ग्रीष्मकालीन मूंग फसल में पीला मोजेक रोग से बचाव के आसान उपाय

पीला मोजेक रोग क्या है? What is yellow mosaic disease?

पीला मोजेक रोग (Yellow Mosaic Virus) मूंग और उड़द जैसी दालों की फसलों में पाया जाने वाला एक गंभीर वायरस जनित रोग है। यह रोग सफेद मक्खी (Whitefly) के माध्यम से फैलता है। इस रोग से फसलों की पत्तियाँ पीली पड़ने लगती हैं, जिन पर पीले रंग के धब्बे या मोजेक जैसी आकृति बन जाती है। इससे पौधों की वृद्धि रुक जाती है और उत्पादन में भारी गिरावट आती है।

मूंग फसल में पीला मोजेक रोग के लक्षण

  • पत्तियों पर पीले रंग के धब्बे दिखाई देना

  • धीरे-धीरे पूरी पत्ती पीली हो जाना

  • पौधे की बढ़वार रुकना

  • फूल और फलियों की संख्या में कमी

  • दाने छोटे और हल्के बनना

  • फसल की पैदावार में भारी नुकसान

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रोग के फैलने के कारण

  • सफेद मक्खी (Whitefly) का अधिक प्रकोप

  • संक्रमित बीजों का उपयोग

  • अत्यधिक गर्मी और उमस वाली जलवायु

  • लगातार एक ही फसल की बुवाई करना (फसल चक्र न बदलना)

कृषि वैज्ञानिकों की बचाव की सलाह

1. रोग प्रतिरोधक किस्मों का चयन करें

  • रोगरोधी मूंग की किस्में जैसे ‘SML-668’, ‘IPM-02-03’, ‘ML-818’ आदि की बुवाई करें।

  • स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) या कृषि विशेषज्ञों से रोगरोधी बीजों की जानकारी लें।

2. सफेद मक्खी पर नियंत्रण रखें

  • पीली स्टिकी ट्रैप का उपयोग करें।

  • नीम आधारित कीटनाशकों (नीम तेल 5 मिली/लीटर पानी) का छिड़काव करें।

  • कीटनाशक दवाइयाँ जैसे थायोमेथोक्साम 25 WG (100 ग्राम प्रति हेक्टेयर) का छिड़काव करें।

  • सफेद मक्खी के प्रकोप की निगरानी करें और समय रहते नियंत्रण करें।

3. बीज उपचार जरूर करें

  • बुवाई से पहले बीजों का ट्राइकोडर्मा या बाविस्टिन जैसी फफूंदनाशक दवाओं से उपचार करें।

  • 5 ग्राम थायोमेथोक्साम से प्रति किलोग्राम बीज उपचार करना फायदेमंद रहता है।

4. फसल चक्र अपनाएं

  • एक ही खेत में बार-बार मूंग या उड़द की फसल न लें।

  • दलहनी फसलों के साथ फसल चक्र बदलें, जैसे गेहूं, मक्का आदि।

5. खेत की साफ-सफाई रखें

  • खेत में उगने वाले खरपतवार और झाड़ियों को समय-समय पर हटाएं।

  • संक्रमित पौधों को तुरंत उखाड़कर नष्ट करें।

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समय पर रोकथाम जरूरी है

कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि पीला मोजेक रोग का समय पर नियंत्रण बेहद जरूरी है। अगर शुरुआत में ही ध्यान दिया जाए तो फसल को बचाया जा सकता है और उत्पादन में गिरावट को रोका जा सकता है। सफेद मक्खी की रोकथाम के उपाय और रोगरोधी किस्मों का चयन किसानों के लिए सबसे कारगर उपाय हैं।

ग्रीष्मकालीन मूंग फसल में पीला मोजेक रोग किसानों के लिए बड़ा खतरा है, लेकिन थोड़ी सी सतर्कता और कृषि वैज्ञानिकों की सलाह मानकर इस रोग से बचाव किया जा सकता है। इससे न सिर्फ फसल की सुरक्षा होगी, बल्कि पैदावार और किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी।


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