गन्ने की फसल को ब्लैक बग कीट से बचाने के लिए आसान और असरदार उपाय।
ब्लैक बग (काला चिकटा) कीट की पहचान कैसे करें

गन्ने की फसल :इन दिनों कई इलाकों में गन्ने की फसल पर काले चिकटे कीट (ब्लैक बग) का हमला देखा जा रहा है। इसे देखते हुए गन्ना एवं चीनी विभाग ने किसानों को जरूरी सुझाव और सलाह जारी की है। निरीक्षण के दौरान गन्ने की फसल में काले चिकटे कीट और पायरिला कीट का प्रकोप पाया गया है। इन कीटों से फसल को नुकसान से बचाने के लिए किसानों, अधिकारियों और चीनी मिलों को मिलकर काम करना होगा।
ब्लैक बग (काला चिकटा) कीट की पहचान ऐसे करें
यह एक रस चूसने वाला कीट है जो आमतौर पर अप्रैल से जून के बीच ज्यादा नजर आता है।
पेड़ी गन्ने में इसका असर ज्यादा और पौधा गन्ने में कम होता है।
इसके हमले से गन्ने की पत्तियाँ पीली पड़ जाती हैं और कत्थई रंग के धब्बे दिखते हैं।
कीट और उसके शिशु गन्ने की पत्तियों के बीच के हिस्से में छिपे रहते हैं और रस चूसते हैं।
इससे गन्ने की बढ़वार रुक जाती है, और पत्तियों में छेद भी हो सकते हैं।
किसान ऐसे करें ब्लैक बग का नियंत्रण
फसल कटाई के बाद ठूठ और पुरानी पत्तियों को नष्ट कर दें।
खेत की सिंचाई करें, इससे कीट का असर काफी हद तक कम हो जाता है।
अगर कीटों की संख्या बहुत ज्यादा हो, तो निम्न दवाओं में से किसी एक का छिड़काव करें:
प्रोफेनोफ़ॉस 40% + साइपरमेंथरिन 4% EC – 750 मिली
इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL – 200 मिली
क्वीनालफॉस 25% EC – 825 मिली
क्लोरोपायरीफॉस 20% EC – 800 मिली
इन दवाओं को 625 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें।
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जहां पायरिला कीट ज्यादा हैं और साथ में प्राकृतिक शत्रु (परजीवी) भी नजर आ रहे हों, वहां रासायनिक दवाओं की जरूरत नहीं होती। लेकिन ब्लैक बग के परजीवी नहीं होते, इसलिए अगर इनकी संख्या ज्यादा हो तो दवाइयों का प्रयोग जरूरी है।
नोट: किसानों को सलाह है कि दवाओं का उपयोग विशेषज्ञ की सलाह से और सावधानीपूर्वक करें।