Soil Testing: बोवनी करने से पहले करें मिट्टी की जांच, जानिए अच्छी उपज के लिए क्या काम करें

यदि आप अपनी फसल से अच्छा उत्पादन चाहते हैं तो इस प्रकार करले मिटटी की जाँच

खेती के लिए मिट्टी की  जाँच एक महत्वपूर्ण कदम है। यह जांच हमें बताती है कि किस मिट्टी में कौन सी विशेष फसलें उगाई जा सकती हैं और फसलों के विकास के लिए उपयुक्त हैं या नहीं हैं। यह मिट्टी की संरचना, पोषक तत्वों की उपलब्धता, पी.एच. (पानी का हाइड्रोजन आयन संचयन) मान, मिट्टी का टेक्स्चर और पर्यावरणीय मानकों की माप करके होती है। मिट्टी की जांच के लिए निम्नलिखित विधियाँ अपनाई जा सकती हैं।

मिटटी की उच्चता की जांच करें

मिट्टी की उच्चता की परीक्षा के लिए, आप एक थैली ले और एक छोटा गड्ढा खुदाई करें। ध्यान दें कि उच्चता कम होनी चाहिए, जो मिट्टी की कोमलता को दर्शाता है।

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पानी के अवशोषण की जांच करें –

अपनी खेत की ज़मीन पर पानी की थोड़ी मात्रा में छोड़ें। यदि मिटटी उस पानी को अत्यधिक तेजी से सोख लेता हैं, तो मिट्टी की अवशोषण क्षमता अच्छी है।

पोषक तत्वों की जांच करें

मिट्टी की पोषकता की उपलब्धता की निश्चितता के लिए मिट्टी का नमूना लें और उसे प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए भेजें।

पीएच मान की जांच करें –

मिट्टी के लिए पीएच मान की जांच अत्यंत आवश्यक होती है। मिट्टी का पीएच मान आपको उचित पानी संरचना की जांच में सहायता करेगा। आप पीएच मीटर का उपयोग करके मिट्टी के पीएच मान को माप सकते हैं।

मिटटी के टेक्स्चर को जांचे –

फसलों की अधिक मात्रा के लिए मिट्टी की टेक्स्चर की जांच भी अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। मिट्टी की टेक्स्चर को मापन करने के लिए आप गोलाकार मिट्टी का उपयोग कर सकते हैं। इससे आपको मिट्टी के सही टेक्स्चर के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।

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मिट्टी के संरचनात्मक तत्वों की पहचान करें –

फसलों की बुवाई संरचना के आधार पर होती है। यदि आपको अपनी मिट्टी की संरचना के बारे में सही जानकारी चाहिए, तो मिट्टी के भागों को मापकर उनकी प्रमुख गुणवत्ताओं को निर्धारित करें, जैसे कि रेतीला, मिट्टी और मिट्टी के संघटक। यदि आपको यह काम कठिन लग रहा है, तो आप किसी प्रयोगशाला में इसे जांचवा सकते हैं। यदि आप खेती से पहले मिट्टी की ये जांचें पूरी कर लेते हैं, तो आप किसी भी फसल से उच्च उत्पादकता प्राप्त कर सकते हैं।

परिक्षण के बाद मिटटी को बनायें उपजाऊ

मिटटी को उपजाऊ बनाना कृषि में अत्यंत महत्वपूर्ण है। एक उपजाऊ मिटटी, संभावित रोपण, पौधों का विकास और उच्च उत्पादकता को सुनिश्चित करने में मदद करती है। इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम अपनाए जा सकते हैं।

  1. ऊपर बताएं गएँ तरीको से मिटटी का सम्पूर्ण विश्लेषण करें। इससे आपको मिटटी की विशेषताओं जैसे कि पीएच मान, ऊर्जा संरचना, पोषक तत्वों की उपलब्धता आदि का पता चलेगा।
  2. मिटटी की कमियों को दूर करें। अगर मिटटी में कोई कमी पाई जाती है, तो उसे संशोधित करें। पोषक तत्वों की कमी को आप खाद, कंपोस्ट, या अन्य पोषक उपयोग करके पूरा कर सकते हैं।
  3. मिटटी की संरचना को सुधारें। यदि मिटटी ज्यादा संकुचित है, तो आप उसे रेत, कंपोस्ट, या मूल मिटटी के साथ मिश्रित कर सकते हैं। इससे मिटटी का ड्रेनेज सुधारता है और जीवाणु गतिविधि को बढ़ावा मिलता है

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