लम्पी स्किन डिजीज 2022 MP सरकार ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर, पशुओं की आवाजाही पर रोक
सरकार की चिंता लम्पी स्किन डिजीज 2022 को लेकर इसलिए बढ़ी हुई है क्योंकि यह राजस्थान और गुजरात दोनों से सटा हुआ है
दुधारू पशुओं में तेजी से फैल रहे लम्पी स्किन डिजीज 2022 को लेकर मध्य प्रदेश सरकार ने सतर्कता बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक महीने में तीसरी बार लम्पी वायरस पर काबू पाने के लिए बैठक की। मुख्यमंत्री के निर्देश पर भोपाल में राज्य स्तरीय रोग नियंत्रण हेल्पलाइन नंबर (0755-2767583, टोल फ्री नंबर 1962) जारी किया गया है। सीएम चौहान ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को बुलाकर जल्द से जल्द इस बीमारी पर नियंत्रण करने के निर्देश दिए हैं।
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चौहान ने कहा कि अधिकारी पशुपालकों को पशुओं को इस बीमारी से बचाने के उपायों की जानकारी दें। ग्राम सभा बुलाकर उन्हें जागरूक करें। गौशालाओं में पशुओं का शीघ्र टीकाकरण कराएं। इस बीमारी को बहुत गंभीरता से लें। अगर कोई जानवर बीमार है, तो उसकी बीमारी को छुपाएं नहीं। बल्कि लोगों को जागरूक करें। संक्रमित जानवरों की आवाजाही को सख्ती से प्रतिबंधित करें, ताकि अन्य जानवर संक्रमित न हों।
जानवरों की आवाजाही पर नज़र
दरअसल, लंपी को लेकर मध्य प्रदेश सरकार की चिंता बढ़ गई है क्योंकि यह राजस्थान और गुजरात दोनों से सटा हुआ है। दोनों में सबसे ज्यादा कहर लम्पी का है। दोनों राज्यों में बड़ी मात्रा में जानवरों की आवाजाही होती है। ऐसे में एक राज्य से दूसरे राज्य में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए सरकार विशेष रूप से गुजरात और राजस्थान से सटे जिलों में पशुओं की आवाजाही पर नजर रख रही है।
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लम्पी स्किन डिजीज 2022 के प्रमुख लक्षण
- संक्रमित जानवर में हल्का बुखार।
- मुंह से अत्यधिक लार आना और आंखों और नाक से पानी जैसा स्राव होना।
- सूजन लिम्फ नोड्स और पैर और दूध उत्पादन में कमी।
- गर्भवती पशुओं में गर्भपात और कभी-कभी पशु की मृत्यु।
- जानवर के शरीर पर त्वचा में 2 से 5 सेमी आकार की बड़ी संख्या में गांठें बन जाती हैं।
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लम्पी स्किन डिजीज 2022 रोग को कैसे रोकें
- संक्रमित जानवरों या झुंडों को स्वस्थ जानवरों से अलग रखें।
- जानवरों के परजीवी कीड़े, घुन, मक्खियों, मच्छरों आदि को कीटनाशकों और वायरस हत्यारों से नष्ट करें।
- जानवर के आवास या बाड़े को साफ रखें।
- संक्रमित क्षेत्र से अन्य क्षेत्रों में जानवरों की आवाजाही को रोकें।
- जब रोग के लक्षण दिखाई दें तो पशु चिकित्सक से उपचार कराना शुरू करें।
- क्षेत्र में बीमारी का प्रकोप रुकने तक पशु बाजार, मेलों और जानवरों की खरीद-बिक्री बंद करें।
- स्वस्थ पशुओं का टीकाकरण कराएं।
- यदि पशुओं में ढेलेदार चर्म रोग के लक्षण दिखाई दें तो नजदीकी पशु चिकित्सालय में संपर्क करें।
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राज्य सरकार का दावा है कि प्रदेश में लम्पी स्किन डिजीज 2022 की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए पशुपालन एवं डेयरी विभाग विशेष सतर्कता बरतते हुए अलर्ट जारी कर रहा है। संक्रमित क्षेत्रों और जिलों में पशुओं का टीकाकरण किया जा रहा है। बीमार पशुओं को दवा दी जा रही है।
लम्पी स्किन डिजीज 2022 एलएसडी रोग का फैलाव
Lumpy Skin Disease (एलएसडी) क्रेप्रिपंक्स वायरस से फैलता है। यदि एक जानवर संक्रमित हो जाता है, तो अन्य जानवर भी इससे संक्रमित हो जाते हैं। यह रोग मच्छरों-मक्खियों और चारे से फैलता है।
भीषण गर्मी और पतझड़ के महीनों के दौरान संक्रमण बढ़ जाता है क्योंकि मक्खियाँ भी अधिक संख्या में हो जाती हैं। वायरस दूध, नाक स्राव, लार, रक्त और अश्रु स्राव में भी स्रावित होता है, जो जानवरों के लिए चारा और पानी के जलाशयों में संक्रमण का एक अप्रत्यक्ष स्रोत बन जाता है।
गाय का दूध पीने से भी यह रोग बछड़ों को संक्रमित कर सकता है। वायरस भी संक्रमण के बाद 42 दिनों तक वीर्य में रहता है। इस बीमारी का वायरस इंसानों में नहीं फैलता है।
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