Soyabean ki kheti | भारी बारिश में सोयाबीन किसान क्या करें
soyabean ki kheti अपनी फसलों को भारी बारिश से बचाने के लिए किसान कई कदम उठा सकते हैं।
मौसम पर रखें नजर
soyabean ki kheti में भारी बारिश में सोयाबीन किसान क्या करें सबसे पहले आपको मौसम के अपडेट पर नजर रखना है। यदि आपके क्षेत्र में भारी बारिश का पूर्वानुमान है, तो खेत का दौरा करने और जलभराव की जांच करने के लिए तैयार रहें। बारिश के दौरान अपने खेत की जांच करते रहें और पानी को खेत में न रहने दें।
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खेत में पानी न भरने दें
24 घंटे की भारी बारिश के साथ 25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने से फसल गिर सकती है, सतर्क रहें। खेत में पानी न भरने दें।
यदि जल भराव की समस्या है तो जल निकासी की उचित व्यवस्था करें। आप ढलान की दिशा के आधार पर पानी को खेत से बाहर निकलना के लिए रास्ता बना सकते हैं। यह आमतौर पर तब किया जाता है जब पानी खेत में भरना शुरू हो जाता है।
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बीबीएफ पद्धति से करें बुवाई
मानसून की अनिश्चितता के कारण उत्पादन में स्थिरता हेतु सलाह है कि संभव होने पर सोयाबीन की बुवाई बीबीएफ (चौड़ी क्यारी पद्धति) या रिज फरो (कूड़ मेड़ पद्धति) से ही करें जिससे सूखे/अतिवर्षा के दौरान उत्पादन प्रभावित ना हो।
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खेत को खरपतवार मुक्त रखें
soyabean ki kheti के प्रारंभिक 45-60 दिनों के दौरान सोयाबीन के खेत को खरपतवार मुक्त रखना आवश्यक है ताकि खरपतवारों से होने वाली उपज हानि को कम किया जा सके। अत: किसानों को सलाह दी जाती है कि सोयाबीन में मोनोकोट/डाइकोट खरपतवारों के प्रबंधन के लिए उपयुक्त उपाय (डोरा/कुलपा के साथ निराई या अनुशंसित शाकनाशी) अपनाएं।
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