DAP खाद: जानिए खेत में खाद डालने का सही तरीका (DAP Khad)

DAP खाद के फायदे हैं ठीक उसी तरह से इसके नुकसान भी है। जाने डीएपी खाद का उपयोग कैसे करें?

उच्च फसल पैदावार प्राप्त करने के लिए डीएपी उर्वरक एक मूल्यवान संसाधन हो सकता है, लेकिन इसका अनुचित और अत्यधिक उपयोग आपकी फसलों के लिए महत्वपूर्ण जोखिम पैदा कर सकता है। इस लेख के माध्यम से, हम जानेगे कि खेत में खाद डालने का सही तरीका क्या है?

स्वस्थ फसल उगाने में खाद की महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं। अच्छी फसल के लिए किसान बाजार में उपलब्ध कई उर्वरक जैसे डीएपी खाद, उर्वरक आदि खरीदकर खेतों में डालते हैं, हालाँकि, यह जानना आवश्यक है कि इन उर्वरकों के अंधाधुंध उपयोग से मिट्टी और फसल दोनों को नुकसान हो सकता है।

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DAP खाद के नुकसान

जैसे कि इस खाद के फायदे  हैं ठीक उसी तरह से इसके नुकसान भी है।

  • खेत में अधिक मात्रा में DAP खाद का इस्तेमाल करने से मिट्टी की उपजाऊ क्षमता खत्म हो जाती है।
  • इसके अलावा इसका छिड़काव खेत में उगने वाली सब्जियों में भी कुछ मात्रा में इसके केमिकल पाए जाते हैं। खास तौर पर अनाज, सब्जियों व फलों में DAP खाद के केमिकल (DAP fertilizer chemicals) पाए जाते हैं।
  • बारिश के समय यह केमिकल (Chemical) तेजी से फैलता है। दरअसल, जब बारिश होती है, जो खेत की मिट्टी एक स्थान से दूसरे स्थान पर पानी के बाहाओं से चली जाती है, ऐसे में खाद का केमिकल भी दूसरे खेत व सब्जियों में भी मिल जाता है, जिसे इसकी कोई आवश्यकता नहीं होती है।
  • अगर इसका अधिक इस्तेमाल किया जाता है तो यह आपके फसल के लिए और जमीन के लिए हानिकारक हो सकती है और आपकी फसल को बर्बाद भी कर सकती है इसलिए सीमित मात्रा में डीएपी खाद का उपयोग करें और किसी भी खाद या सपरे का ज्यादा अधिक उपयोग अपने खेत में ना करें।

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जाने डीएपी खाद का उपयोग कैसे करें?

डीएपी खाद का उपयोग करने का सबसे सही समय फसल की बुआई का समय होता है, हालांकि, कई किसान ऐसे भी हैं जो डीएपी का प्रयोग बुआई के समय ना करके पहली या दूसरी सिंचाई के समय करते हैं। अगर 1 एकड़ में डीएपी के सही इस्तेमाल की बात करें तो इस खाद को प्रति एकड़ में 50 किलो तक ही इस्तेमाल करना चाहिए।

यह खाद पौधों के पोषक तत्वों के लिए सबसे बढ़िया माना जाता है, जब इस खाद को मिट्टी में मिलाया जाता है तो यह उसमें अच्छी तरह से मिक्स हो जाता है और पौधों की जड़ों के विकास में अपना पूरा योगदान देता है। इसके साथ ही यह खाद पौधों की कोशिकाओं के विभाजन में भी बहुत शानदार तरीके से काम करता है।

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