फसल विपणन सीजन 2025-26: किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी (MSP) पर गेहूं खरीदने की प्रक्रिया शुरू

सरकार ने शुरू की पंजीयन प्रक्रिया, जानिए कैसे करें एमएसपी (MSP) पर गेहूं के लिए पंजीयन, किसानों को गेहूं की खरीद पर मिलेगा बढ़ा हुआ एमएसपी और बोनस का लाभ

फसल विपणन सीजन 2025-26: किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी (MSP) पर गेहूं खरीदने की प्रक्रिया शुरू हो रही है। इसके लिए किसानों से एमएसपी पर गेहूं बेचने का आह्वान किया गया है और पंजीयन कराने को कहा गया है। राज्य सरकार ने किसानों को गेहूं पर अधिक लाभ देने के लिए बोनस देने की भी घोषणा की है। केंद्र सरकार ने पिछले साल के मुकाबले गेहूं के एमएसपी में 150 रुपये की बढ़ोतरी भी की है और इस पर राज्य सरकार की ओर से किसानों को 125 रुपये का बोनस दिया जाएगा। इस तरह इस बार राज्य के किसानों को एमएसपी पर फसल बेचने पर 275 रुपये प्रति क्विंटल का लाभ होगा।

फसल विपणन सीजन 2025-26 के लिए केंद्र सरकार की ओर से गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2425 तय किया गया है, जिस पर किसानों को राज्य सरकार की ओर से 125 रुपये का बोनस भी मिलेगा। इस तरह किसानों को एमएसपी पर गेहूं बेचने पर 2550 रुपये मिलेंगे। ऐसे में जो किसान गेहूं पर बढ़ी हुई एमएसपी और बोनस का लाभ लेना चाहते हैं, वे इसके लिए पंजीयन करा सकते हैं।

गेहूं के लिए कैसे कराएं निशुल्क पंजीयन

मध्य प्रदेश के कृषि मंत्रालय के अनुसार गेहूं की सरकारी खरीद के लिए पंजीयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। किसान एमएसपी पर गेहूं बेचने के लिए 31 मार्च 2025 तक पंजीयन करा सकेंगे। राज्य सरकार के अनुसार, प्रदेश के किसान अपने जिले की ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, तहसील कार्यालय, सहकारी समितियों में गेहूं के लिए निशुल्क पंजीयन करा सकते हैं। जो किसान इसके लिए ऑनलाइन पंजीयन कराना चाहते हैं, वे एमपी ऑनलाइन कियोस्क, कॉमन सर्विस सेंटर और लोक सेवा केंद्र पर 50 रुपए का शुल्क देकर पंजीयन करा सकते हैं। वहीं, सिकमी, बटाईदार, कोटवार और वन पट्टाधारी किसान सहकारी समिति और सहकारी विपणन सहकारी संस्था द्वारा संचालित पंजीयन सेंटर पर ही अपना पंजीयन करा सकेंगे। इस श्रेणी के किसानों का सत्यापन राजस्व विभाग द्वारा किया जाएगा।

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एमएसपी पर गेहूं बेचने के लिए पंजीयन के लिए कौन से दस्तावेज लगेंगे?

मध्य प्रदेश में एमएसपी पर गेहूं बेचने के लिए किसानों को पंजीयन कराने के लिए कुछ दस्तावेजों की जरूरत होगी। पंजीयन के लिए उन्हें जिन दस्तावेजों की जरूरत होगी, वे इस प्रकार हैं:

  • आवेदक किसान का आधार कार्ड
  • फोटो पहचान पत्र
  • किसान का बैंक खाता नंबर
  • खेत या जमीन के कागजात
  • बैंक खाते का आधार से लिंक होना जरूरी है और आपके खाते में डीबीटी चालू होना चाहिए, क्योंकि एमएसपी पर फसल खरीद का भुगतान और बोनस की राशि सरकार इसी खाते में भेजेगी।

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एमएसपी के लिए पंजीयन कराने वाले किसानों के लिए महत्वपूर्ण बातें

  • किसान द्वारा एमएसपी पर बेची गई उपज का भुगतान प्राथमिकता के आधार पर किसान के आधार से जुड़े बैंक खाते में किया जाएगा।
  • अगर किसान के आधार से जुड़े बैंक खाते में भुगतान करने में कोई दिक्कत आती है, तो किसान द्वारा पंजीयन में दिए गए बैंक खाते में भुगतान किया जा सकता है।
  • किसान पंजीयन के समय किसान को बैंक खाता नंबर और आईएफएससी कोड की जानकारी देनी होगी।
  • निष्क्रिय बैंक खाते, संयुक्त बैंक खाते और फिनो, एयरटेल, पेटीएम, बैंक खाते पंजीयन के लिए मान्य नहीं होंगे।
  • पंजीयन व्यवस्था में बेहतर सेवा प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक होगा कि किसान को अपना बैंक खाता एवं मोबाइल नम्बर अपने आधार नम्बर से लिंक कराना होगा तथा उसे अद्यतन रखना होगा।
  • सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे जिला एवं तहसील स्तर पर स्थापित आधार पंजीयन केन्द्रों को क्रियाशील रखें, ताकि किसान वहां जाकर आसानी से अपना मोबाइल नम्बर एवं बायोमेट्रिक अपडेट करा सकें। इस कार्य के लिए डाकघर में संचालित आधार सुविधा केन्द्र का भी उपयोग किया जा सकेगा।
  • पंजीयन एवं फसल विक्रय के लिए आधार नम्बर का सत्यापन कराना अनिवार्य होगा। आधार नम्बर से लिंक मोबाइल नम्बर पर प्राप्त ओटीपी अथवा बायोमेट्रिक डिवाइस से सत्यापन कराया जा सकेगा।
  • किसान का पंजीयन तभी संभव होगा, जब किसान के भू-अभिलेख खाते एवं खसरे में दर्ज नाम आधार कार्ड में दर्ज नाम से मेल खाएगा।
  • भू-अभिलेख एवं आधार कार्ड में दर्ज नाम में विसंगति होने पर तहसील कार्यालय से पंजीयन का सत्यापन कराया जाएगा। सत्यापित होने पर ही उक्त पंजीयन मान्य होगा।
  • बैंक खाते को आधार नम्बर से लिंक कराने के लिए बैंकों से समन्वय भी आवश्यक होगा। किसान के आधार लिंक बैंक खाते के सत्यापन के लिए पंजीयन के दौरान ही ई-उपार्जन/जेआईटी पोर्टल के माध्यम से मध्यप्रदेश राज्य आपूर्ति निगम द्वारा 1 रुपए का ट्रांजेक्शन किया जाएगा।
  • पूर्व रबी एवं खरीफ पंजीयन में जिन किसानों के मोबाइल नम्बर उपलब्ध हैं, उन्हें एसएमएस के माध्यम से सूचित करने के निर्देश दिए गए हैं।

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