MSP Update | किसानो से 6 प्रतिशत टूटन वाला गेहूं भी खरीदेगी सरकार- पहले की तरह जारी रहेंगे नियम

MSP Update | न्यूनतम समर्थन मूल्य | खुले बाजार में अभी भी मिले रहे गेहूं के दाम ज्यादा

MSP Update निर्यात में रोक लगने के बाद भी खुले बाजारों में गेहूं के दाम सरकार द्वारा दिए जा रहे न्यूनतम समर्थन मूल्य 2022 से ज्यादा चल रहे हैं। यही कारण है की सरकारी खरीद के आंकड़े में कोई अभी भी कोई उल्लेखनीय वृद्धि देखने को नहीं मिली। मप्र सरकार ने Gehu पर किसानों को 2015 रु क्विंटल का भाव दिया है। लेकिन खुले बाजारों में यही गेहूं 2000-2200 रु. क्विंटल चल रहा है।

फ्लोर मील को बेच रहे गेहूं

उधर, MP Government ने साफ किया है कि अभी सरकारी खरीद में पहले की ही तरह 6 प्रतिशत टूटन वाला गेहूं भी खरीदा जाएगा। 18 प्रतिशत टूटन का नियम केवल पंजाब और हरियाणा के लिए है। निर्यात के लिए कांडला पोर्ट भेजे गए गेहूं को भी व्यापारियों ने वहां के फ्लोर मील संचालकों को बेचना चालू कर दिया है।

16 मई को लगी थी रोक

केंद्र सरकार ने 16 मई को गेहूं के निर्यात पर रोक लगाई थी। MSP Update यह रोक 13 तक के लिए थी। इसके बाद निर्यातकों ने कांडला पोर्ट में 12 मई तक पहुंचा गेहूं उतरवा लिया लेकिन इसके बाद आया गेहूं उतारने से इंकार कर दिया। नतीजतन बाद में gehu लेकर आए ट्रक पोर्ट के बाहर ही खड़े थे।

गुजरात में मिल रहे अच्छे भाव

मप्र के 4000 ट्रक कांडला पोर्ट में फंसे थे। MSP Update इनमें से आधे 13 मई के बाद के थे। करोंद मंडी व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश ज्ञानचंदानी ने बताया कि इन ट्रक के भी सौदे गुजरात में ही हो रहे हैं। पोर्ट पर रेट 2600 रु. क्विंटल के थे। लेकिन अब इन्हें गुजरात में ही 2300 रुपये तक का भाव मिल रहा है।
मंडियों में आवक एक तिहाई तक घटी. प्रदेश की मंडियों में दो दिन की हड़ताल के बाद गुरुवार को व्यापारी माल खरीदने पहुंचे। लेकिन गेहूं की आवक बेहद कम रही। भोपाल की मंडी में सामान्य दिन की तुलना में केवल एक तिहाई ही गेहूं की आवक हुई।

किसान का हर दाना खरीदेगी सरकार

यहां 16 मई को यहां 15000 क्विंटल गेहूं की आवक हुई थी। यह 19 मई गुरुवार को केवल 5,000 क्विंटल की ही रही। मप्र में अभी Minimum Support Price पर गेहूं 6 प्रतिशत टूटन के साथ ही खरीदा जा रहा है। 18 प्रतिशत का नियम पंजाब और हरियाणा के लिए है। MSP Update सरकारी समर्थन मूल्य पर खरीद 31 मई तक जारी रहेगी। सरकार का कहना है की किसानो की उपज का हर दाना सरकार द्वारा खरीदा जायेगा।

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