दूध पर सब्सिडी के लिए 10 करोड़ रुपए की योजना को मंजूरी दी गई

यह योजना गाय और भैंसों के पालने वाले किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करेगी, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी।

दूध पर सब्सिडी: यह बहुत अच्छी खबर है। दूध पर सब्सिडी के लिए 10 करोड़ रुपए की योजना को मंजूरी दी गई है। यह योजना गाय और भैंसों के पालने वाले किसानों को बड़ी मात्रा में सहायता प्रदान करेगी, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी। इससे न केवल दूध उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि पशुपालकों की आमदनी में भी सुधार होगा।

किसानों को दूध उत्पादन पर 3 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी मिलेगी

सरकार पशु खरीद के लिए सब्सिडी की पेशकश करके और सब्सिडी वाले दूध की बिक्री के माध्यम से बेहतर मुनाफा सुनिश्चित करके पशुपालकों के बीच दूध उत्पादन में वृद्धि को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही है। इसी क्रम में राज्य सरकार ने इस पहल को सुविधाजनक बनाने के लिए 10 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी देते हुए पशुपालक किसानों के लिए 3 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी मंजूर की है।

प्राथमिक उद्देश्य गर्मी के महीनों के दौरान पशुपालकों को सहायता प्रदान करना है जब दूध का उत्पादन आम तौर पर गिर जाता है। जबकि इन किसानों को अपने जानवरों को बनाए रखने के लिए अधिक लागत खर्च करनी पड़ती है, सरकार की सब्सिडी का लक्ष्य उनके घाटे को कम करना और उनके मुनाफे को बढ़ाना है। राज्य सरकार को उम्मीद है कि इससे न केवल दूध उत्पादन बढ़ेगा बल्कि पशुपालकों की आय भी बढ़ेगी।

दूध सब्सिडी के लिए पात्रता और उद्देश्य

सब्सिडी उन पशुपालकों को दी जाएगी जो 2023 के अप्रैल और जून के बीच दुग्ध सहकारी समितियों के माध्यम से अपना दूध बेचते हैं। 10 करोड़ रुपये की अनुमोदित योजना द्वारा वित्त पोषित इस पहल का उद्देश्य सहकारी समितियों के माध्यम से गर्मी के महीनों के दौरान दूध की आपूर्ति करने वाले पशुपालकों को लाभ पहुंचाना है।

सब्सिडी वितरण और लाभार्थी

प्रत्यक्ष लाभ अंतरण DBT (डीबीटी) के माध्यम से दी जाने वाली सब्सिडी सहकारी समितियों से जुड़े पात्र पशुपालकों को वितरित की जाएगी। यह योजना 91 दिनों की अवधि को कवर करती है, इस अवधि के दौरान दुग्ध समितियों को दूध पहुंचाने वाले किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इस राशि से गर्मी के महीनों में दुग्ध समितियों को दूध की आपूर्ति करने वाले पशुपालकों को अनुदान दिया जाएगा।

दूध बेचने पर अनुदान

पशुपालन को मुनाफे का सौदा बनाने के लिए सरकार द्वारा किसान हित में कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं। यहाँ तक कि किसानों को दूध का उचित दाम मिल सके इसके लिए कई राज्य सरकारों के द्वारा प्रति लीटर दूध बेचने पर अनुदान भी दिया जाता है। इस कड़ी में बिहार सरकार ने राज्य में दूध उत्पादन कर रहे पशु पालकों को 3 रुपए प्रति लीटर की दर से अनुदान देने का निर्णय लिया है। बिहार सरकार ने पशुपालकों को प्रति लीटर दूध पर अनुदान देने के लिए 10 करोड़ रुपए की योजना को मंजूरी दी है। इससे गर्मी के दिनों में दूध का उत्पादन घटने के बावजूद पशुपालकों को घाटा नहीं होगा। दूध उत्पादन घटने पर होने वाले घाटे की भरपाई सरकार करेगी।

पशुपालकों के लिए दूध सब्सिडी के लाभ

सब्सिडी न केवल पशुपालकों के लिए अतिरिक्त आय सुनिश्चित करती है बल्कि उन्हें अपने दूध के लिए बेहतर कीमत दिलाने में भी मदद करती है। गर्मियों में अक्सर गर्मी के कारण दूध उत्पादन में गिरावट देखी जाती है, जिससे भोजन की लागत बढ़ जाती है और दूध उत्पादन कम हो जाता है। दूध पर सब्सिडी देकर, बिहार राज्य सरकार का लक्ष्य पशुपालकों के सामने आने वाली इन चुनौतियों को कम करना है, जिससे चुनौतीपूर्ण मौसम के दौरान भी उनकी लाभप्रदता सुनिश्चित हो सके।


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