अदरक की खेती कैसे करे ,कमाए लाखो का मुनाफा आइये जानते है कैसे

अदरक की खेती करके लाखों रुपए की कमाई कर सकते है।

 

किसान भाइयों आप अदरक की खेती करके लाखों रुपए की कमाई कर सकते है। सर्दियों में अदरक की मांग बाजार में काफी रहती है।अदरक को चाय से लेकर सब्जी बनाने में भी प्रयोग में लाया जाता है। इसके अलावा इससे सौंठ बनाई जाती है जिसका बाजार में कच्ची अदरक से ज्यादा भाव मिलता है। इस लेख के माध्यम से हम यही बताने जा रहे है कि अदरक की खेती से लाखो की कमाई कैसे करे। 

अदरक की खेती के लिए मिट्टी 

अदरक की खेती के बलुई दोमट मिट्‌टी उपयुक्त रहती है। जिसमें जल निकास की उत्तम व्यवस्था हो। अदरक की खेती के लिए भूमि का पी.एस.मान 5-6 ये 6 .5 अच्छे जल निकास वाली भूमि सबसे अच्छी अदरक की अधिक उपज के लिए रहती हैं। उस खेत में अदरक की फसल ना उगाएं जहां पिछली बार अदरक की फसल उगाई गई हो।मतलब हर साल एक ही ज़मीन पर अदरक की फसल ना लगाएं। अदरक की फ़सल के लिए उष्णकटिबंधीय और शीतोष्ण कटिबंध जलवायु की आवश्यकता होती है। गर्मियों का मौसम अदरक की फसल के लिए अधिक उपयुक्त होता है, क्योकि गर्मियों के मौसम में इसके कंद अच्छे से विकास करते है।इस की खेती समुद्र तट से 1500 मीटर तक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में की जा सकती है।

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अदरक की बुवाई कैसे करे

अदरक की बुवाई हमेशा कतारों में करनी चाहिए। इसमें कतारों के बीच की दूरी 30-40 सेंटीमीटर रखनी चाहिए। वहीं पौधे से पौधे की दूरी 25 सेंटीमीटर रखनी चाहिए। अदरक के कंद या पौधे की रोपाई के लिए जमीन में चार से पांच सेंटीमीटर का गड्‌ढा होना चाहिए। उन गड्‌ढों में पौधे या कंद से इसकी रोपाई की जा सकती है। अदरक की फसल को हल्की छाया देना चाहिए। इससे उत्पादन में वृद्धि होती है। बुवाई के बाद जमीन को घास-फूस से ढक देना  चाहिए और जब पौधा निकलने लगे तब यह घास-फूस हटा दिया जाएगा।

अदरक में खाद का उपयोग 

अदरक एक लम्बी अवधि की फसल हैं । जिसे अधिक पोषक तत्चों की आवश्यकता होती है । उर्वरकों का उपयोग मिट्टी परीक्षण के बाद करना चाहिए । खेत तैयार करते समय 250-300 किवंटल  हेक्टेयर के हिसाब से सड़ी हई गोबर या कम्पोस्ट की खाद खेत में सामन्य रूप से फैलाकर मिला देना चाहिए। 

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अदरक के पौधों की सिंचाई

अदरक की फसल को अधिक सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है,लेकिन इसकी प्रारंभिक सिंचाई को बीज रोपाई के 30 दिनों के अंदर कर देना चाहिए | इसके बाद 15 से 20 दिन के अंतराल में पौधों को पानी देना चाहिए | बारिश के मौसम में केवल जरूरत पड़ने पर सिंचाई करनी चाहिए |

अदरक की खुदाई

अदरक की बुवाई के 5 से 6 माह बाद हरी अदरक के लिए खुदाई कर सकते है। अदरक की फसल पकने के लिए करीब 7 से 8 महीने का समय लगता है। कंद की फावड़े या मशीन द्वारा खुदाई कर सकते है। 

अदरक के खेत में खरपतवार नियंत्रण

अदरक के पौधे भूमि की सतह पर रहकर ही पोषक तत्वों को ग्रहण करते है | इसलिए इसके पौधों को खरपतवार पर नियंत्रण की अधिक आवश्यकता होती है। खेत में खरपतवार नियंत्रण के लिए प्राकृतिक विधि निराई – गुड़ाई का इस्तेमाल किया जाता है। अदरक के खेत की पहली गुड़ाई को बीजो की रोपाई के एक महीने बाद करना चाहिए | अदरक के बीजो को अधिक गहराई में नहीं लगाया जाता है, इसलिए खरपतवार की गुड़ाई अधिक गहराई से नहीं करनी चाहिए। इसके खेत में 3 से 4 गुड़ाई की आवश्यकता होती है। पहली गुड़ाई के बाद 25 दिन अंतराल में बाकी की गुड़ाई को करना होता है। 

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अदरक का पौधा खराब होने का कारण 

अदरक के पौधों के मरने के सबसे सामान्य कारणों में गलत पानी देना, बहुत अधिक प्रकाश, गलत तापमान, पर्याप्त नमी न होना, पर्याप्त उर्वरक न होना, या अदरक के पौधे के रोग शामिल हैं। यह भोजन में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले सबसे महत्वपूर्ण मसालों में से एक है, जो इसके व्यावसायिक मूल्य को बढ़ाता है। हालाँकि, नरम सड़न (राइजोम रोट) अदरक का एक सामान्य रोग है जो पाइथियम और फुसैरियम एसपीपी जैसे कवक के कारण होता है। यह अदरक का सबसे विनाशकारी रोग है, जो उत्पादन को 50 से 90% तक कम कर सकता है।

अदरक की फसल को रोग और कीटों से बचाएं, होगा अच्छा मुनाफा 

अदरक एक प्रमुख गुणकारी नकदी फसल है, जिसका उपयोग औषधि और मसाले के तौर पर किया जाता है. भारत में अदरक का उत्पादन उड़ीसा, मेघालय, केरल, सिक्किम, आन्ध्र प्रदेश, असम, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, बंगाल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश समेत उत्तराखंड के कई राज्यों में होता है. बाजार में अदरक की मांग होती है, इसलिए किसान इसकी खेती से अच्छा मुनाफा  कमा सकते हैं, लेकिन इस फसल की उपज में कई बार रोग और कीटों के प्रकोप से भारी कमी आ जाती है। 

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अदरक का उपयोग

औषधियों के रूप में  

सर्दी-जुकाम, खाँसी ,खून की कमी, पथरी, लीवर वृद्धि, पीलिया, पेट के रोग, वाबासीर, अमाशय तथा वायु रोगीयों के लिये दवाओ के बनाने में प्रयोग की जाती हैं।

मसाले के रूप में

चटनी, जैली, सब्जियो, शर्बत, लडडू, चाट आदि में कच्ची तथा सूखी अदरक का उपयोग किया जाता हैं।

सौंदर्य प्रसाधन में

अदरक का तेल, पेस्ट, पाउडर तथा क्रीम को बनाने में किया जाता हैं।

अदरक की खेती से बम्पर कमाई 

एक हेक्टेयर में अदरक की खेती से करीब 150 से 200 क्विंटल निकलता है। मार्केट में अदरक की कीमत 80 रुपये किलो तक होती है, लेकिन अगर हम 50 से 60 रुपये का औसत भी मान लें तो एक हेक्टेयर से आपको 25 लाख रुपये की कमाई होगी।  सारा खर्चा हटाने के बाद भी 20 लाख रुपये की कमाई होती है। 


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