रियावन लहसुन: तीखा स्वाद, बड़ी कलियां और 50 क्विंटल पैदावार | मिला GI टैग
रियावन लहसुन अपने तीखे स्वाद और बड़ी कलियों के लिए मशहूर है। GI टैग मिलने के बाद इसकी अंतरराष्ट्रीय पहचान और किसानों की कमाई दोनों बढ़ी हैं।

मध्यप्रदेश के रतलाम जिले का रियावन लहसुन अब पूरे देश ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना चुका है। बड़े आकार की कलियां, तीखा स्वाद और औषधीय गुणों के कारण इसे खास किस्म माना जाता है। यही वजह है कि इस लहसुन को साल 2024 में GI (Geographical Indication) टैग मिला है। सबसे बड़ी बात यह है कि एक एकड़ में इसकी पैदावार लगभग 50 क्विंटल तक हो सकती है, जिससे किसानों को लाखों की आमदनी होती है।
क्यों खास है रियावन लहसुन?
तीखा स्वाद और अधिक तेल की मात्रा
बड़ी-बड़ी कलियां और आकर्षक रंग
लंबे समय तक सुरक्षित रखने की क्षमता
औषधीय गुणों से भरपूर
GI टैग मिलने के बाद अंतरराष्ट्रीय पहचान
यही वजह है कि आज रियावन और आसपास के गांवों में किसान इस किस्म की खेती बड़े पैमाने पर कर रहे हैं।
GI टैग कैसे मिला?
रियावन फार्म फ्रेश प्रोड्यूसर कंपनी ने जनवरी 2022 में चेन्नई में GI टैग के लिए आवेदन किया था। लगातार प्रयासों के बाद मार्च 2024 में इसे GI टैग की मान्यता मिल गई। GI टैग का मतलब होता है कि कोई उत्पाद विशेष रूप से एक तय भौगोलिक क्षेत्र से जुड़ा है और वही उसकी असली पहचान है। इससे उस प्रोडक्ट को नकली उत्पादों से सुरक्षा मिलती है और बाजार में उसकी मांग और कीमत दोनों बढ़ती हैं।\
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20 साल से हो रही खेती
रतलाम जिले के रियावन गांव और आसपास के इलाकों में पिछले 20 सालों से पारंपरिक तरीके से लहसुन की खेती की जा रही है। यहां करीब 18,000 हेक्टेयर में लहसुन की खेती होती है, जिसमें लगभग 700 से ज्यादा किसान जुड़े हुए हैं। इन किसानों ने मिलकर रियावन फार्म फ्रेश प्रोड्यूसर कंपनी बनाई है, जो उन्हें बीज, दवाइयां, तकनीकी सलाह और मार्केटिंग की सुविधा देती है। इससे किसानों को बेहतर पैदावार और बाजार में अच्छी कीमत मिलती है।
पैदावार और कमाई का हिसाब
एक एकड़ खेत में रियावन लहसुन से औसतन 50 क्विंटल पैदावार होती है।
बाजार में इसकी कीमत ₹10,000 से ₹21,000 प्रति क्विंटल तक हो सकती है।
एक एकड़ में खेती की लागत लगभग ₹40,000 आती है।
यानी किसान एक सीजन में ₹5 लाख से ₹10 लाख तक कमा सकते हैं।
रियावन लहसुन से जुड़े मुख्य तथ्य
साल 2024 में GI टैग प्राप्त
2022 में आवेदन किया गया था
मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में होती है खेती
पैदावार 50 क्विंटल प्रति एकड़ तक
700 से ज्यादा किसान जुड़े हुए
स्वाद तीखा, तेल अधिक और कली बड़ी
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रियावन लहसुन आज किसानों की कमाई का बड़ा जरिया बन चुका है। GI टैग मिलने के बाद इसकी पहचान देश और विदेश दोनों जगह बढ़ी है। बेहतर पैदावार, कम लागत और ऊंचे दामों के कारण यह किस्म किसानों के लिए बेहद फायदेमंद है।
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