New Varieties Of Soybeans 2022 | सोयाबीन की नई किस्मों की मांग में वृद्धि- कृषि विशेषज्ञों ने दी महत्वपूर्ण सलाह
New Varieties Of Soybeans 2022 | विशेषज्ञों ने दी सलाह किसान प्रचलित के साथ ही अन्य किस्मों की बोवनी करें
New Varieties Of Soybeans | प्री मानसून की बारिश के साथ ही किसानों ने सोयाबीन की खेती की तैयारी शुरू कर दी है। किसान अच्छी और ज्यादा पैदावार के लिए हर सम्भव प्रयास कर रहे है। किसान अपने खेतों में अच्छी किस्म का बीज बोना चाहते है। जिसका लाभ बीज कम्पनी और कुछ किसान भी उठाते है। यही कारण है की जिन बीजों की किसानों के बीच मांग अधिक रहती है, उनके रेट बढ़ा दिए जाते है। अधिक कीमत होने के कारण किसानों कम कीमत के बीज बोन पड़ते है। जिनकी गुणवत्ता का कोई भरोसा नहीं रहता है।
New Varieties Of Soybeans
किसानों को मजबूरी में नकली और अप्रमाणित बीज बोना पड़ता है। वर्तमान में सोयाबीन की नई किस्म जैसे आरवीएसएम-2011-35, जेएस-2172, ब्लेक बोल्ड पीएस-1569 आसानी से उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। ऐसे में कुछ लोग इन किस्मों के अधिक पैसे वसूल रहे हैं।
साथ ही कई लोग इन किस्मों के स्थान पर इनसे मिलती-जुलती किस्में बेच रहे हैं। जिससे किसानों को पैदावार में नुकसान होगा साथ ही अभी बीज के लिए ज्यादा रुपये खर्च करने होंगे।
ऐसे में विशेषज्ञ सलाह दे रहे है कि अधिक पैसे और समय बर्बाद करने की जरूरत नहीं है, अगर किसान इन किस्मों की मांग न करें तो बीज विक्रेता भी इन किस्मों ब्लैक मार्केटिंग नहीं कर पाएंगे। विशेषज्ञों ने यह भी सलाह दी है कि किसान प्रचलित किस्मों के साथ ही अन्य किस्मों की बोवनी करें।
मुख्य फसल है सोयाबीन – New Varieties Of Soybeans
गौरतलब है की Kharif की मुख्य फसल Soybean है। कुल रकबे में से 90 फीसद रकबे पर सोयाबीन की बोवनी की जाती थी, लेकिन पिछले दो सालों में सोयाबीन का रकबा कम हुआ था। जिसका कारण पैदावार में कमी और अन्य कारण थे। बीते साल भी किसानों के सामने ऐसी परिस्थिति थी कि वो सोयाबीन की बोवनी नहीं कर पाए थे।
किसान बोना तो सोयाबीन ही चाहते थे, लेकिन उन्हें गुणवत्ता बीज नहीं मिला था। जिसके बाद किसानों ने मूंग और मक्का का सहारा लिया था। जिसमें सबसे ज्यादा मक्का बोई गई थी। इससे मक्का जो 1300 रुपये प्रति क्विंटल तक बिकती थी वो 700 रुपये तक बिकी थी।
सोयाबीन के रकबे में होगी बढ़ोतरी New Varieties Of Soybeans
पिछले साल सोयाबीन के भाव 9 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक नीलामी हुई थी। इससे किसान फिर से सोयाबीन की ही बोवनी करना चाहते हैं, लेकिन इस बार भी उनके सामने गुणवत्तापूर्ण बीज का संकट आएगा। किसानों को अपने पास या किसानों से ही सोयाबीन खरीदकर बोवनी करनी पड़ेगी।
soybean prices में बढ़ोतरी और मक्का के भाव में कमी आने से किसान इस बार सोयाबीन के रकबे में बढ़ोतरी करेंगे। इस बार सोयाबीन का रकबा बढ़ेगा। मक्का, उड़द और मूंग का रकबा इस बार कम रहेगा, क्योंकि किसानों को पिछले साल इन फसलों में काफी नुकसान उठाना पड़ा था।
वहीं धान के रकबे में कोई खास अंतर नहीं बाएगा। क्योंकि धान के लिए खेत तैयार किए जाते हैं। जिसमें अन्य फसल हो बोई जा सकती है, लेकिन सोयाबीन नहीं बोई जा सकती। यही कारण है कि धान के रकबे में खासा अंतर नहीं आएगा।
कृषि विभाग ने निर्धारित किया खरीफ फसल का रकबा
इस बार किसानों की फिर से पहली पसंद सोयाबीन ही रहेगी। कृषि विभाग ने खरीफ फसल का कुल रकबा निर्धारित कर दिया है। पिछले साल से हालांकि यह ज्यादा है। पिछले साल विभाग ने किसानों को सोयाबीन की जगह मक्का, उड़द और मूंग की फसल लगाने की सलाह दी थी।
किसानों ने इसे माना भी था, लेकिन अलग-अलग कारणों के चलते farmers को जो मुनाफा होना था वह नहीं हो सका था। सोयाबीन का रकबा 3 लाख 18 हजार हेक्टेयर निर्धारित पिछले साल किसानों का ज्यादा रुझान मक्का, उड़द, मूंग और धान की तरफ था।
इससे सोयाबीन का रकबा 2 लाख 82 हजार हेक्टेयर रहा। इस बार इसका रकबा 3 लाख 18 हजार हेक्टेयर निर्धारित किया गया है यानि पिछले साल से 36 हजार हेक्टेयर ज्यादा लक्ष्य रखा गया है। यह इसलिए कि दूसरी फसलों में किसानों को नुकसान हुआ था, इसलिए इस बार फिर से सोयाबीन ही ज्यादा क्षेत्र में बोई जाएगी।
सर्टिफाइड बीज की कमी New Varieties Of Soybeans
अयोध्या बायोटेक प्रायवेट लिमीटेट के संचालक देवेंद्र सिंह ठाकुर बताते हैं कि वे सर्टीफाइट बीज का काम करते हैं। इसके लिए वो सीहोर, मंदसोर और उज्जैन से सोयाबीन की खरीदी करते हैं और यही अपने प्रोग्राम संचालित करते हैं, लेकिन साल सोयाबीन का पैदावार ही कम हुआ है तो हम सर्टिफाइड बीज कम तैयार हुआ है। इस कारण बीज के भाव ज्यादा रहेंगे। साथ ही किसानों ने अपने घर के सोयाबीन को ही बीज के रूप में उपयोग करने का मन बना लिया है।
सोयाबीन की ये किस्में ज्यादा प्रचलित New Varieties Of Soybeans
New Varieties Of Soybeans ज्यादा बोई जाती हैं उनमें 9305, 9560, आरवीएस 24, आरवीएस 18 और 1569 हैं। इनमें से कुछ वैरायटी ऐसी हैं जो 15 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार देती हैं, जबकि कुछ 15 से 16 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार देती हैं। इस संबंध में डिप्टी डायरेक्टर आरएस जाट ने बताया कि इस बार सोयाबीन का रकबा बढ़ेगा, जबकि मक्का, उड़द, मूंग और ज्वार आदि का रकबा कम हो जाएगा।
इन किस्मों की बोवनी करने की दी सलाह New Varieties Of Soybeans
New Varieties Of Soybeans कृषि विशेषज्ञ ने बताया कि आरवीएसएम-11-35, आरवीएस-2002-4, जेएस-2069, जेएस-2098, पीएस-1569, जेएस-2034, जेएस-9560 ब्लेक बोल्ड, जेएस-2034, आरवीएस-2001-8 अच्छी किस्में हैं जिनसे अच्छा पैदावार किसानों को मिल सकता है। वहीं मां नर्मदा बीच सोसायटी के संचालक ने बताया कि मेरे अनुभव के आधार पर भी यह किस्में अच्छी हैं।
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