Urea DAP Price Update खाद पर महंगाई की मार, किसानों को राहत देगी सरकार
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आया उछाल लेकिन किसानों पर नहीं पड़ेगा बोझ
Urea DAP Price Update बढ़ती हुई महंगाई के बीच किसानों के लिए एक बार फिर से बुरी खबर सामने आ रही है। देश में एक बार फिर से अगले फसल सीजन से पहले खाद (fertilizer) के दामों में बढ़ोतरी होने वाली है। भारत इस समय खाद की बढ़ती कीमतों से जूझ रहा है। रूस-यूक्रेन संघर्ष सहित कई कारण सामने हैं जो अंतरराष्ट्रीय बाजार (International market) में खाद की कीमतों में तेजी ला रहा है।
बढ़ी हुई कीमतों के कारण सरकार सब्सिडी (subsidy) बिल को भी आगे बढ़ा रही है। उर्वरकों की बढ़ती हुई महंगाई के कारण लागत में बढ़ोतरी आएगी। हालांकि सूत्रों का दावा है कि सरकार किसानों पर इसका बोझ डालने वाली नहीं है। सरकार का प्रयास है कि किसानों को उचित कीमतों पर यूरिया (Urea) और डीएपी (DAP) जैसी जरूरी उर्वरक आसानी से उपलब्ध हो सके।
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गौरतलब है कि यूक्रेन-रूस युद्ध संकट से अलग अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए कड़े प्रतिबंधों ने भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद के दाम बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसी बीच सरकार लगातार यह प्रयास कर रही है कि खाद की बढ़ती हुई कीमतों के कारण किसानों पर आर्थिक बोझ ना पड़े। इसके लिए सरकार ने अपनी तैयारी के तहत उर्वरकों का भंडार सुरक्षित रखा है, ताकि आगामी फसल सीजन में यूरिया डीएपी की कमी ना हो और किसानों को यह उचित मूल्य पर मिल सके।
विदेश में भी महंगी-Urea DAP Price Update
एक समाचार एजेंसी के अनुसार अमेरिका, ब्राजील, पाकिस्तान और चीन जैसे देशों में यूरिया डायअमोनियम फास्फेट (डीएपी) और मूरिएट आॅफ पोटाश (एमओपी) बहुत अधिक महंगे दामों में बिक रही है। भारत में 50 किलो वाली यूरिया की एक बोरी की कीमत 266.70 पैसे की है। लेकिन यही 50 किलो की बोरी पाकिस्तान में 791 रुपए की मिल रही है। जबकि इंडोनेशिया में इतने ही वजन कि यूरिया 593 रुपए की दर पर बिक रही है। वहीं बांग्लादेश में भी यूरिया की बोरी की कीमत 719 बताई जा रही है।
अमेरिका में सबसे अधिक कीमत-Urea fertilizer price today
50 किलो यूरिया की कीमत चीन में भारत से 8 गुना अधिक है। जबकि ब्राजील में यूरिया भारत से 13 गुना से अधिक दाम में बिक रहा है। ब्राजील में यूरिया की 50 किलो की बोरी 3600 रुपए में बिक रही है। जबकि अमेरिका में इसकी कीमत 3060 रुपए प्रति बोरी है। चीन में किसानों को यह बोरी 2100 रुपए प्रति के हिसाब से दी जा रही है। वहीं इसी तरह इन देशों और भारत में डीएपी और एमओपी की कीमत में भी भारी अंतर है।
70 लाख मैट्रिक टन का है स्टॉक-Urea fertilizer price 2022
सूत्रों का दावा है कि अगर खाद की कीमत में इसी तरह तेजी आती रही, तो इस वित्तीय वर्ष में इनकी खरीद की लागत 2 लाख करोड रुपए तक जा सकती है। जबकी बढ़ी हुई कीमतों का वहन सरकार कर रही है। किसानों पर बोझ न पड़े इसके लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। किसानों को खाद में सब्सिडी दी जा रही है वहीं एक अन्य सूत्र ने कहा है कि रूस और ईरान में लगाए गए प्रतिबंध खाद की कीमतों में उछाल आने का मुख्य कारण है। सूत्रों के अनुसार सरकार ने 30 लाख मैट्रिक टन डीएपी और 70 लाख मीट्रिक टन यूरिया का स्टॉक किया हुआ है।
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पाकिस्तान में 3 गुना कीमत-Urea dap prices
भारत में डीएपी की कीमत की बात करें तो देश में 50 किलो डीएपी की कीमत 1200 से लेकर 1350 तक है। जबकि इंडोनेशिया ने इतनी ही डीएपी की कीमत 9500 रुपए बताई जा रही है। पाकिस्तान और ब्राजील में इतनी ही मात्रा की डीएपी की कीमत भारत से 3 गुना अधिक है। चीन में डीएपी की कीमत भारत से लगभग दोगुनी है। रॉक फास्फेट डीएपी एनपीके के लिए प्रमुख कच्चा माल है। कच्चे माल के लिए भारत निर्यात पर 90 फीसदी रूप से निर्भर है। यही कारण है कि अंतरराष्ट्रीय कीमतों में उतार-चढ़ाव का सीधा असर भारत की घरेलू कीमतों पर पड़ता है।
सरकार पर पड़ेगा आर्थिक बोझ
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण उत्पन्न हुई समस्याएं के साथ भारत अन्य खाद आयत विकल्पों पर भी विचार कर रहा है। भारत में उर्वरकों पर सब्सिडी दी जाती है। सरकार खाद की लागत का बड़ा हिस्सा वहन करती है। उम्मीद की जा रही है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में उर्वरकों की कीमत में वृद्धि के कारण सब्सिडी का बोझ दोगुना हो जाएगा। हाल के वर्षों में सब्सिडी 80 हजार से 90 हजार करोड़ रुपए के बीच पहुंच सकती है। सरकारी सूत्रों के अनुसार वित्तीय वर्ष में लगभग खाद की सब्सिडी 2 लाख करोड़ होने की उम्मीद है।
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