krishi hindi विदेशों में गेहूं की जबरदस्त मांग-आने वाले दिनों में बढ़ेंगे भाव

krishi hindi मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा 20 लाख मीट्रिक टन गेहूं और करेंगे निर्यात

गेंहू के पिछले सीजन में अब तक 45 लाख टन से भी अधिक की खरीदी हो चुकी थी। इस बार गेहूं का आधा सीजन खत्म होने को है। लेकिन इस साल अभी तक 32 लाख टन गेंहू (wheat) की ही खरीदी हो पाई है। कम खरीदारी को लेकर किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें स्पष्ट नजर आ रही हैं।

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इस सीजन में मंडियों में लक्ष्य से कम गेंहू की आवक से परेशान भारतीय खाद्य निगम (Food Corporation of India) केन्द्र सरकार से मांग की है कि गेहूं में सिकुड़े और टुकडे की मात्रा 6 प्रतिशत से 20 प्रतिशत करने की मांग की गई हैं। आने वाले दिनों में केन्द्र सरकार इस मांग पर फैसला ले सकता हैं। इस साल हर ओर गेहूं की कमी देखने को मिल रही हैं। पीक सीजन में उज्जैन, इंदौर और मध्यप्रदेश की अन्य कृषि उपज मंडियों में भाव एमएसपी (MSP) से ऊपर चल रहे हैं। आज हम आपको गेहूं की कमी के पीछे के कारण बताने जा रहे हैं।

क्या है गेहूं की कमी के कारण-krishi hindi

  • गौरतलब है कि पिछले सीजन में सरसों के अच्छे भाव मिलने के बाद रबी की फसल में सरसों का रकबा बढ़ा हैं। इसलिए सरसों के मुकाबले गेहूं की बिजाई क्षेत्र कम हो गया।
  • पंजाब और हरियाणा में बेमौसमी बारिश के कारण कई खेतों में पानी जमा हो गया था। जिसका परिणाम यह हुआ की कई क्षेत्रों में गेहूं गल गया।
  • रूस और यूके्रन दोनों देश गेहूं के बहुत बड़े निर्यातक देश है। लेकिन दोनों के बीच चल रहे युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गेहूं की मांग बढ़ी हैं और गेहूं निर्यात (export) उतना नहीं हो पा रहा है जितना युद्ध के पहले हो रहा था। ऐसे में भाव बढ़ने की उम्मीद में व्यापारी स्टॉक कर रहे हैं।
  • इसी प्रकार गेहूं के दाने में नमी 12 के स्थान पर अब केवल 8 प्रतिशत आ रही है, इसलिए दाने में वजन कम बैठ रहा हैं।

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मध्यप्रदेश से बड़ी मात्रा में हो रहा निर्यात

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मध्यप्रदेश सरकार सीजन के शुरूआत से ही गेहूं के निर्यात (export of wheat) के लिए प्रयास कर रही थी। वहीं गेहूं की कम पैदावार से किसानों की भी चांदी हो गई। इस का परिणाम यह हुआ कि अभी तक मध्यप्रदेश से तकरीबन ढाई लाख टन गेहूं निर्यात हो चुका है। अभी भी कई देशों में गेहूं की मांग बनी हुई हैं। कुछ बड़ी कंपनियों ने 2 हजार रेलवे रैक की डिमांड कर रखी हैं। मध्यप्रदेश का गेहूं इंडोनेशिया, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, वियतनाम, श्रीलंका सहित अन्य देशों में गुजरात और आंध्रप्रदेश के बंदरगाहों से भेजा रहा हैं। मांग को देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है।

जिसमें गेहूं के निर्यात से संबंधित सभी जानकारी आसानी से उपलब्ध हो सकें। इंडोनेशिया, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, वियतनाम, श्रीलंका जैसे देशों में अभी तक 87 रैक गेहूं भेजा जा चुका हैं। इसमें सबसे अधिक 97 हजार 887 टन गेहूं इंदौर से निर्यात किया गया हैं। सरकार मिस्र, फिलीपिंस और जिम्बाब्वे आदि दशों में भी निर्यात की संभावनाओं को ताश रही हैं। पिछले साल तक केवल एक लाख टन तक ही गेहूं का निर्यात किया गया था। सभी फसलों के निर्यात में चावल की मात्र सबसे अधिक थी।

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लेकिन इस सीजन में काफी अंतर है। क्यों कि प्रदेश में अलग-अलग कंपनियों ने निर्यात के लिए दो हजार से ज्यादा रेलवे के रैक की मांग को लेकर एक पत्र भेजा हैं। इसी प्रकार दक्षिण अफ्रिका, मोजांबिक और जिम्बाब्वे में आयात करने वाली कंपनियों को गेहूं की लागत पत्रक भेजे गए हैं। प्रदेश से अभी तक ढाई लाख टन गेहूं का निर्यात हो चुका हैं। जबकि पिछले साल प्रदेश से केवल पौने दो लाख टन कृषि उपज और उससे बने हुए उत्पाद निर्यात हो पाएं थे। इसमें सर्वाधिक 1 लाख 27 हजार टन केवल चावल का निर्यात ही किया गया था।

विदेशों में बढ़ रही गेहूं की मांग को मध्यप्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) बहुत बड़ा अवसर मान रही हैं। यहीं कारण है कि अधिकारी अब ओर अधिक ताकत से निर्यात बढ़ाने पर जोर लगा रहे हैं। कृषि विभाग प्रतिदिन निर्यातक और व्यापारियों से ऑनलाइन वीडियों कांफ्रेसिंग के जरीए चर्चा कर रहा हैं। मध्यप्रदेश सरकार ने निर्यातकों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 18002333474 जारी किया हैं। इस नंबर पर एक्सपोर्ट लायसेंस सहित अन्य सभी प्रकार की जानकारियों प्राप्त की जा सकती हैं।

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गेहूं के ताजा भाव-krishi hindi

देश में भोपाल की करोंद अनाज मंडी में गेहूं की कीमत 2200 रुपये से 2300 रुपये प्रति क्विंटल तक जा पहुंंची। जिसमें अच्छी क्वालिटी के गेहूं तो 3 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक भी बिक गए। मतलब सरकारी न्यूनतम मूल्य एमएसपी से कुल 985 रुपए अधिक। गौरतलब है कि देश में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी 2015 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। इसके अलावा उज्जैन मंडी में 2200 रुपए प्रति क्विंटल तक गेहूं के दाम थे। भोपाल में 2150, नीमच मालवराज गेहूं भाव 2250, जावरा मंडी में 2250, जबलपुर मंडी में दडा 1900, शाजापुर में 2225 रुपए चल रहा था।

20 लाख मीट्रिक टन गेहूं होगा निर्यात

शनिवार को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस संबंध में सीएम ने कहा कि गेहूं के निर्यात को लेकर भी चर्चा हुई है। इस बार हम 20 लाख मीट्रिक टन गेहूं और निर्यात करेंगे।  इसके अलावा दलहन और तिलहन का उत्पादन बढ़ाने के साथ किसानों की आय बढ़ाने के लिए पीएम से चर्चा हुई है। इस के अनुसार हम पुरानी योजनाओं को अपडेट करेंगे और नई योजनाएं लाएंगे। गौरतलब है की सीएम भी मध्यप्रदेश के गेहूं के अधिक से अधिक निर्यात करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे है।

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