बंजर जमीन को उपजाऊ और शक्तिशाली बनाने का तरीका
जमीन अगर बंजर है तो अपनाएं ये तरीके, इन तरीकों जल्दी ही हरी-भरी हो जाएगी पूरी जमीन
आप अपने आस-पास ऐसी बहुत सी जमीन को देखते होंगे जो पूरी तरह से उपजाऊ नहीं होती है। जमीन के ऐसा होने के कई कारण होते हैं, हम उन कारणों पर ध्यान न देते हुए जमीन को उपजाऊ कैसे बनाते हैं? किसान भाइयों इस लेख के माध्यम से जानकारी आप तक पहुंचा रहे हैं।
जमीन होने के बावजूद देश के बहुत से किसान उस पर खेती नहीं कर पाते है, क्योकि उन्हें जमीन को उपजाऊ बनाने के बारे में जानकारी नहीं होती है। वर्तमान समय में खेती करने में कई तरह के हानिकारक रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे जमीन की उर्वरक क्षमता कम होने लगती है, और जमीन बंजर हो जाती है। इसका सीधा असर फसल की पैदावार पर पड़ता है। मिट्टी चाहे खेत की हो या गमले की यदि मिट्टी उपजाऊ नहीं है, तो उसमें न तो कोई फसल उगाई जा सकती है, और न ही कोई पेड़ पौधा उगाया जा सकता है।
बंजर जमीन को उपजाऊ बनाने का तरीका
किसी भी बंजर जमीन को उपजाऊ बनाने के लिए उसमें नाइट्रोजन, बोरोन, पोटेशियम, फास्फोरस, जिंक, कॉपर और आयरन की आवश्यकता होती है। इसके अलावा कंपोस्ट खाद गोबर की खाद, मुर्गियों की खाद और हरी खाद का भी इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा भी कई तरीके है, जिनका इस्तेमाल कर आप अपनी बंजर जमीन को भी उपजाऊ बना सकते है।
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हरी खाद का प्रयोग करके बढ़ा सकते है मिट्टी की उर्वरा शक्ति
लगातार बढ़ते रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से मिट्टी की उर्वरकता घटती जा रही है। ऐसे में किसान इस समय हरी खाद का प्रयोग करके न केवल अच्छा उत्पादन पा सकते हैं, साथ ही मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी बढ़ाई जा सकती है। आजकल गेहूं की फसल कट चुकी है। धान लगाने से पहले किसान हरी खाद को तैयार कर सकते है। हरी खाद मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए उम्दा और सस्ती जीवांश खाद है। हरी खाद का अर्थ उन पत्तीदार फसलों से है, जिन की बढ़वार जल्दी व ज्यादा होती है। ऐसी फसलों को फल आने से पहले जोत कर मिट्टी में दबा दिया जाता है। ऐसी फसलों का इस्तेमाल में आना ही हरी खाद देना कहलाता है।
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मिट्टी के लिए देशी घी का काम करती है सनई
जिस तरह देशी घी लोगों के स्वास्थ्य के लिए उत्तम होती है, उसी तरह सनई मिट्टी के स्वास्थ्य के लिए देशी घी का काम करती है। सनई से बनी हरी खाद मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को बनाए रखती है। पूर्व में जहां सिंचाई की सुविधा नहीं होती थी, वहां बारिश के दिनों में सनई की खेती की जाती थी। बंजर जमीन को उपजाऊ बनाने के लिए आप ढैंचा की तरह ही सनई की हरी खाद का इस्तेमाल कर सकते है। इसके लिए आप जून के महीने में खाली पड़े खेत में सनई की बुवाई कर दें इसके बाद जब 30 से 35 दिन हो जाए, तो उसकी रोटावेटर से जुताई कर दें। इसके बाद यूरिया की टाप ड्रेसिंग करके पानी लगा दें।
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सामुदायिक कृषि एवं जल संसाधनों को प्रोत्साहन
स्थानीय समुदायों को उपजाऊ कृषि को बढ़ावा देने के लिए सहयोग करें। जल संरचना जैसे कि नहर, कुँआ, बांध आदि का निर्माण करें ताकि जल संसाधन सुलभ हो और पैदावार को सुनिश्चित करें। जल संसाधनों को संरक्षित रखने के लिए संयंत्रों का निर्माण करें, जल संरचनाओं का उपयोग करें, और जल संचय की तकनीकों का उपयोग करें। जैविक खेती तकनीकों का उपयोग करें जो मिट्टी को सुषम और उपजाऊ बनाती हैं।
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बंजर जमीन को उपजाऊ बनाने के लिए वैज्ञानिक रिसर्च
बंजर जमीन को उपजाऊ बनाने के लिए वैज्ञानिक भी रिसर्च कर रहे है, जिसके लिए सरकार भी वैज्ञानिक की मदद कर रही, ताकि किसानों को उनकी जमीन उपजाऊ बनाने में सहायता की जा सके, और फिर वह अपनी जमीन में अच्छे से खेती कर सकते है।
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