बारिश में करें ककोड़ा की खेती, होगी अच्छी कमाई
बारिश के मौसम में ककोड़ा की खेती से पाएं कम लागत में ज्यादा मुनाफा

ककोड़ा की खेती Cultivation of Kakora: ककोड़ा एक खास हरी सब्जी है जिसे कई जगहों पर काटवल, परोड़ा, कंटोला या खेख्सी भी कहते हैं। यह सब्जी जंगलों में खुद ही उग जाती है। इसमें पौष्टिकता के साथ औषधीय गुण भी होते हैं। इसे सब्जी और अचार दोनों तरह से खाया जाता है। ककोड़ा खाने से कफ, पित्त और मधुमेह जैसी बीमारियों में राहत मिलती है। इसकी जड़ें बवासीर और बुखार जैसी दिक्कतों में भी काम आती हैं।
क्यों करें ककोड़ा की खेती? Cultivation of Kakora
ककोड़ा (Kakora) की मांग बारिश के मौसम में ज्यादा रहती है। इसकी कीमत बाजार में 90 से 150 रुपये प्रति किलो तक जाती है। एक बार पौधा लगाने के बाद किसान इसे 8-10 साल तक तोड़ सकते हैं। मतलब बार-बार खेत तैयार करने की जरूरत नहीं। इससे किसानों को कम लागत में अच्छा मुनाफा मिल सकता है। जैसे महाराष्ट्र के एक किसान ने 3 एकड़ में ककोड़ा उगाकर 8 लाख रुपये तक कमाई की।
ककोड़ा की अच्छी किस्में
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने इंदिरा ककोड़ा 1 (RMF-37) नाम की किस्म तैयार की है। यह उत्तर प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में अच्छी तरह उगती है। यह किस्म कीटों से बचाव में भी मददगार है।
पहले साल में औसत उपज – 4 क्विंटल प्रति एकड़
दूसरे साल – 6 क्विंटल प्रति एकड़
तीसरे साल – 8 क्विंटल प्रति एकड़
इसके अलावा अम्बिका-12-1, अम्बिका-12-2, अम्बिका-12-3 किस्में भी बढ़िया उपज देती हैं।
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कैसे करें ककोड़ा की खेती?
मिट्टी: रेतीली, जैविक तत्वों से भरपूर और अच्छी पानी निकासी वाली मिट्टी बढ़िया रहती है। पीएच – 6 से 7।
खेत की तैयारी: बुवाई से पहले खेत को अच्छी तरह जुताई करें।
बीज या कंद: बीज से खेती में 8-10 किलो बीज प्रति हेक्टेयर लगते हैं। कंद से करना हो तो 10,000 कंद प्रति हेक्टेयर।
बुवाई तरीका: क्यारियां या गड्ढे बनाकर 2-3 बीज लगाएं। पौधे से पौधे की दूरी 1 मीटर रखें। एक गड्ढे में एक ही पौधा लगाएं। बीच-बीच में नर पौधे भी रखें ताकि परागण सही हो।
खाद, उर्वरक और सिंचाई
अंतिम जुताई में 200-250 क्विंटल गोबर की खाद डालें।
यूरिया – 65 किलो, एसएसपी – 375 किलो, एमओपी – 67 किलो प्रति हेक्टेयर डालें।
बारिश हो तो सिंचाई जरूरी नहीं। बारिश में लंबा गैप हो तो हल्की सिंचाई कर सकते हैं। खेत में पानी न ठहरे – वरना बीज और कंद सड़ सकते हैं।
खेत को खरपतवार से बचाने के लिए 2-3 बार गुड़ाई करें।
बेल को सहारा देने के लिए लकड़ी, तार या बांस का सहारा दें।
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कितनी कमाई?
ककोड़ा की खेती में मेहनत कम और मुनाफा ज्यादा है। एक बार पौधा लगाने के बाद किसान 8-10 साल तक फल तोड़कर बेच सकते हैं। कीमत 90 से 150 रुपये प्रति किलो तक मिलती है। बड़े स्तर पर खेती करने से लाखों रुपये की कमाई संभव है।
अगर किसान सही किस्म चुनें, सही तरीके से बुवाई करें और देखभाल रखें तो ककोड़ा की खेती से बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं। इसकी बाजार में मांग भी अच्छी रहती है और यह खेती बरसात में और भी फायदेमंद है।
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