महोगनी के पेड़ लगाएं, एक बीघा में कमाएंगे सवा करोड़
किसान भाई एक बार मोहगनी पेड़ लगाए और आराम के साथ जीवन बिताएं।
किसान भाईयों के लिए खुशखबरी – मोहागनी की खेती मतलब किसानों के लिए पेंशन व रिटायरमेंट की सुविधा और नवयुवक एवं युवतियों के लिए स्वयं रोजगार की उपलब्धि के साथ ही नन्हें बालक एवं बालिकाओं के लिए शिक्षा एवं शादी के खर्च की पूर्ण व्यवस्था।
मोहगनी का उपयोग
मोहगनी वृक्ष की लकड़ी को काफी बेशकीमती माना गया है। महोगनी एक इमारती लकड़ी है, जिससे फर्नीचर, प्लाईवुड, जहाज, संगीत वाद्य, बंदूक का कोंदा आदि बनाए जाते हैं। साथ ही इसकी लकड़ी पानी से खराब नहीं होती है, इसलिए इससे मेड़ भी बनाए जाते हैं।
मोहगनी एक औषधीय पौधा भी है. इसके फल एवं पत्तों का उपयोग कैंसर, ब्लडप्रेशर, अस्थमा, सर्दी, मधुमेह सहित अनेक प्रकार के रोगों में होता है तथा कई प्रकार की कीटनाशक दवाईयों में उपयोग होता है।
महोगनी वृक्ष को बहुत ही कीमती वृक्ष के रूप में जाना जाता है, यह ऐसा वृक्ष है जिसके सभी भागों को उपयोग में लाया जाता है। महोगनी पेड़ खासकर व्यापारिक उद्देश्य के लिए होता है, यह अत्यधिक मजबूत और टिकाऊ वृक्ष होता है, इसका इस्तेमाल कीमती फर्नीचर, सजावट की वस्तुएं और मूर्तियों को बनाने में होता है।
महोगनी की लकड़ी मजबूत और काफी लंबे समय तक उपयोग में लाई जाने वाली लकड़ी होती है। यह लकड़ी लाल और भूरे रंग की होती है। इस पर पानी से नुकसान का कोई असर नहीं होता है। 50 डिग्री सैल्सियस तक तापमान वाले क्षेत्र में लगाया जा सकता है। आमतौर पर इसकी लम्बाई 80-90 फीट तक जाती है। इन पेड़ों की जड़े कम गहरी होती हैं। भारत में इन्हें पहाड़ी क्षेत्रों को छोड़कर किसी भी जगह उगाया जा सकता है।
महोगनी के पेड़ों को किसी भी उपजाऊ मिट्टी में उगाया जा सकता है। लेकिन जल जमाव वाली भूमि में इसके वृक्ष को ना लगाएं और ना ही पथरीली जगह पर लगावें। इसके पेड़ों में किसी तरह के रोग नहीं देखने को मिलते हैं, इसके पौधे सीधे कतार में और सूरज की रोशनी के विपरीत लगाने चाहिए। इसके आसपास सब्जियाँ एवं फलों की उपज ली जा सकती है।
महोगनी उगाने का तरीका
खेत एवं खेत की मेड़ पर उगायें 2.5 फिट गहरा गड्ढा खोद कर खाद डालें, दीमग की शिकायत हो तो दवाई डालकर 1 दिन छोड़ दे और अगले दिन पौधा लगावें।
महोगनी पौधों की सिंचाई
महोगनी के पौधों को खेत में लगाने के बाद उन्हें शुरुआत में सिंचाई की ज्यादा जरूरत होती है। इस दौरान पौधों को गर्मियों में 5-7 दिन के अंतराल में पानी देना चाहिए और सर्दियों में 10 से 15 दिन के अंतराल में पानी देना उचित होता है। जबकि बारिश के वक्त इसके पेड़ों को पानी की जरूरत नहीं होती है। पौधे के बढ़ने के साथ पानी की जरूरत की दर भी घट जाती है। महोगनी के एक पूर्ण विकसित वृक्ष को साल में 5-6 बार सिंचाई ही काफी होती है।
महोगनी पैदावार और लाभ
महोगनी की खेती से किसान भाई एक एकड़ में 8-10 साल बाद करोड़ों की कमाई कर लेता है। क्योंकि इसके पेड़ की लकड़ियाँ दो हजार से 2200 रुपए प्रति घनफिट के हिसाब से बिकती हैं। यह पौधा 5 वर्ष में एक बार बीज देता है। एक पौधे से 5 किलो बीज मिलते हैं। इसके बीज एक हजार रुपए प्रतिकिलो तक बिकते हैं। जिससे भी किसान भाई को अच्छी आमदनी मिलती रहती है।
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SHREE TARU ENTERPRISES
सेठी नगर, उज्जैन (मध्य प्रदेश) Call 7898425234
नोट:महोगनी का पेड़ खेत की मेड पर लगा सकते हैं, इसकी पत्तियां आयुर्वेदिक दवाई मैं भी काम आती है, और अगर यह पत्तियां खेत में डाल दो तो खाद का काम करती है।
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