Farming in October: अक्टूबर महीने में खेती करते समय किसान रखें इन बातों का ध्यान, मिलेगी बंपर पैदावार
अक्टूबर का महीना खेती के लिए बहुत महत्वपूर्ण महीना होता है। इस महीने में खरीफ फसलों की कटाई होती है और रबी फ़सलों की बुआई शुरू होती है। ऐसे में अगर किसान अक्टूबर महीने में खेती करते समय कुछ बातों का ध्यान रखें तो वे अधिकतम उपज प्राप्त कर सकते हैं
Farming in October: (The month of October is very important for farming)अक्टूबर का महीना खेती के लिए बहुत महत्वपूर्ण महीना होता है। इस महीने में खरीफ फसलों की कटाई होती है और रबी फसलों की बुआई शुरू होती है। ऐसे में अगर किसान अक्टूबर महीने में खेती करते समय कुछ बातों का ध्यान रखें तो वे अधिकतम उपज प्राप्त कर सकते हैं।
कृषि कार्य करने के लिए किसानों को इस बात की जानकारी होना बहुत जरूरी है कि उन्हें किस महीने में कौन सा कृषि कार्य करना चाहिए क्योंकि कृषि कार्य काफी हद तक मौसम पर निर्भर करता है। इसलिए अलग-अलग मौसम में अलग-अलग फसलों की खेती की जाती है, ताकि बोई गई फसलों से अच्छी पैदावार मिल सके। इस समय खरीफ फसलों की कटाई हो रही है और किसान रबी फ़सल की खेती की तैयारी में लग गए हैं। किसानों को अक्टूबर माह में कृषि कार्य करते समय निम्नलिखित बातों पर ध्यान देने की जरूरत है
अक्टूबर माह में किसानों को क्या ध्यान देना चाहिए? What should farmers pay attention to in the month of October?
- खेती से संबंधित कोई भी योजना बनाते समय मौसम का विशेष ध्यान रखें।
- जो फसलें फूल आने की अवस्था में हों, उनमें किसी भी रसायन का छिड़काव न करें।
- पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान दलहनी और तिलहनी फसलों के साथ आलू की भी बुआई कर सकते हैं।
- रोग एवं कीड़ों का प्रकोप बढ़ने पर रोग नियंत्रण के लिए लाइट ट्रैप, बर्ड पर्च, फेरोमोन ट्रैप, ट्राइकोग्रामा एवं ट्राइकोडर्मा का प्रयोग करें।
- कीटों एवं रोगों के नियंत्रण हेतु अंतिम चरण में कीटनाशकों का प्रयोग करें।
- धान में फूल आने और दूधिया अवस्था के दौरान पर्याप्त नमी बनाए रखें।
- जिन किसानों ने बीज के लिए धान की बुआई कर दी है वे बेकार पौधों को खेत से हटा दें।
- यदि बदबूदार कीड़े और सैनिक कीट दिखाई दें तो कार्बोफ्यूरान 0.3 प्रतिशत सीजी का प्रयोग करें। 25 किग्रा. अथवा मैलाथियान 5 प्रतिशत धूल 20-25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से सुबह के समय फैलायें। केवल गंधयुक्त कीटों के नियंत्रण के लिए एजाडिरेक्टिन 0.15 प्रतिशत की 2.50 लीटर मात्रा को 500-600 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें।
- पछेती उर्द या मूंग में फली बेधकों कीट दिखने पर बीटी. 5 प्रतिशत डब्लू.पी. 1.5 किग्रा या इंडोक्साकार्ब 14.5 एस.सी. 400 मिली. या क्यूनालफास 25 ई.सी. 1.50 लीटर या फेनवलरेट 20 ईसी. 750 मिली. या साइपरमेथ्रिन 10 ईसी. 750 मिली. या डेका मेथ्रिन 2.8 ई.सी. 450 मिली. का प्रति हेक्टेयर की दर से 800-1000 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
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