DBT Urvarak Subsidy Yojana 2022 सरकार दे रही किसानों को 100 प्रतिशत सब्सिडी-जानिए कैसे उठाये लाभ
DBT urvarak Subsidy yojana केंद्र सरकार किसानों को सब्सिडी देती है और उर्वरकों की लागत कम करती है
इस साल की ‘शुरुआत से ही पेट्रोल-डीजल सही अन्य खाद्य पदार्थों की बढ़ती महंगाई के बीच आज हम किसान भाइयों लिए एक राहत भरी खबर लेकर आए हैं। दरअसल, किसानों को हाल ही में उर्वरक के महंगे होने (उर्वरक की कीमतों में वृद्धि) का झटका लगा है लेकिन अब उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि आज हम आपको उर्वरक पर 100% सब्सिडी योजना (डीबीटी उर्वरक सब्सिडी योजना) (DBT urvarak Subsidy yojana)के बारे में बताएंगे। अगर आप भी सरकार की इस योजना का लाभ लेना चाहते है तो जल्दी कीजिये। यह खबर आप के लिए ही है.
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किसान भाइयों की सुविधा के लिए हम योजना से जुडी हुई हर जानकारी दे रहे है. जिसमे योजना का उद्देश्य और उससे होने वाले लाभ के बारे में बताया जायेगा। किसान भाइयों को कैसे इस योजना का लाभ मिलेगा। उसके लिए किसान को कौन-कौन से दस्तावेज देने होंगे। योजना का लाभ लेने के लिए कैसे आवेदन करना आदि की जानकारी हमारे आर्टिकल में दी जाएगी। डीबीटी उर्वरक सब्सिडी योजना का लाभ उठाने का अब समय आ गया है.
डीबीटी उर्वरक सब्सिडी योजना
उर्वरक विभाग (Fertilizer Department) ने 2016 में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (Direct Benefit Transfer) की पायलट परियोजना शुरू की थी। इस परियोजना का उद्देश्य उर्वरकों की खरीद के दौरान किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। किसानों के लिए उर्वरक उत्पादन की लागत के बराबर पैसा खर्च करना बहुत मुश्किल है। इसलिए केंद्र सरकार किसानों को सब्सिडी देती है और उर्वरकों की लागत कम करती है।
डीबीटी उर्वरक सब्सिडी का महत्व
वित्तीय वर्ष 2022 में योजना को अद्यतन करने का केंद्रीय उद्देश्य लागत में बिचौलियों की भूमिका को कम करना होगा। इसलिए जब किसानों को उर्वरकों की खरीद के बाद उत्पादकों को 100% सब्सिडी राशि मिलेगी, तो पूरी व्यवस्था डिजिटल हो जाएगी। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि खेतिहर मजदूर उचित दरों पर खाद खरीद सकें। इसके साथ ही सरकार सब्सिडी से लाभान्वित होने वाले किसानों का रिकॉर्ड भी हासिल करेगी।
वहीं, यूरिया आधारित और गैर-यूरिया आधारित दोनों तरह के उर्वरकों की लागत बहुत ज्यादा है। किसान इतनी महंगी आवश्यकताओं को वहन नहीं कर सकते हैं और इसलिए उन्हें सरकार के समर्थन की आवश्यकता है। इसलिए यह योजना इसलिए शुरू की गई ताकि सब्सिडी खरीदते समय किसानों को आर्थिक सहायता मिल सके।
डीबीटी उर्वरक सब्सिडी योजना की विशेषताएं
- किसानों को खाद मिलने के बाद ही 100 प्रतिशत राशि किसानों को दी जाएगी।
- एक डिजिटल प्रणाली का पालन किया जा सकता है।
- प्रत्येक खुदरा दुकान में पीओएस या प्वाइंट ऑफ सेल्स डिवाइस लगाए जाएंगे जो बेचे गए उर्वरक की मात्रा, उर्वरक खरीदने वाले किसान का विवरण और भुगतान की गई राशि को रिकॉर्ड करेंगे।
- यह डेटा तब सरकार को डिजिटल मोड में प्राप्त होगा।
- इस रिकॉर्ड को ध्यान में रखते हुए सरकार सब्सिडी की राशि निर्माता कंपनी को ट्रांसफर करेगी।
एसएमएस के जरिए खरीदें खाद
डीबीटी योजना की एक अन्य विशेषता एसएमएस है। शार्ट मैसेजिंग सर्विस से किसानों को खाद की खरीद की इलेक्ट्रॉनिक रसीद व चालान भेजा जाएगा। खरीदारों को उनकी वर्तमान खरीद का विवरण मिलता है और खुदरा विक्रेता के स्टोर पर उनकी पिछली खरीद के आधार पर उत्पाद की उपलब्धता के बारे में सूचनाएं भी प्राप्त होंगी। यदि किसान अधिसूचना प्राप्त करने में असमर्थ हैं, तो वे आसानी से इस नंबर +91 7738299899 पर टेक्स्ट कर सकते हैं।
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डीबीटी उर्वरक सब्सिडी कैसे प्राप्त करें
पीएम किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) के लिए पंजीकृत किसानों का विवरण पंजीकरण के समय संदर्भित किया जाएगा। आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है, लेकिन इसे प्राथमिकता दी जाती है क्योंकि यह बायोमेट्रिक्स प्रक्रिया को आसान बनाएगा। किसानों को वास्तविक राशि का भुगतान नहीं करना होगा और न ही सरकार द्वारा निर्धारित राशि से अधिक का भुगतान करना होगा। उर्वरक उन्हें रियायती राशि पर उपलब्ध होंगे और किसानों द्वारा उर्वरक खरीदने के बाद उत्पादक को सब्सिडी का भुगतान किया जाएगा।
खाद पर मिलेगी कितनी सब्सिडी दी?
- यूरिया पर सब्सिडी 1500 रुपए प्रति बोरी से बढ़ाकर 2000 रुपए प्रति बोरी कर दी गई है।
- डीएपी पर सब्सिडी 1200 से बढ़ाकर 1650 कर दी गई है।
- एनपीके पर सब्सिडी 900 रुपये से बढ़ाकर 1015 रुपये कर दी गई है।
- एसएसपी पर यह सब्सिडी 315 रुपये से बढ़ाकर 375 रुपये कर दी गई है।
- रबी सीजन में सरकार ने इस सब्सिडी के जरिए किसानों को 28 हजार करोड़ रुपये दिए हैं.
डीबीटी पेमेंट क्या है
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) भारत सरकार द्वारा 1 जनवरी 2013 को शुरू किया गया था। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर का उद्देश्य सब्सिडी को सीधे लोगों के बैंक खाते में स्थानांतरित करना है। भारत सरकार ने क्रेडिट ट्रांसफर में लीकेज और देरी को कम करने के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर की यह योजना शुरू की।
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मैं एक सिमांत किसान हु