इजरायली तकनीक से बिना मिट्टी के खेती, किसानों को मिल रहा तगड़ा मुनाफा

जानिए कैसे करें हाइड्रोपोनिक्स इजरायली तकनीक से बिना मिट्टी-बिना परेशानी के खेती

इजरायली तकनीक से बिना मिट्टी के खेती: आधुनिक विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में हमेशा से नए और अद्भुत उपाय खोजने का प्रयास रहा है। खासकर कृषि सेक्टर में, नई तकनीकों का अनुसरण करके उत्पादकता बढ़ाने के लिए नवाचार किए जा रहे हैं। इसी तकनीकी उन्नति के चलते अब एक नई और अनोखी तकनीक उभर रही है – हाइड्रोपोनिक्स – बिना मिट्टी के खेती।

हमारे देश कई राज्यों में, इजरायली तकनीक का उपयोग करके खेती में क्रांति लायी जा रही है, जिससे बिना मिट्टी और न्यूनतम पानी के उपयोग के खेती संभव हो रही है। इस पद्धति ने देशी और विदेशी दोनों तरह की 30 प्रकार की सब्जियों और फलों के विकास को सुविधाजनक बनाया है। राजस्थान के किसान इन फसलों का न केवल उत्पादन कर रहे हैं बल्कि इन्हें दिल्ली, गुजरात और मुंबई जैसे शहरों में बेचकर लाखों का मुनाफा भी कमा रहे हैं। जो बात इस तकनीक को सबसे अलग बनाती है, वह है ऑफ-सीजन के दौरान भी विभिन्न सब्जियां उगाने की इसकी क्षमता।

इस्राइल की कृषि तकनीकों में, हाइड्रोपोनिक्स, एक्वापोनिक्स और एरोपोनिक्स सबसे लोकप्रिय हैं जो वर्टिकल फार्मिंग में प्रचलित हैं। हाइड्रोपोनिक्स तकनीक में मिट्टी का उपयोग नहीं होता। पौधे एक घोल में उगाए जाते हैं। जबकि एरोपोनिक्स में पौधे केवल हवा में उगाए जाते हैं।

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इस तकनीक की विशेषता क्या है?

इस खेती में, इजरायली तकनीक का उपयोग करके पहले एक कृषि फार्म में एक स्टैंड बनाया जाता है। इससे पानी नियमित रूप से निकाला जाता है और पौधों को कैल्शियम, मैग्नीशियम, सल्फर, और आयरन जैसे पोषक तत्व मिलते रहते हैं। यह विधि तकरीबन 80 प्रतिशत पानी बचाती है। इस तकनीक में खेती के फार्म हाउस का तापमान 15 से 32 डिग्री सेल्सियस के बीच में रखा जाता है।

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इस तकनीक के फायदे क्या है?

हाइड्रोपोनिक्स – इजराइली तकनीक से बिना मिट्टी के खेती करने से कई फायदे हो सकते हैं, जैसे कि उच्च पोषण युक्त फल, सब्जिया एवं अनाज की प्राप्ति होगी। पानी की बचत होगी, और कृषि उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी।  इससे स्थानीय खेती में भी नये अवसर बन सकते हैं और खेती को एक नई दिशा मिल सकती है।

बिना मिट्टी के खेती का यह तरीका मिट्टी की कमी, कम उपजाऊ वाले क्षेत्रों में भी अपनाया जा सकता है। इससे न केवल कृषि उत्पादन में वृद्धि होती है, बल्कि इससे पानी की बचत भी होती है जो कृषि के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

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इस तकनीक का अधिक से अधिक प्रयोग करने से बिना मिट्टी के खेती में नए और अनोखे तरीके विकसित किए जा सकते हैं, जो आने वाले समय में कृषि सेक्टर को और भी फायदेमंद और सामर्थ्यशाली बना सकते हैं।


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