Cotton Cultivation: कपास की बिजाई से पहले इन जरूरी बातों का रखें ध्यान, होगी शानदार पैदावार
इन राज्यों में होती है कपास की बड़े पैमाने पर खेती, जानें बंपर पैदावार के लिए जरूरी सलाह

Cotton Cultivation: देश के कई राज्यों में कपास (Cotton) की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और मध्यप्रदेश के कई जिले जैसे निमाड़, धार, झाबुआ, देवास और छिंदवाड़ा कपास उत्पादन में प्रमुख हैं। कपास की बुवाई का समय आमतौर पर अप्रैल से मई के बीच होता है, लेकिन अलग-अलग इलाकों और किस्मों के हिसाब से यह थोड़ा बदलता भी है।
रेतीले इलाकों में कपास की खेती कैसे करें Cotton Cultivation
- रेतीले इलाकों में देसी कपास की बिजाई अप्रैल के पहले पखवाड़े में करें।
- अगर बीटी कपास (BT Cotton) लगा रहे हैं तो इसे मूंग के साथ दो-दो कतारों में उगाया जा सकता है।
- जहां पानी की समस्या है, वहां ड्रिप सिंचाई विधि अपनाएं या बेड बनाकर बुवाई करें।
- बीज हमेशा कृषि विश्वविद्यालय या कृषि विज्ञान केंद्र की सलाह से ही लें।
बीटी कपास का बीज खरीदते समय ध्यान रखें
- बीज केवल प्रमाणित संस्था या अधिकृत विक्रेता से ही खरीदें।
- बीज खरीदते समय पक्का बिल जरूर लें।
- 3G, 4G, 5G जैसे नामों से बिकने वाले अनधिकृत बीजों से बचें क्योंकि ये गुलाबी सुंडी के प्रति सुरक्षित नहीं होते।
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खेत की मिट्टी की जांच कराएं
- बुवाई से पहले मिट्टी की जांच जरूर कराएं।
- मिट्टी में पोषक तत्वों की सही जानकारी मिलने से सही खाद-उर्वरक का इस्तेमाल हो सकेगा।
- कपास के लिए 6 से 7.5 pH वाली मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है।
कपास में गुलाबी सुंडी से ऐसे बचाव करें
- खेत और आसपास रखी पुरानी नरमा की लकड़ियां, टिंडे और पत्तों को नष्ट कर दें।
- इन लकड़ियों में गुलाबी सुंडी पनपती है, इसलिए इन्हें मार्च के अंत तक जरूर हटाएं।
- जिनिंग मिल या तेल मिल के आसपास खेत होने पर खास सतर्कता बरतें।
- हर 15 दिन में कृषि वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार खेत का प्रबंधन करें।
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अगर किसान कपास की बुवाई से पहले सही बीज का चयन, खेत की तैयारी और कीट नियंत्रण जैसी जरूरी बातों का ध्यान रखें तो बंपर फसल ली जा सकती है। समय पर सलाह का पालन और थोड़ी सावधानी से किसान कम लागत में अच्छी आमदनी कमा सकते हैं।
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