खरीफ सीजन में बम्पर उत्पादन के लिए करे ये आसान काम

Krishi Blog | खरीफ सीजन  में फसल की बम्पर पैदावार करना है तो मई माह में छोटे काम कर सकते है

गेहूं की फसल से निपटने के बाद किसान अब खरीफ सीजन (Kharif Season) की फसलों की तैयारी में जुट गए हैं। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार अगर खरीफ सीजन की फसलों (Kharif season crop) में अच्छा उत्पादन चाहिए मई में (Farming Work in May) उसके लिए तैयारी भी अच्छी ही होनी चाहिए। रबी की खेती के बाद से ही खेत खाली पड़े हुए हैं। यहीं समय है जब किसान भाई अपने खेतों को सुधार सकते हैं। ग्रीष्मकाल में खेतों की गहरी जुताई करने से फसल का बम्पर उत्पादन होता है।

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वैज्ञानिकों का कहना है कि (May’s Agricultural Works) गर्मी में खेतों की जुताई से मिट्टी में छिपे हुए कीट और उनके अन्डे, लार्वा आदि खेती की उपरी सहत पर आ जाते हैं। धूप में अधिक तापमान होने के कारण वे नष्ट हो जाते हैं। मिट्टी में दबे हुए रोगों के कीटाणु फसलों को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं। गर्मी में गहरी जुताई करने से मिट्टी में दबे रोगाणु और कीटाणु मर जाते हैँ। जिससे फसलों में रोग लगने की संभावना कम रहती हैं।

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान Indian Agricultural Research Institute (IARI) के वैज्ञानिकों का कहना है कि कई खतरनाक खरपतवारों से फसलों को बहुत अधिक हानि पहुंचती हैं। जिन्हे फसल के समय कंट्रोल करना मुश्किल रहता हैं। अगर किसान गर्मी में गहरी जुताई करते है तो इन खरपतवारों पर आसानी से नियंत्रण किया जा सकता हैं। अगर कोई खेत उबड़-खाबड़ है तो उनकों कम्प्यूटर चलित लेजर समतलक से समतल कर लेना चाहिए। जिससे अलगी फसलों में अंकुरण अच्छा और पानी की भी बचत हो सकें।

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फसलोें के पहले करें तैयारी-Krishi Blog

किसान भाई मई महीने के अंत तक खरीफ फसलों की बुवाई से पहले की सभी तैयारी शुरू कर ले तो अच्छा होगा। ताकि समय के साथ खेतों की बुवाई हो सकें। धान की नर्सरी जून के प्रारंभ में डालना शुरू कर देना चाहिए। उसके लिए उन्नत बीज, खाद, खरपतवारनाशी, कीटनाशी आदि की खरीद करके रखें। वहीं खेत की तैयारी भी पहले से करके रखें।

सोयाबीन, अरहर और कपास की बुवाई भी समय पर हो सके इसके लिए किसानों को खेत की जुताई करना चाहिए। समय रहते उन्नत बीजों की खरीदारी कर लें। जिससे की बुवाई में देरी न हो। जिन फसलों की बुवाई जून के मध्य में की जाती हैं। उन खेतों में गोबर की खाद, कम्पोस्ट आदि डालकर खेत में अच्छे से मिला दें। जिससे की खेत में अधिक मात्रा में पोषक तत्व आ सकें।

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बागवानी फसलों के लिए क्या करें-Krishi Blog

किसान भाई मई महीने में आम के बागों का विशेष रूप से ध्यान रखें। इन दिनों आम पर मिली बग कीटों के अंडों तथा नए प्रजन्नों को नष्ट करने के लिए जुताई कर सकते हैं। आम के पेड़ के मुख्य तने पर लगभग 1 मीटर उंचाई पर प्लास्टिक की एक चद्दर चारों ओर लगाएं। इसके अलावा ग्रीस से सभी प्रकार के छेदों को बंद कर दें। इसके अलावा अंगूर और आलुबुखारा आदि फलदार वृक्षों में नमी की कमी होने पर उनकी सिंचाई करें।

आम के पेड़ इस महीने संभवत होतो किस भी कीटनाशी का उपयोग न करें। लेकिन गुनगे का प्रकोप अधिक है तो मोनोक्रोटोफास अथवा डाइमेथोएट 0.05: के घोल का एक छिड़काव कर सकते हैं। इसके अलावा खर्रा रो होने पर डिनोकेप 0.05: कवकनाशी का छिड़काव जरूर करें। भुनगा कीट एवं खर्रा रोग की रोकथाम के लिए कीटनाशी एवं कवकनाशी को एक साथ मिलाकर छिडकाव भी कर सकते हैं।

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सब्जी की फसलों के लिए क्या करें

किसान भाईयों ध्यान रहे की इस महीने में सब्जी की फसल मेंचेपा के आक्रमण की निगरानी करना जरूरी हैं। धूप ओर अधिक तापमान में यह कीट जल्द ही नष्ट हो जाते हैं। लेकिन इनकी संख्या अधिक है तो इमिडाक्लोप्रिड 0.25 मिली प्रति लीटर पानी में डालकर पके हुए फलों की तुडाई के बाद छिडकाव कर सकते हैं।

लेकिन ध्यान रहे की आसमान साफ हो। इन सब में ध्यान रखने वाली बात यह है कि सब्जियों पर की फसलों पर छिड़काव के बाद कम से कम एक सप्ताह तक तुड़ाई न करें। वहीं बीज वाली सब्जी पर चेपा के आक्रमण का विशेष रूप से ध्यान रखें।


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