लहसुन की खेती करो जैविक तरीके से होगी लाखों की कमाई

लहसून की खेती एक फायदे का सौदा तो होती ही है, अगर आप इसकी खेती जैविक तरीके से करते हैं तो यह आपकी आय को दोगुना कर सकती है।

किसान भाई अगर लहसुन की खेती जैविक विधि से करे तो लहसुन का दुगने से ज्यादा दाम मिल जायेगा क्योको बाजार में केमिकल फ्रीसब्जियों की बहुत ज्यादा मांग होती है। लोग जैविक तरीके से उगाई जाने वाली सब्जियों के लिए अधिक कीमत देने को भी तैयार रहते हैं। ऐसे में आज हम आपको जैविक विधि से लहसून की खेती करने के तरीके के बारे में बताने जा रहे हैं। उस विधि को अपनाकर आप तगड़ी इनकम कर सकते हैं।

खेत को तैयार करें जैविक विधि से

लहसुन की जैविक खेती का सही समय जुलाई महीने की गर्मी में होता है। इस समय खेत की जोताई के बाद आप हरी खाद के साथ खेत की बुआई भी कर सकते हैं। सुनिश्चित करें कि आप समय-समय पर मिट्टी को हरी खाद के साथ मिलाते रहें। खेती के लिए मिट्टी में पर्याप्त नमी होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। लहसुन की बुआई के लिए, आप मेढ़ बना कर भी काम कर सकते हैं। मेढ़ की लंबाई को भूमि के स्थिति के अनुसार निर्धारित करें।

जैविक उर्वरक से करें शुरुआत

खेत की उपजाऊता को बढ़ाने के लिए आप मिट्टी में सूखा गोबर और कम्पोस्ट को खाद क्यारियों में मिला सकते हैं। आप नीम की पत्तियों से बनी खाद का भी उपयोग कर सकते हैं। खेत में कम्पोस्ट या सूखे गोबर की खाद का प्रयोग लहसून की बुआई के 15 से 20 दिन बाद कर दें।

खेत में करें इस तरह से सिंचाई

लहसुन की बुआई के बाद, पहली सिंचाई को 8 से 10 दिन बाद करना उपयुक्त होता है। उचित उपजाऊता के लिए, दूसरी सिंचाई को 20 से 25 दिन के अंतराल पर करना चाहिए, जो मिट्टी की गुणवत्ता पर आधारित होता है। लहसुन की पौधों को सदैव नियमित और समय-समय पर पानी देने की आवश्यकता होती है।

लहसुन का स्टोरेज

लहसुन की पूरी फसल का उत्पन्न होने में पांच से छह महीने का समय लगता है। जब इसके पौधों की पत्तियाँ पीली धब्बे दिखने लगें, तब सिंचाई को बंद कर दें और कुछ दिनों बाद इसे मिट्टी से निकालना आरंभ करें। इन पौधों को लगभग 3 से 4 दिनों तक छाया में सुखने के लिए रख दें। इसके बाद, आप इसे घर के सूखे स्थान पर रख सकते हैं। यह लहसुन अगले 6 से 8 महीनों तक सुरक्षित रूप से स्टोर किया जा सकता है। आप एक एकड़ के खेत में आसानी से लहसुन की खेती करके 2 से 3 लाख रुपये की कमाई कर सकते हैं।

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