Cucumber Farming: जायद सीजन में करें खीरे की खेती, कम लागत में मिलेगा बंपर मुनाफा, जानें विधि
खीरे की फसल इस मौसम की एक महत्वपूर्ण फसल है। ऐसे में किसान खीरे की खेती से भारी मुनाफा कमा सकते है।
खीरे की खेती (Cucumber Farming) जायद और खरीफ़ दो मौसम में किया जाता है लेकिन खीरे की खेती पॉलीहाउस या ग्रीन हाउस मे सालभर किया जा सकता है। बाजार में खीरे की आवक गर्मियों के मौसम अधिक दिखाई देती है। खीरे में 96% पानी के साथ विटामिन एवं पोषक तत्व पाए जाते है। इस वेलनुमा पौधे के फल का इस्तेमाल सलाद, शरीर में पानी की कमी को भी पूरा करने के लिए जाता है। खीरे की खेती कैसे करें इसकी सम्पूर्ण जानकरी के लिए पढें।
खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी
खीरे की खेती हर जगह की जा सकती है। इसके लिए सभी प्रकार की मिट्टी कारगर होती है। हालाँकि इसकी सफल खेती के लिए बलुई दोमट और चिकनी मिट्टी सर्वोत्तम मानी जाती है।
खीरा की खेती के लिए उन्नत किस्में
खीरा की खेती के लिए उन्नत किस्मों में पंजाब खीरा-1, पूसा उदय, पूसा बरखा, वी. पॉइन्सेट, स्वर्ण पूर्णा, स्वर्ण शीतल, स्वर्ण अगेती, पंत खीरा-1, पूना खीरा, हिमांगी, खिरान-75, खिरान-90 और पंजाब नवीन प्रमुख है।
बीज बोने का सही समय
बीज बोने का समय स्थान विशेष एवं जलवायु पर निर्भर करता है। शीत ऋतु की फसलों के लिए बीज बोने का समय मध्य फरवरी से मार्च के प्रथम सप्ताह तक होना चाहिए। एक हेक्टेयर खेत के लिए 2.5 से 3.0 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
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खीरा की खेती के लिए बुआई विधि
खेत में बुआई के लिए प्रमुख तकनीकों में से एक है तैयार प्लेटों को खेत में विश्वसनीय रूप से रखना। थाली के चारों ओर 2-4 बीज बोयें तथा बुआई की गहराई 2-3 सेमी रखें। नाली में खीरा भी बोया जाता है। इस फसल को बोने के लिए 60 सेमी चौड़ी नालियाँ बनाई जाती हैं जिन पर खीरे के बीज बोए जाते हैं। नालियों के बीच की दूरी 2.5 मीटर रखें। इसके साथ ही एक नक्काशी से दूसरी नक्काशी के बीच 60 सेमी का अंतर छोड़ें। बढ़ते मौसम के लिए, बीज बोने से पहले, उन्हें 12-8 घंटे के लिए पानी में भिगो दें, जिससे बीज के अंकुरण में सुधार होता है। बीज बोने के लिए एक पौधे के बीच की दूरी 1.0 मीटर तथा एक पौधे से दूसरे पौधे की दूरी 50 सेमी रखें। खीरे के पौधों से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए इस फसल को सहारा देना आवश्यक है।
खीरे की फसल में सिंचाई
- खीरा की बुवाई के तुरंत बाद पहली सिंचाई करें।
- दूसरी सिंचाई 4 से 5 दिन बाद करे जिससे खेत में नमी पर्याप्त बानी रहने से अंकुरण अच्छा होगा।
- मिट्टी में नमी के अनुसार 8-10 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करते रहे।
- फूल और फल आने के समय खेत में पर्याप्त नमी होनी चाहिए, जिससे फसल का अच्छा विकास होगा।
- खीरे के फलों की तुड़ाई से 2-3 दिन पहले फसल की सिचाई करनी चाहिए, जिससे फल ताजे, चमकदार और आकर्षित रहेंगे।
खरपतवार नियंत्रण
खीरे फसल में खरपतवार नियंत्रण निराई-गुड़ाई और रासायनिक रूप से खीरे की फसल से खरपतवार नियंत्रण किया जा सकता है। खरपतवार रोकथाम के लिए अपने कृषि वैज्ञानिक की सलाह से रासायनिकों का इस्तेमाल करे।
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खीरे की तुड़ाई कैसे करें ?
खीरा बुवाई के करीब 45-50 दिनों में पैदावार देने लगता है। जब फल नरम, हरे और युवा हो जाते है तो खीरे की तुड़ाई किसी तेज धार वाले चाकू या किसी नुकीली चीज से कर लेनी चाहिए।
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