स्टीविया की खेती: लाखों में बिकती हैं स्टीविया की पत्तियां, एक बार की खेती से 5 साल तक मिलता है मुनाफा,
(Stevia Natural Sweetener) स्टीविया एक ऐसा पौधा है जिसका उपयोग चीनी के विकल्प के रूप में किया जाता है। स्टीविया जैसे मेडिसिनल प्लांट की खेती में कम लागत से लंबे समय तक कमाई सुनिश्चित होती है।
स्टीविया की खेती: स्टीविया एक ऐसा पौधा है जिसका उपयोग चीनी के विकल्प के रूप -फ्री उत्पाद तैयार किए जाते हैं और इसकी मांग भारत और दुनिया भर में लगातार बढ़ रही है। स्टीविया का उपयोग डायबिटीज (मधुमेह) रोगियों के लिए किया जाता है। इसके अलावा मछलियों के भोजन तथा सौंदर्य प्रसाधन व दवा कंपनियों में बड़े पैमाने पर स्टीविया की पत्तियों की मांग होती है।
भारत ही नहीं पूरी दुनिया में डायबिटीज के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसके चलते शुगर को नियंत्रित करने वाली चीजों और इसके प्राकृतिक विकल्पों की मांग भी तेजी से बढ़ी है।
स्टीविया के फायदे क्या है?
स्टीविया मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर को कम करता है। साथ ही इसके सेवन से ब्लड शुगर लेवल भी अधिक नहीं होता। यह प्राकृतिक रूप से मीठा (Stevia Natural Sweetener) होता है, ऐसे में चीनी से कई गुणा अधिक लाभदायक है। इसका इस्तेमाल नेचुरल स्वीटनर के तौर पर किया जाता है, तभी यह डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद है।
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कब करें रोपाई
स्टीविया की खेती साल में दो बार की जा सकती है। इसे सितंबर से अक्टूबर और फरवरी से मार्च के बीच लगाया जाता है। यह पौधा सामान्य तापमान पर अच्छे से विकास करता है। इसकी रोपाई नर्सरी विधि से की जाती है। सबसे पहले बीजों से पौधे तैयार किये जाते हैं, फिर पौधों को खेतों में लगाया जाता है। गर्मी के महीनों में स्टीविया की फसल को हर सप्ताह सिंचाई की आवश्यकता होती है। जबकि ठंड के मौसम में यह अंतराल 10 दिनों का हो जाता है। यह फसल एक बार लगाने पर 5 साल तक लगातार मुनाफा दे सकती है।
इसकी खेती कैसे की जाती है?
स्टीविया एक ऐसी फसल है जिसे उगाने के लिए अधिक भूमि की आवश्यकता नहीं होती है। किसान चाहें तो इसे कम से कम जमीन पर उगा सकते हैं। हालाँकि, यदि आप इसे व्यवसाय के रूप में खेती कर रहे हैं, तो आपको ऐसी भूमि की तलाश करनी चाहिए जो भुरभुरी, समतल और रेतीली दोमट हो। ऐसी मिट्टी में इसकी फसल अच्छी होती है और इससे किसानों को अधिक लाभ भी मिलता है।
जानवर फसल को नुकसान नहीं पहुंचाते
इसके औषधीय गुणों के कारण स्टीविया की फसल को जानवर खाना पसंद नहीं करते हैं। इसके अलावा इस पौधे में कोई कीड़े भी नहीं लगते। हालांकि, किसानों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि खेतों में खरपतवार जमा न हो। आप इसे खाली जगहों या खेत की मेड़ों पर लगा सकते हैं।
एक एकड़ में 8 से 9 लाख का मुनाफा
अगर आप एक एकड़ में 40 हजार स्टीविया के पौधे लगाएंगे तो 25 से 30 क्विंटल सूखी पत्तियां पैदा होंगी। बाजार में स्टीविया की कीमत 250 रुपये से लेकर 500 रुपये प्रति किलोग्राम तक है। ऐसे में एक एकड़ में किसान 8 से 10 लाख रुपये का मुनाफा जरूर कमा सकता है।
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स्टीविया की खेती से जुड़े प्रमुख तथ्य-
- इसकी चीनी गन्ने की चीनी से 300 गुनी मीठी, फिर भी जीरो कैलोरी।
- अमेरिका, यूरोप, जापान सहित 40 से अधिक देश कर रहे हैं इसका प्रयोग।
- वर्तमान में चीन से आयात कर रहा है भारत स्टीविया की चीनी, चीन है इसका प्रमुख उत्पादक
- एक एकड़ स्टीविया की खेती 30 एकड़ गन्ने के बराबर है (चीनी उत्पादन की तुलना में)।
- गन्ने की तुलना में इसे सिंचाई हेतु केवल 1 फीसद एक प्रतिशत पानी की जरूरत
- इसकी खेती से देश में गन्ने की खेती में लगी हुई 97 प्रतिशत यानी कि 4.17 मिलियन हेक्टेयर कृषि भूमि, अन्य फसलों की खेती के लिए मिल जाएगी।
- स्टिविया की खेती से प्रति एकड़, 3-4 लाख तक की वार्षिक आमदनी।
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