Winter Gardening Care: फलते-फूलते पौधों के लिए सर्दियों में पौधे में डाले ये उर्वरक

Winter Gardening Care आप कुछ विशेष प्रकार के खाद का उपयोग करके पौधों को हरा और स्वस्थ रख सकते हैं।

Winter Gardening Care: सर्दी का मौसम शुरू हो चुका है, ऐसे में मानव शरीर की देखभाल के साथ-साथ फल, फूल और सब्जियों के पौधों की देखभाल करना भी बहुत जरूरी है। सर्दी के मौसम में यदि सिंचाई के अलावा सही समय पर खाद न डाली जाए तो पौधे बहुत जल्दी पीले पड़ जाते हैं या खराब होने लगते हैं। इसलिए जिन लोगों को बागवानी का शौक होता है, वे अपने साथ-साथ अपने बगीचे को भी स्वस्थ रखना पसंद करते हैं।

अगर आपको बागवानी पसंद है और आप नहीं चाहते कि ठंड के मौसम में पौधे खराब हों तो इस लेख के माध्यम से हम आपको कुछ बेहतरीन उर्वरकों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका उपयोग सर्दियों में करना सबसे अच्छा माना जाता है।

आइये जानते है बेहतरीन उर्वरकों के बारे में

  • एप्सम सॉल्ट: एप्सम सॉल्ट को पौधों के पोषण में मदद के लिए कई तरह से उपयोग किया जा सकता है। यह मूल रूप से मैग्नीशियम और सल्फर का संयोजन होता है जो पौधों के विकास में मदद करता है। एप्सम सॉल्ट के उपयोग से पौधों की पत्तियों की सुंदरता बढ़ सकती है और पौधों को मजबूती दे सकता है। एप्सम सॉल्ट को पौधों के लिए पानी में घोल बनाकर या सीधे मिट्टी में मिलाकर इस्तेमाल किया जा सकता है। यह घोल स्प्रे के रूप में पौधों पर छिड़का जा सकता है या मिट्टी में सीधे डाला जा सकता है। एक हफ्ते में एक बार के अंतराल पर इसे प्रयोग किया जा सकता है, या विशेष पौधों के लिए निर्दिष्ट निर्देशों के अनुसार। यह विशेष रूप से गुलाब, टमाटर, मिर्च और खरबूज जैसे पौधों के लिए फायदेमंद होता है।
  • सरसों की खली: सरसों की खली एक प्रकार का उर्वरक होता है जो पौधों के लिए उपयोगी होता है। यह पौधों को पोषक तत्व प्रदान करता है और पौधों के विकास को बढ़ावा देता है। सरसों की खली को मिट्टी में मिलाकर इस्तेमाल किया जा सकता है या पानी में घोल बनाकर पौधों को सीधे सिंचाया जा सकता है। यह पौधों के लिए उपयुक्त पोषक तत्वों का एक स्रोत होता है जो पौधों को मजबूत और स्वस्थ बनाता है। यह खाद खासकर सब्जियों, फलों और फूलों के पौधों के लिए फायदेमंद होती है।

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  • केले के छिलके: केले के छिलके में पौष्टिक तत्व होते हैं जो पौधों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। ये छिलके पौधों को पोषक तत्व और सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। केले के छिलके को कच्चा या सुखा करके मिट्टी में मिलाया जा सकता है ताकि वे मिट्टी को पोषण दे सकें। इससे पौधों को पोटैशियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, नाइट्रोजन आदि जैसे महत्त्वपूर्ण तत्व मिल सकते हैं। केले के छिलके को छानकर पानी में भिगोकर उस पानी को पौधों पर सिंचा जा सकता है या फिर छिलकों को सीधे मिट्टी में मिलाया जा सकता है। इससे पौधों को आवश्यक पोषण प्राप्त हो सकता है और उनकी सुरक्षा में मदद मिल सकती है।
  • कम्पोस्ट: कम्पोस्ट पौधों के लिए एक अत्यंत प्रभावी और पोषक खाद होता है। यह जमीन में पोषक तत्वों को प्रदान करता है और मिट्टी की गुणवत्ता को बढ़ाता है। कम्पोस्ट मिट्टी को हेल्दी बैक्टीरिया और फंगस से भरपूर करता है जो पौधों के लिए फायदेमंद होते हैं। कम्पोस्ट बनाने के लिए घरेलू सामग्री जैसे फलों के छिलके, सब्जी के खाने के अवशेष, सूखे पत्ते, घास, खुरपट्टी, आदि का उपयोग किया जा सकता है। कम्पोस्ट को मिट्टी में मिलाकर प्रयोग किया जा सकता है, जिससे पौधों को पोषण मिलता है।

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  • वर्मीकम्पोस्ट: वर्मीकम्पोस्ट एक प्रकार का कम्पोस्ट होता है जो कीटों की मदद से बनता है। इसमें कीट जैसे कीड़े, कीटाणु, और मच्छरादि का सेवन किया जाता है जो खाद्य सामग्री को उच्च क्षमता वाली खाद में परिवर्तित करते हैं।वर्मीकम्पोस्ट को जमीन में मिलाने से पौधों को बेहतर पोषण मिलता है। यह मिट्टी की गुणवत्ता को बढ़ाता है और पौधों को पोषक तत्व प्रदान करता है। वर्मीकम्पोस्ट का इस्तेमाल करते समय ध्यान देना चाहिए कि आप इसे खुरपट्टी की तरह जमीन में मिला रहे हैं, ताकि पौधों को सभी आवश्यक पोषक तत्व मिल सकें।
  • ऑर्गेनिक खाद: ऑर्गेनिक खाद पौधों के लिए एक प्राकृतिक और पोषक विकल्प होता है जो स्वस्थ विकास को बढ़ावा देता है। इसमें प्राकृतिक सामग्री शामिल होती है जो कीटों से मुक्त होती है और पौधों को पोषण प्रदान करती है। ऑर्गेनिक खाद में दुग्ध गोबर, नारियल का खाद, भोजन की बची हुई चीजें, खुरपट्टी, अलग-अलग प्रकार के बीज के तेल, आदि शामिल हो सकती हैं।ऑर्गेनिक खाद को मिट्टी में मिलाकर उपयोग किया जा सकता है, जो पौधों को पोषक तत्व प्रदान करता है और मिट्टी की गुणवत्ता को बढ़ाता है। इससे पौधों का स्वस्थ विकास होता है और वे मजबूत होते हैं।

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  • पोटाश: पोटाश पौधों के लिए एक महत्त्वपूर्ण पोषक तत्व होता है जो पौधों के विकास में मदद करता है। यह पोटैशियम का स्रोत होता है जो पौधों के लिए आवश्यक होता है, खासकर उन पौधों के लिए जो फल और फूलों की उत्पादन करते हैं। पोटाश को मिट्टी में मिलाकर या पानी के साथ उपयोग किया जा सकता है। इससे पौधों को उसकी आवश्यकतानुसार पोटाश मिलता है और उनके विकास में सहायता मिलती है। पोटाश का उपयोग खासकर फलों, फूलों, और सब्जियों के पौधों के लिए फायदेमंद होता है।
  • लकड़ी की खाद: लकड़ी की खाद या वुड एश हरे भारतीय पौधों के लिए एक प्रकार का पोषक तत्व होता है जो मिट्टी को पोषित करता है और पौधों के विकास में मदद करता है। यह जलवायु, मिट्टी के आर्द्रता और वनस्पतियों के पोषक तत्वों को संतुलित करने में मदद कर सकती है। लकड़ी की खाद को मिट्टी में मिलाकर या फिर मिट्टी के ऊपर छिड़ककर पौधों को पोषित किया जा सकता है। यह मिट्टी को उच्च गुणवत्ता देती है और पौधों के लिए पोषक तत्व प्रदान करती है। यह खाद खासकर सुखी मिट्टी में अच्छी तरह से मिलाई जाती है ताकि पौधों को उसका सर्वोत्तम लाभ मिल सके।

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शीतकाल में पौधों को ठीक मात्रा में पोषण देने के लिए खाद की सही मात्रा में डालना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। अपने पौधों की आवश्यकताओं के अनुसार खाद का उपयोग करना चाहिए।

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