डिजिटल युग में किसानों के कल्याण के लिए एक नई पहल शुरू: ई-खसरा पड़ताल मोबाइल एप

ई-खसरा पड़ताल और उन्नत मोबाइल ऐप से किसानों को काफी मदद मिलने की उम्मीद है।

ई-खसरा पड़ताल मोबाइल एप: उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को लाभ पहुंचाने और कृषि क्षेत्र में डिजिटल उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक अभूतपूर्व पहल शुरू की है। रबी 2023-24 में हाल ही में लॉन्च की गई ई-खसरा पड़ताल और उन्नत मोबाइल ऐप से किसानों को काफी मदद मिलने की उम्मीद है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने गुरुवार को राजधानी के कृषि भवन सभागार में रबी 2023-24 ई-खसरा पड़ताल एवं उन्नत मोबाइल ऐप का अनावरण किया।

डिजिटल युग में किसानों के कल्याण के लिए एक नई पहल शुरू

डिजिटल युग में किसानों के कल्याण के लिए एक नई पहल शुरू हुई है। इस पहल का प्राथमिक लक्ष्य किसानों को फसल उत्पादन लागत कम करने में सहायता करना है, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो। मंत्री शाही ने रबी 2023-24 के दौरान राज्य के सभी 75 जिलों में ई-खसरा पड़ताल करने की योजना की रूपरेखा तैयार की। यह पहल किसानों को तकनीकी सुविधाएं प्रदान करने और उनकी आय बढ़ाने में योगदान देने के लिए तैयार है।

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किसानों के लिए ज्ञान और प्रौद्योगिकी का संयोजन

ई-खसरा पड़ताल परियोजना एग्रीटेक पर आधारित है, जो भारत के कृषि पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ाने के लिए समर्पित एक डिजिटल फाउंडेशन है। इस फाउंडेशन के तहत, ई-खसरा पेंटाकल (ई-केपी) परियोजना विभिन्न हितधारकों को निर्बाध रूप से एकीकृत करने, एक डिजिटल डेटाबेस प्रारूप स्थापित करने और किसानों की सेवाओं तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने का प्रयास करती है। यह परियोजना किसानों को तकनीकी सहायता प्रदान करने, बेहतर सुविधाएं और जानकारी प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई है।

राज्य के सभी 75 जिलों में फसल सर्वेक्षण का कार्य

मोबाइल ऐप लॉन्चिंग कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि सरकार ने किसानों के जीवन को खुशहाल बनाने के लिए डिजिटल फसल सर्वेक्षण कराने का निर्णय लिया है। रबी 2023-24 में प्रदेश के सभी जिलों में शत-प्रतिशत फसल सर्वेक्षण का कार्य ई-खसरा अन्ताल मोबाइल एप के माध्यम से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी 75 जिलों के कुल 110221 राजस्व ग्रामों में 7 करोड़ 87 लाख 73 हजार 211 गाटा भूमि शामिल है, जिसमें से 95270 राजस्व ग्रामों का मानचित्र भू-संदर्भित किया जा चुका है। इनमें कुल 6 करोड़ 69 लाख 37 हजार 766 जीएटीए जियो रेफरेंस हैं, जिनमें ई-खसरा जांच पूरी की जानी है। प्रदेश के सभी 75 जिलों में ई-खसरा जांच का काम 15 फरवरी तक पूरा कर लिया जायेगा।

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मोबाइल एप के जरिए प्रदेश के 21 जिलों में हुआ सर्वे

प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि प्रदेश में खरीफ सीजन 2023 के दौरान पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 21 जिलों और 54 जिलों की 10 ग्राम पंचायतों में डिजिटल फसल सर्वेक्षण का काम पूरी तरह से किया गया। योजना के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा विकसित मोबाइल एप के माध्यम से 21 जनपदों भदोही, सतंकबीर नगर, औरैया, महोबा, हमीरपुर, सुल्तानपुर, वाराणसी, जौनपुर, प्रतापगढ़, मीरजापुर, मुरादाबाद, जालौन, चित्रकूट, फर्रुखाबाद, अयोध्या, चदौंली, झाँसी, बस्ती। हरदोई, देवरिया और गोरखपुर तथा शेष 54 जिलों के 10-10 राजस्व ग्रामों में शत-प्रतिशत ई-खसरा जांच शुरू कर दी गई है। खरीफ 2023 में कुल 1,15,89,645 घाटों का सर्वेक्षण किया गया।

किसानों को फायदा होगा

कृषि मंत्री ने कहा कि ई-इन्वेस्टिगेशन डिजिटल क्रॉप सर्वे से जुटाए गए आंकड़ों से जहां किसानों को फायदा होगा, वहीं सरकार और उपभोक्ताओं को भी फायदा होगा, इस दौरान कृषि विभाग, राजस्व विभाग एवं पंचायत विभाग के कर्मचारियों को ई-खसरा जांच डिजिटल फसल सर्वेक्षण के बारे में विस्तार से प्रशिक्षण दिया गया। ई-खसरा पंजीयन मोबाइल एप के लिए सीपीएमयूएसएमटी के तहत प्रशिक्षण, ई-खसरा प्रकरण वेब एप्लीकेशन के लिए सीपीएमयूएसएमटी के बारे में विस्तार से प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव (कृषि) ने ई-खसरा जांच के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।


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