्रित करती है, जैसे कि बायोगैस और कार्बनिक खाद। यह योजना पर्यावरण प्रदूषण समस्याओं का समाधान करने के साथ-साथ किसानों को अतिरिक्त आय प्रदान करने का उद्देश्य रखती है। “गोबरधन योजना” के तहत, सरकार बायोगैस प्लांट्स के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है और ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन ऊर्जा के प्रयोग को प्रोत्साहित करती है, इसका लक्ष्य सिर्फ अपशिष्ट प्रबंधन करने के साथ-साथ सुस्तान कृषि प्रथाओं और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देना है।
कैसे हुई गोबरधन योजना की शुरुआत
गोबर-धन योजना की शुरुआत पहली बार तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 1 फरवरी 2018 को की थी, और अब केंद्र सरकार के सहयोग से इस योजना को आगे बढ़ाया जा रहा है। गोबर धन योजना के अंतर्गत देश के किसानों से मवेशियों (गाय-भैंस) के गोबर और फसल के अवशेषों को उचित मूल्य पर खरीदकर इससे कंपोस्ट खाद, बायोगैस, या बायो CNG में परिवर्तित किया जाएगा।
गोबर धन योजना का उद्देश्य
“गोबर धन योजना” का प्रमुख उद्देश्य किसानों से पशुओं के गोबर को खरीदकर बायोगैस में परिवर्तित करना है। इस स्वच्छ जैव गैस ईंधन से ग्रामीण किसान, विशेष रूप से महिलाएं, लाभान्वित होंगी। इसके साथ ही, इस योजना का लक्ष्य देश के किसानों की आय में वृद्धि करना भी है। इसके अलावा, इस योजना का उद्देश्य देश को स्वच्छ बनाने के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को अतिरिक्त आय को बढ़ावा देना भी है।
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गोबर धन योजना की विशेषताएं
- गोबर धन योजना के अंतर्गत, किसान अब अपने खेतों में गोबर से बने उत्कृष्ट कम्पोस्ट खाद का उपयोग खाद के रूप में कर सकते हैं। जिससे खाद पर होने वाले खर्च में भी कमी आएगी।
- इसके साथ ही, इससे बनने वाली बायो गैस, बायो CNG के रूप में भी इसका उपयोग किया जा सकता है।
- गोबर धन योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता को बढ़ावा मिलेगा, जिससे ग्रामीण वासियो का स्वास्थ्य बेहतर होगा और बीमारी काम होगी।
- इस योजना के तहत, पशुओं के गोबर और अन्य प्रकार के खेती से बचने वाले जैविक अपशिष्ट जैसे भूसा, पत्ते से अतिरिक्त आमदनी और ऊर्जा का उत्पादन होगा।
- निकट भविष्य में, देश भर में 10 हजार बायोगैस इनपुट सेंटर बनाए जाएंगे।
गोबर धन योजना द्वारा गाय के गोबर के मूल्य में वृद्धि और उसके प्रयोग की बढ़ती संभावनाओं से साबित होता है कि देश कृषि और ऊर्जा के क्षेत्र में नए दिशानिर्देशों की ओर बढ़ रहा है। इसके साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता को बढ़ावा मिलेगा और अतिरिक्त आय स्रोतों की सम्भावना भी है। वित्त मंत्री द्वारा घोषित बॉयोगैस इनपुट सेंटरों के स्थापना की योजना से, हमारे देश में जैविक ऊर्जा के प्रयोग के क्षेत्र में नई दिशाएं खुल सकती हैं, जो साथ में विकास और स्वच्छता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकते हैं।
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