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सरकार के प्रवक्ता और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मप्र में लागू की जा रही आरटीसी प्रणाली संभवत: देश की पहली पायलट परियोजना होगी. परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि इस परियोजना के तहत बस ऑपरेटरों को मोटर वाहनों में छूट दी जाएगी. अंदरूनी इलाकों में 20 सीटर बसें चलाई जाएंगी। इन बसों का संचालन इस तरह से किया जाएगा कि इनके रूट बड़ी बसों के रूट को आपस में जोड़ दें। अगर पायलट प्रोजेक्ट सफल होता है तो इसे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा।
कैबिनेट ने अस्थायी आधार पर बालू उपलब्ध कराने के ठेके के प्रावधान को मंजूरी दी है। इसके मुताबिक नीलामी तीन महीने के लिए होगी। नीलामी केवल वहीं आयोजित की जाएगी जहां रेरा सहित सभी आवश्यक अनुमोदन पहले से ही मौजूद हैं। इसके लिए पहली बोली 10 दिन में दी जाएगी और दूसरी बोली के लिए केवल 5 दिन का समय दिया जाएगा।
158.6 करोड़ रुपये की लागत वाली सिमरिया सूक्ष्म सिंचाई परियोजना को मंजूरी दी गई है। इससे रीवा जिले के 86 गांवों को लाभ मिलेगा। इससे 9 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो सकेगी। इसके रखरखाव पर 1250 प्रति हेक्टेयर खर्च होने की संभावना है। इसके लिए कैबिनेट ने 3670.19 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।
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