पशु गर्भाधान के लिए मैत्री केंद्र स्थापित करने के लिए 19 दिसंबर तक करें आवेदन

सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में मैत्री केंद्र स्थापित करने की योजना बना रही है, जिससे किसानों को अपने पशुओं के लिए कृत्रिम गर्भाधान सेवाएं आसानी से मिल सकें

मैत्री केंद्र: पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए नई तकनीकों को अपनाने को प्रोत्साहित करते हुए सरकार पशुओं के लिए कृत्रिम गर्भाधान पर जोर देती है। यह विधि न केवल पशुपालकों को सुविधा प्रदान करती है बल्कि नस्ल की गुणवत्ता में सुधार में भी योगदान देती है, जिससे दूध उत्पादन को बढ़ावा मिलता है। इसे सुविधाजनक बनाने के लिए, सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में मैत्री केंद्र स्थापित करने की योजना बना रही है, जिससे किसानों को अपने पशुओं के लिए कृत्रिम गर्भाधान सेवाएं आसानी से मिल सकें।

ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करने और पशुपालकों को सहायता प्रदान करने के लिए, बिहार सरकार का लक्ष्य राज्य भर में राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत 4,104 आत्मनिर्भर मैत्री केंद्र स्थापित करना है। यह योजना बिहार के 501 ब्लॉकों की 3,811 पंचायतों में शुरू की जाएगी। इच्छुक व्यक्ति योजना का लाभ उठाने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

मैत्री केंद्रों की स्थापना का उद्देश्य क्या है?

राष्ट्रीय गोकुल मिशन का लक्ष्य आत्मनिर्भर कृत्रिम गर्भाधान केंद्र (मैत्री) संचालित करने के लिए योग्य उम्मीदवारों का चयन करके राज्य में कृत्रिम गर्भाधान की पहुंच का विस्तार करना है। इसका प्राथमिक उद्देश्य प्रशिक्षित मोबाइल इकाइयों के माध्यम से पशुपालकों को घर पर कृत्रिम गर्भाधान सेवाएं प्रदान करना है।

यह योजना पशुपालकों को उच्च गुणवत्ता वाला वीर्य प्रदान करके बेहतर पशु नस्लों को बढ़ाने और प्रचारित करने का प्रयास करती है। बेरोजगार युवाओं का चयन पंचायत स्तर पर किया जाएगा, चयन होने पर तीन महीने का निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इस व्यापक प्रशिक्षण में एक महीने का आवासीय प्रशिक्षण और दो महीने का क्षेत्र-आधारित व्यावहारिक प्रशिक्षण शामिल है।

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मैत्री केंद्र के लिए पात्रता 

योजना के अंतर्गत पंचायतवार बेरोजगार युवाओं का चयन किया जाएगा। सरकार ने इसके लिए निम्न पात्रता निर्धारित की है:

  • संबंधित पंचायत का निवासी होना चाहिए (कृत्रिम गर्भाधान करता का चयन पंचायत स्तर पर किया जाएगा)
  • न्यूनतम उम्र – 18 वर्ष,
  • शैक्षणिक योग्यता – मैट्रिक / समतुल्य।

इन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी

  • सरकार के स्तर से चलाए जाने वाले पशु टीकाकरण एवं डीवर्मिंग कार्यक्रम मे कार्यानुभव रखने वाले व्यक्ति (टीकाकर्मी को प्राथमिकता देने हेतु जिला पशुपालन कार्यालय से अनुभव प्रमाण–पत्र निर्गत किया जायेगा)।
  • प्रशिक्षित निजी कृत्रिम गर्भाधान कर्ता (प्रशिक्षण प्रमाण–पत्र संलग्न करना होगा)।
    कोविड-19 के कारण बेरोजगार हुए व्यक्ति (जिला स्तर पर तैयार की गयी संबंधित सूचि का ब्यौरा अंकित करना होगा)।
  • सरकार की योजना द्वारा पशु प्रक्षेत्र मे प्रशिक्षित व्यक्ति (RPL/NRLM इत्यादि) (प्रशिक्षण प्रमाण–पत्र संलग्न करना होगा)।

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जाने कहाँ की जाएगी मैत्री केंद्र की स्थापना

  • कृत्रिम गर्भधान केन्द्रों का गठन चयनित पंचायत मे किया जाएगा।
  • चलंत स्वावलम्बी कृत्रिम गर्भाधान केन्द्रों (मैत्री) के कर्मी प्राईवेट/निजी व्यक्ति होंगे, उनका प्रखंडवार चयन मात्र कृत्रिम गर्भधान के प्रशिक्षण के लिए किया जाएगा तथा इस आधार पर उन्हें राज्य सरकार अथवा बी.एल.डी.ए. के द्वारा भविष्य मे नियमित रोजगार देने की सरकार की कोई योजना नहीं है।
  • मैत्री के कर्मी / कृत्रिम गर्भधान कर्ता पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान कर एवं स्वयं आय प्राप्त करेंगे।
  • कृत्रिम गर्भाधान कर्ता से प्रशिक्षण से पहले जमानत राशि के रूप मे 10,000 रुपए लिए जाएँगे।
  • प्रशिक्षण के उपरान्त उन्हें लगभग रूपये 50,000 मूल्य की सामग्री दी जायेगी तथा विभाग के द्वारा कृत्रिम गर्भाधान में उपयोग होने वाले तरल नाईट्रोजन, फोजेन सिमेन स्ट्रॉ इत्यादी उचित मूल्य पर मुहैया कराई जायेगी, जिसका उपयोग पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान के लिए किया जायेगा।
  • मैत्री कर्मी/ कृत्रिम गर्भधान करता पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान हेतु विभाग के स्तर से निर्धारित राशि संबंधित पशुपालक से प्राप्त करेंगे एवं स्वयं की आय का सृजन करेंगे।
  • कृत्रिम गर्भाधान केंद्र की सामग्री देने से पहले 1000 रुपये के गैर न्यायिक स्टांप पेपर पर त्रिपक्षीय समझौता कराया जायेगा।

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मैत्री केंद्र के लिए आवेदन कहाँ करें?

MAITRI कर्मी/कृत्रिम गर्भाधानकर्ता के लिए इच्छुक अभ्यर्थियों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन प्रक्रिया अभी चल रही है इच्छुक व्यक्ति 19 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर योजना का लाभ ले सकते हैं। इच्छुक व्यक्ति यह आवेदन पशुपालन निदेशालय की वेबसाइट www.ahd.bih.nic.in पर कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन करने वाले अभ्यार्थियों में से विभाग द्वारा निर्धारित योग्यता के आधार पर अंतिम चयन किया जाएगा।


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