डीएपी (DAP) खाद की कमी से परेशान किसानों को राहत

एनपीके और एसएसपी से पूरी होगी DAP की कमी – किसानों को मिलेगा फायदा

देश में खरीफ सीजन चल रहा है और किसानों को डीएपी (DAP) खाद की कमी का सामना करना पड़ रहा था। इसे देखते हुए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अब किसानों को डीएपी के साथ-साथ एनपीके और एसएसपी जैसे सस्ते और असरदार उर्वरक भी आसानी से मिलेंगे।

छत्तीसगढ़ सरकार ने दी राहत

छत्तीसगढ़ सरकार ने साफ कहा है कि किसानों को डीएपी (DAP) खाद की कमी से अब जूझना नहीं पड़ेगा। राज्य सरकार ने एनपीके और एसएसपी जैसे विकल्पों की सप्लाई बढ़ा दी है। भंडारण और वितरण का लक्ष्य भी बढ़ाया गया है ताकि किसानों को समय पर खाद मिल सके।

मुख्यमंत्री ने दिया भरोसा

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि किसानों को समय पर खाद और बीज देना सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। प्रशासन लगातार निगरानी कर रहा है ताकि किसानों को किसी तरह की परेशानी न हो और उत्पादन भी कम न हो।

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अब क्या मिलेगा किसानों को?

DAP की सप्लाई कम होने के कारण सरकार ने एनपीके और एसएसपी के वितरण लक्ष्य बढ़ा दिए हैं:

  • एनपीके का लक्ष्य बढ़ाकर 4.90 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया (पहले 1.80 लाख टन था)।

  • एसएसपी का लक्ष्य 2 लाख से बढ़ाकर 3.53 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया है।

  • डीएपी का लक्ष्य घटाकर 1.03 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया है।

  • यूरिया और एमओपी पहले जितना ही रखा गया है।

क्यों है एनपीके और एसएसपी असरदार?

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, एनपीके (NPK) और एसएसपी (SSP) डीएपी की तरह ही असरदार हैं। अगर फसल को नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश सही मात्रा में मिलें तो पैदावार पर कोई असर नहीं पड़ता।

डीएपी की एक बोरी में औसतन 23 किलो फॉस्फोरस और 9 किलो नाइट्रोजन होता है। इसकी जगह किसान तीन बोरी एसएसपी और एक बोरी यूरिया डाल सकते हैं। इससे पौधों को फॉस्फोरस और नाइट्रोजन के साथ-साथ कैल्शियम और सल्फर भी मिल जाते हैं, जो फसल की गुणवत्ता बढ़ाते हैं।

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कैसे मिलेगी किसानों को खाद?

सरकार ने पहले ही 12 लाख मीट्रिक टन खाद का भंडारण कर रखा है। अब तक 7 लाख मीट्रिक टन खाद किसानों को बांटी जा चुकी है। बाकी खाद सहकारी समितियों और दुकानों से किसानों को मिल रही है। खाद वितरण पर सख्त निगरानी रखी जा रही है ताकि कोई कालाबाजारी न हो और सभी किसानों को समय पर खाद मिल जाए।

अब किसान बिना किसी परेशानी के एनपीके, एसएसपी और यूरिया का इस्तेमाल कर खरीफ सीजन में अच्छी फसल ले सकेंगे। यह डीएपी से सस्ता भी है और असरदार भी।


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