मिनी डेयरी योजना MP | murrah buffalo yojana 2022 | milk per day | price in mp इन किसानों को मिलेगा फायदा
Farmers will get 50 % subsidy murrah buffalo 2022 मध्य प्रदेश सरकार किसानों की आर्थिक दशा सुधारने के प्रयास कर रही है। इसी क्रम में सरकार किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर दो मुर्रा भैंस दिलाएगी। यही नहीं सरकार दोनों भैंस के लिए 6 माह का आहार भी देगी। सरकार की इस का लाभ छोटे और सीमांत किसानों को मिलेगा। मप्र पशुधन विकास निगम द्वारा किसानों को योजना का लाभ दिया जायेगा।
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प्रदेश के किसान अब कृषि कार्य के साथ हरियाणा की मुर्रा भैंस पालकर उसका दूध-घी बेचकर मुनाफा कमा सकेंगे। सरकार लघु सीमांत किसानों से केवल 50 फीसदी राशि लेने के बाद दो मुर्रा भैंस उपलब्ध करवाएगी। ये भैंसे हरियाणा से मंगवाई जाएंगी। शुरुआत में प्रदेश के तीन जिलों रायसेन, विदिशा और सीहोर में इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जा रहा है। इसके बाद पूरे प्रदेश में इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा।
एक मुर्रा भैंस देती है 15 लीटर दूध
मप्र सरकार द्वारा पहली बार भैसों के लिए इस तरह का प्रोजेक्ट लॉन्च किया जा रहा है। वर्तमान में ऐसा प्रोजेक्ट तेलंगाना में संचालित है। एक मुर्रा भैंस 12 से 15 लीटर दूध रोजाना (murrah buffalo milk per day) देती है। पशुपालन विभाग के अनुसार दो भैंसों की कीमत करीब ढाई लाख (murrah buffalo price in mp) रुपए होगी। इसमें से एससी-एसटी के किसानों के लिए 75 प्रतिशत राशि सरकार भरेगी और शेष 25 फीसदी राशि किसान भरेगा। सामान्य वर्ग के किसान को भैंस पालने के लिए 500 प्रतिशत राशि देना होगी, शेष बराशि सरकार भरेगी।
तीन साल में मुर्रा भैस मरी तो दूसरी मिलेगी
भैंसों को गर्भवती करने के लिए सेक्स सार्टेड सीमन का उपयोग किया जाएगा, जो मुर्रा बुल का होगा। इसकी खासियत यह होगी कि इसके माध्यम से फीमेल भैंस ही पैदा होंगी, जिससे संबंधित हितग्राही की मिनी डेयरी योजना MP 2022 बन जाएगी। इसलिए भैंस को पांच साल रखना अनिवार्य किया गया है। अगर तीन साल में भैंस मरती है, तो किसान को दूसरी भैंस मिलेगी। इस व्यवस्था में संबंधित किसान को दो मुर्रा भैंस दी जाएगी।
murrah buffalo के लिए मिलेगा 6 माह का आहार
इसमें एक भैंस लगभग 5 महीने की प्रेगनेंट रहेगी, जबकि दूसरी का करीब एक महीने का बच्चा रहेगा। यानी दो में से एक भैंस दूध देती हुई मिलेगी। भैंस का प्रेग्नेंसी पीरियड 10 माह का होता है। इस तरह से ऐसा क्रम बनेगा एक भैंस लगातार दूध देती रहेगी। मप्र पशुधन विकास निगम के एमडी डॉ. एचबीएस भदौरिया ने बताया कि संबंधित किसानों को murrah buffalo को खिलाने के लिए छह महीने का दाना-चारा भी मिलेगा, ताकि उसे किसी तरह की समस्या न हो।
कैसे अलग होती है मुर्रा भैंस
आम तौर पर मुर्रा नस्ल की भैंस को इसकी दूध की आधी मात्रा के पहचाना जाता है। यह भैंस की अन्य नस्लों से कई मायनों में अलग है। मुर्रा नस्ल की भैंस का वजन अधिक होता है। इटली, बुल्गारिया, मिस्र में भी इन भैंसों की नस्लों का उपयोग डेयरी में किया जाता है, ताकि वहां डेयरी उत्पादन में सुधार किया जा सके।
murrah buffalo को ‘काला सोना’ भी कहा जाता हैै
पालतू भैंस की एक प्रजाति मुर्रा भैंस होती है जो अधिक दूध उत्पादन के लिए पाली जाती है। हरियाणा में इसे ‘मुर्रा भैंस को ‘काला सोना’ कहा जाता हैै। दूध में वसा उत्पादन के लिए मुर्रा सबसे अच्छी नस्ल है। इसके दूध में 7% वसा पाई जाती है। इस भैंस का रंग काला होता है। इसकी इन्ही विशेषताओं के लिए डेयरी संचालक इसे पसंद करते है।
murrah buffalo कैसे पहचानें:
मुर्रा यह दुनिया में भैंस की सबसे अच्छी दुधारू नस्ल है। यह भारत के सभी भागों में पाया जाता है। इसका गृह क्षेत्र हरियाणा के रोहतक, हिसार, जींद और करनाल जिले और दिल्ली और पंजाब है।
- मुर्रा भैंस के सींग जलेबी के आकार के होते हैं।
- इस भैंस का रंग काला है।
- मुर्रा भैंस का गर्भकाल 310 दिनों का होता है और दूध शिराएँ उभरी हौती है।
- इनका सिर छोटा होता है।
- इसके सिर, पूंछ और पैरों पर सुनहरे रंग के बाल होते हैं।
- murrah buffalo की पूंछ लंबी होती है और पिछला भाग अच्छी तरह विकसित होता है। अयान भी अच्छी तरह से विकसित है।
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