Soyabin Ka Utpadan Kaise Badhaye | बम्पर उत्पादन के लिए ऐसे करें सोयाबीन की बुवाई

Soyabin Ka Utpadan Kaise Badhaye | जानिये सोयाबीन बुवाई की उन्नत विधि होगी अधिक पैदावार

मध्यप्रदेश सहित देश के कई राज्यों में खरीफ के सीजन (Kharif season) में सोयाबीन की खेती मुख्य रूप से की जाती हैं। हमारे किसान भाइयों के मन में ये सवाल हमेशा आता होगा की इस बार Soyabin Ka Utpadan Kaise Badhaye खरीफ के सीजन की मुख्य तिहलन फसल की बात की जाए तो सबसे पहला स्थान सोयाबीन का ही हैं।

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मार्केट में अच्छे भाव मिलने के कारण भी सायोबीन की खेती अधिक संख्या में की जाती हैं। सोयाबीन का उत्पादन कैसे बढाये गौरतलब है कि सोयाबीन की बुवाई जून माह के पहले सप्ताह से शुरू हो जाती हैं। किसान भाईयों को सोयाबीन की अच्छी पैदावार के लिए उन्नत विधियों का प्रयोग करना चाहिए। जिससे की कम लागत में सोयाबीन की बंपर पैदावार हो।

करने के लिए डीके फीट कल्टीवेटर (पंजा) का उपयोग न करें। वहीं दूसरी और हर तीन साल में खेत का समतलीकरण जरूर करें। फसल बुवाई से पहले बीज अंकुरण की जांच के साथ ही बीज का उपचार आवश्यक रूप से करें। किसान भाईयों इस बात का भी विशेष रूप से ध्यान रखा जाए की खेत में उसी मात्रा में उर्वरक का उपयोग करे जितना मृदा स्वास्थ्य पत्रक की अनुशंसा में हो।

किसान भाइयों को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि हमेशा सोयाबीन की बुवाई पंक्ति में की जाए। जिसके परिणाम स्वरूप फसलों की निराई मैं आसानी होती है। और एक बात यह भी है कि सोयाबीन की बुवाई करते समय हमेशा  सीड ड्रिल का उपयोग करना चाहिए।

इसका मुख्य फायदा यह होता है कि बीज उर्वरक एक साथ खेत में पहुंच जाते हैं जिससे कि उर्वरक का फायदा पौधे को पूर्ण रूप से विकास होने में मिलता है। इसके अलावा किसान भाइयों को सोयाबीन की बुवाई फरो इरिगेटेड रेज्ड बेण्ड पद्धति  बीबीएफ से करना चाहिए। 

कम या ज्यादा वर्षा में भी होगा अच्छा उत्पादन

How to increase soybean production? परंपरागत विधि से सोयाबीन की खेती (soybean cultivation) करने की अपेक्षा किस विधि से खेती करना थोड़ा सा महंगा होता है लेकिन इस सोयाबीन की बंपर पैदावार की जा सकती है। सोयाबीन की खेती के दौरान कम या अधिक वर्षा होने की स्थिति में भी फसल का उत्पादन बहुत जोरदार होगा।

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार इस विधि में दो पंक्तियों के बाद एक गहरी एवं  चौडी नाली बनाई जाती है । जिसके कारण अधिक वर्षा होने पर भी सोयाबीन के पौधों को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है और इन नालियों के माध्यम से बारिश का अधिक पानी देश से बाहर निकल जाता है।

वहीं दूसरी ओर अगर हम बात करें समतल भूमि से सोयाबीन की खेती करने के विषय में अगर खेत में अधिक वर्षा के कारण पानी जमा हो जाता है तो फसल को अधिक नुकसान होने की संभावना रहती है।  जबकि इस विधि के माध्यम से अगर हम सोयाबीन की फसल की बुवाई करते हैं तो अल्प वर्षा में भी इसका फायदा मिलता है।

नाली  की अधिक गहराई होने के कारण उसने छोड़ा गया पानी अधिक समय तक जमीन को नमी प्रदान करता है। जिसके कारण पौधे को आवश्यक पानी मिलता रहता है। इसका फायदा भी होता है दो पंक्तियों के बीच चोरी नाली के कारण प्रत्येक पंक्ति मेंपुरी की रोशनी हवा पर्याप्त मात्रा में मिलती रहेगी। साथ ही सोयाबीन के पौधे के पौधे को  फैलाव के लिए अधिक मिल जाता है। जिसके परिणाम स्वरूप सोयाबीन के पौधे की शाखा में वृद्धि होती है अधिक मात्रा में फुल  तथा फलियों का उत्पादन भी होता है। 

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इस तरह करें सोयाबीन की बुवाई

रबी की फसल की कटाई के बाद खेत में गहरी जुताई रिवर्सिबल  मोल्ड बोर्ड  प्लाऊ प्रत्येक 3 साल के बाद अच्छी तरह से करें।सोयाबीन का उत्पादन बढ़ाने में खेत भी अहम भूमिका निभाते हैं। इसलिए खेती से पहले फिर तो को अच्छी तरह से तैयार करें। किसान भाइयों खेत की गहरी जुताई के लिए रिजिङ टाइम कल्टीवेटर अथवा मोल्ड बोर्ड प्लाऊ  का खेत में उपयोग करें। गौरतलब है कि खेत तैयार करने के लिए

कब करें सोयाबीन की बुवाई-Soyabin Ka Utpadan Kaise Badhaye

सोयाबीन की अधिक पैदावार के लिए किसानों को सोयाबीन की बुवाई जून के अंतिम सप्ताह से जुलाई के प्रथम सप्ताह के मध्य 4-5 इंच बारिश हाने पर करना चाहिए। रेज्ड बैड प्लांटर में जो फरो ओपन लगे रहे है, उनमें रिजर तथा मोल्ड बोर्ड के साथ सिर पायन्ट भी होता है। जिसके मोल्ड बोर्ड के पंखों की चौड़ाई आसानी से कम या ज्यादा की जा सकती हैं। जिससे उसकी ऊंची क्यारी एवं नाली की चौड़ाई एंव गहराई आसानी से कम या अधिक की जा सकती हैं।

फरो इरिगेशन रेज्ड बैड पद्धति की विशेषताएं

  • इस मशीन की सहायता से दो बैड या क्यारियां तैयार की जाती हैं। इस मशीन का बोर्ड प्रत्येक बैड में दो से तीन पंक्तियां बना सकता हैं।
  • विधि के अनुसार 15-20 से.मी. गहराई तथा 45-60 से. मी. चौड़ी नाली बनाई जाती हैं।
  • ऊंची क्यारी की चौड़ाई 45-60 से.मी. और उंचाई 10-15 से.मी. रखना चहिए।
  • ऊंची क्यारी एंव नाली की चौड़ाई एंव गहराई कम या ज्यादा करने की व्यवस्था भी इस मशीन में रहती हैं।
  • ऊंची क्यारी पर दो या तीन पंक्तियों की बुवाई की जा सकती हैं। पंक्तियों के बीच 25-30 से.मी. की दूरी रखी जाती हैं।

सोयाबीन की बुवाई में चौड़ी क्यारी विधि

ब्राड बैड (पद्धति बीबीएफ) सीड ड्रिल बहुउपयोगी मशीन हैं। जिसमें फरो ओपनर्स रबी के साथ ही खरीफ की फसलोें की दर से बदले जा सकते हैं। इस मशीन द्वारा 5-6 पंक्तियों में एक साथ एक ही समय पर बुवाई की जा सकती हैं। इसमें हर 5-6 पंक्तियों के बाद एक गहरी नाली बनाई जाती हैं।

उक्त नाली की चौड़ाई 30-40 से.मी. एवं गहराई 10-12 से.मी. रहना चाहिए। इसमें बुवाई के समय पंक्ति से पंक्ति की दूसरी बदलने की सुविधा भी होती हैं। इस बीबीएफ सीड ड्रिड में 9 दांते होते हैं। जिसकी सहायता से रबी के सीजन की फसल भी आसानी से बोई जा सकती हैं। किसान भाइयों आपको हमारा लेख Soyabin Ka Utpadan Kaise Badhaye कैसा लगा जरूर बताएं।


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