नैनो तरल यूरिया का फसलों पर प्रयोग से किसानों को हो रहा है फायदा – जानिए
नैनो तरल यूरिया उपज बढ़ाने का एक साधन है, ये उपज की गुणवत्ता बढ़ाने का साधन है। साथ ही इससे खेती की लागत में भी कमी आती है।
नैनो तरल यूरिया यानि आधा लीटर की शीशी में वो खाद, जो एक बोरी यूरिया से कहीं ज्यादा काम करती है। विशेषज्ञों के मुताबिक नैनो तरल यूरिया से न सिर्फ उत्पादन बढ़ता है बल्कि फसल की गुणवत्ता भी अच्छी होती है। नैनो तरल यूरिया, दानेदार यूरिया से सस्ती भी है। नैनो तरल यूरिया उपज बढ़ाने का एक साधन है, ये उपज की गुणवत्ता बढ़ाने का साधन है। साथ ही इससे खेती की लागत में भी कमी आती है।
किसान अपनी फसलों पर नैनो तरल यूरिया के प्रयोग से लाभ उठा रहे हैं। भारत की संकल्प यात्रा जैसी पहल के माध्यम से, सरकार ने गांवों में ड्रोन के माध्यम से नैनो तरल यूरिया और डीएपी के छिड़काव की सुविधा प्रदान की है, ड्रोन खरीद और नैनो तरल यूरिया अनुप्रयोग के लिए पर्याप्त सब्सिडी की पेशकश की है। लोकसभा में हाल ही में इस बात पर चर्चा हुई कि क्या किसानों को वास्तव में इस नवाचार से लाभ हुआ है।
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रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने खड़ी फसलों पर देश के पहले नैनो तरल यूरिया के उपयोग के फायदों पर प्रकाश डालते हुए इस प्रश्न का समाधान किया। यह नवाचार न केवल फसल उत्पादन को बढ़ावा देता है बल्कि पारंपरिक दानेदार यूरिया की तुलना में इसकी कम कीमत को देखते हुए उत्पादन लागत को भी कम करता है।
नैनो तरल यूरिया से किसानों को होता है यह लाभ
लोकसभा में रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय की ओर से बताया गया कि नैनो तरल यूरिया के उपयोग के लिए राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ICAR ने अलग-अलग जगहों पर परीक्षण किया है। जिसके बाद कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय एवं मेसर्स इंडियन फ़ॉर्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफ़को) द्वारा नैनो तरल यूरिया को उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत अधिसूचित किया गया है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ICAR के द्वारा किए गए विभिन्न परीक्षणों में पाया गया है कि नाइट्रोजन की अनुशंसित आधारिक मात्रा के साथ टॉप-ड्रेसिंग के रूप में नैनो तरल यूरिया के दो छिड़काव करने से उपज में 3 से 8% तक की वृद्धि होती है। साथ ही इसके इस्तेमाल से फसलों में 25-50% तक की यूरिया की बचत हुई। इफ़को नैनो तरल यूरिया की 500 एमएल बोतल की क़ीमत 225 रुपये है, जोकि पारंपरिक यूरिया की 45 किलोग्राम बोरी की क़ीमत से 16% कम है। जिससे यह पता चलता है कि नैनो तरल यूरिया से न केवल उपज में वृद्धि होती है बल्कि कम मात्रा में उपयोग होने से फसल उत्पादन की लागत भी कम होती है।
फसल में नैनो तरल यूरिया के फायदे
फसल में उर्वरक फसल की उत्पादकता में सुधार करने और आधुनिक समय के किसानों की आवश्यकताओं को पूरा करने में प्रमुख भूमिका निभाते है। देखा जाए तो उर्वरक की भूमिका खेती को अधिक कुशल और आसान बनाना है। खेती से अच्छी कमाई के लिए फसल अनुसार खाद और लागत दोनों पर ध्यान देना बहुत जरुरी होता है। उर्वरक या खाद किसानों के प्रत्यक्ष खर्चों में से एक हैं, इसलिए सही प्रकार के उर्वरक का चयन करना और इसका फसल में उपयोग करना किसानों के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है। किसान भाई आप को बता दे की तरल उर्वरकों ने कुछ ही वर्षों में इसके कई लाभों के कारण बहुत लोकप्रियता हासिल की है और हर बार आपके फसल एवं पौधों को सही प्रकार के पोषक तत्व प्रदान करने में आपकी मदद की है।
नैनो तरल यूरिया की क्रिया विधि में पौधे के रंध्रों और छिद्रों के माध्यम से पत्तियों में कुशल प्रवेश शामिल है, जिससे फसल की नाइट्रोजन की जरूरतें पूरी होती हैं। इसका अनोखा आकार और उच्च सतह क्षेत्र अनुपात प्रभावी पोषक तत्व वितरण सुनिश्चित करता है, पोषक तत्वों के तनाव को कम करता है, बेहतर पौधों की वृद्धि को बढ़ावा देता है और अंततः उच्च उपज देता है।’
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