बरसात में दुधारू पशुओं को पैरों की सड़न से ऐसे बचाएं, नहीं तो दूध देना हो जाएगा बंद
बरसात में पैरों की सड़न से दुधारू पशुओं को बड़ा खतरा होता है। सही देखभाल और समय पर इलाज से दूध उत्पादन पर असर पड़ने से बचा सकते हैं।

दुधारू पशुओं को पैरों की सड़न से ऐसे बचाएं: बरसात का मौसम जहां फसलों के लिए राहत और हरियाली लाता है, वहीं यह दुधारू पशुओं के लिए कई समस्याएं भी लेकर आता है। खासकर पैरों की सड़न (Foot Rot) की बीमारी बरसात में आम हो जाती है। यह बीमारी न सिर्फ पशु के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, बल्कि दूध उत्पादन पर भी बुरा असर डालती है। अगर समय पर ध्यान न दिया जाए तो दुधारू पशु दूध देना भी बंद कर सकते हैं।
पैरों की सड़न (फुट रॉट) क्या है?
बरसात में जब पशु लगातार गीली मिट्टी या कीचड़ में खड़े रहते हैं, तो उनके खुरों में बैक्टीरिया का संक्रमण हो जाता है। यही संक्रमण आगे चलकर पैरों की सड़न (Foot Rot) बन जाता है। यह बैक्टीरिया गंदगी और नमी में तेजी से फैलता है और खुर को नुकसान पहुंचाता है। खासकर वे पशु, जिन्हें रोज कीचड़ में खड़ा रहना पड़ता है और जिनकी सफाई ठीक से नहीं होती, उन्हें यह बीमारी जल्दी होती है।
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पैरों की सड़न को कैसे पहचानें?
पशुपालकों के लिए यह जरूरी है कि वे समय रहते इस बीमारी को पहचान लें। इसके लक्षण इस प्रकार हैं:
खुर और पैर में सूजन आना
खुर से बदबू आना
पशु का लंगड़ाना या चलने-फिरने में परेशानी होना
खुर के बीच से पस निकलना
दूध उत्पादन अचानक कम हो जाना
यदि इन लक्षणों को नज़रअंदाज किया जाए, तो बीमारी गंभीर हो सकती है और पशु दूध देना पूरी तरह बंद कर सकता है।
पैरों की सड़न से बचाव के आसान उपाय
बरसात में दुधारू पशुओं को इस बीमारी से बचाने के लिए पशुपालकों को कुछ साधारण उपाय करने चाहिए:
पशुओं को लंबे समय तक गीली मिट्टी या कीचड़ में खड़ा न रहने दें।
रोजाना खुर धोकर साफ करें और उन्हें सुखा दें।
सप्ताह में 2-3 बार पोटाशियम परमैंगनेट (KMnO4) या फिटकरी को गुनगुने पानी में मिलाकर खुर धोएं।
पशुशाला में पानी का जमाव न होने दें और नाली की नियमित सफाई करें।
पशुओं को हमेशा सूखी और साफ जगह पर रखें।
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समय पर इलाज क्यों जरूरी है?
अगर पशु में पैरों की सड़न के लक्षण दिखें, तो तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क करें। खुद से कोई दवा देने की कोशिश न करें। डॉक्टर की सलाह पर एंटीसेप्टिक दवा, पाउडर या स्प्रे का इस्तेमाल किया जा सकता है। समय पर इलाज कराने से यह बीमारी पूरी तरह ठीक हो सकती है और पशु फिर से सामान्य रूप से दूध देने लगता है।
बरसात में पैरों की सड़न दुधारू पशुओं के लिए बड़ी समस्या बन सकती है। साफ-सफाई, समय पर खुरों की देखभाल और तुरंत इलाज ही इससे बचने का सबसे अच्छा उपाय है। अगर आप चाहते हैं कि आपके पशु स्वस्थ रहें और दूध उत्पादन प्रभावित न हो, तो बरसात के मौसम में उनकी देखभाल में कोई लापरवाही न बरतें।
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