Cactus Farming:कैक्टस की खेती से चमकेगी किस्मत कमाए करोड़ों का मुनाफा
कैक्टस की सबसे ज्यादा खेती रेगिस्तान में होती है. लेकिन फिर भी पानी का ये सबसे बढ़िया स्रोत माना जाता है।
कैक्टस का हिंदी अर्थ-काँटेदार मरुस्थलीय पौधा यह अपेक्षाकृत सूखा प्रतिरोधी मरूस्थलीय पौधा है और लंबे समय तक सूखे मौसम में भी अपना अस्तित्व बरकरार रखता है। कैक्टस के पौधे को अधिकतर लोगों द्वारा बेकार समझ लिया जाता है। कैक्टस के इस पौधे में कांटे नहीं होते हैं. वहीं इसकी खेती में पानी भी ना के बराबर लगता है यानी की सिंचाई की जरूरत ही नहीं पड़ती है. जिससे इसकी खेती की लागत बेहद कम हो जाती है इसलिए कैक्टस की खेती करने वाले किसानो को बहुत ही फायदा होता है।
हालांकि, अगर इसकी खेती व्यवसायिक तौर पर किया जाए तो फायदे ही फायदे हैं। सरकार किसानों को बढ़ावा देने के लिए कैक्टस की खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है।
कैक्टस का महत्व,पानी का सबसे बढ़िया स्रोत-
कम पानी में उगने के बावजूद कैक्टस पानी का बेहतरीन स्रोत है, जिसका सेवन करके पशुओं का गर्मियों में डीहाइड्रेशन और पानी की कमी से बचा सकते हैं। कैक्टस की ये किस्में कटाई के बाद दोबारा पनप जाती है, जिनका इस्तेमाल जूस, मुरब्बा, कैंडी, लाल रंग की डाई और इसके अलावा तेल, शैंपू, साबुन और लोशन जैसे सौंदर्य प्रसाधन में किया जा सकता है।
यह सूखे के दौरान रसीले चारे की आपूर्ति करता है, जिसमें जल की भरपूर मात्रा होती है। इस कारण पशुओं को अधिक मात्रा में जल मिल पाता है।कैक्टस की ये किस्में कांटे से मुक्त होती हैं और इनकी खेती में बिलकुल न के बराबर पानी लगता है,यही कारण है कि पानी की बचत करने के बावजूद कैक्टस पशु के चारे और जैव ऊर्जा या जैव ईंधन का प्रमुख स्रोत है।
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रेसिपी तथा औषधि में भी कैक्टस–
त्वचा संक्रमण का इलाज करने में नागफनी का तेल फायदेमंद होता है। इसके अलावा यह त्वचा की चमक को बढ़ाने में भी सहायक होता है। नागफनी में विटामिन ए भरपूर होता है जो त्वचा को हेल्दी रखता है।- नागफनी में फाइबर मौजूद होता है जो डायबिटीज की समस्या से बचाव के लिए भी फायदेमंद होता है। यह ब्लड शुगर लेवल को काबू में रखता है। इसलिए नागफनी डायबिटीज रोगियों के लिए उपयुक्त है।यदि समय रहते नियमित रूप से नागफनी का सेवन किया जाए तो यह कैंसर रोगी और सामान्य लोगों को कैंसर से बचाने में मदद करता है। इसमें एंटी-कैंसर गुण होते हैं। इसके अलावा इसमें विटामिन सी भी होता है जो इम्युनिटी बढ़ाता है।
कैक्टस पौधे में एक ऐसा तत्व होता है जो शरीर की हड्डियों को मजबूत करता है। इसमें कैल्शियम अधिक मात्रा में होता है, इसलिए अपनी हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए कैक्टस पौधे को खाया जाता है।कैक्टस जितना कांटेदार होता है, उतना ही रोगों को दूर भी करता है। इस पौधे में कुछ खास पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो कई बीमारियों को दूर करने का काम करते हैं।
इसका काम औषधि बनाने के लिए भी किया जाता है फेस मास्क के अलावा इसके निकले गोंद से काजल भी बनता है। कई ओषधिक गुणो से भरपूर कैक्टस का प्रयोग डॉक्टरों की सलाह से करना ही बेहतर होता है।इसकी कोमल शाखाओं का इस्तेमाल स्वादिष्ट व्यंजन बनाने के लिए भी काम में लिए जाते है। एक विशेष किस्म का हलवा तथा कैक्टस की सब्जी भी बनाई जाती है।
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कई जानवरों का आहार भी कैक्टस-
कैक्टस परिस्थिति तंत्र को बनाये रखने में महत्वपूर्ण होता है। जो जानवर खाने तथा पानी के लिए कैक्टस का इस्तेमाल करते है उनमें हिरन, कोयोटि, छिपकलियों तथा कछुए शामिल है । इनका आहार होने के अलावा खाते वक्त ये जानवर इनके बीज फैला देते है। जो फिर से पनपने के लिए तैयार हो जाते है। एक सर्वे के अनुसार भारत मे 53 करोड़ से अधिक पशुधन है। जाहिर है कि इतनी बड़ी मात्रा में हरे चारे की उपयोगिता कितनी होगी।इससे से बड़ी बात यह है कि क्या इतना हरा चारा उपलब्ध हो पाता है। ऐसे में बिना कांटों वाला कैक्टस या नाशपाती कैक्टस पशुओँ के लिए अच्छा आहार बन सकता है। विश्व के अफगानिस्तान, अरब,दक्षिण अफ्रीका सहित कई अन्य शुष्क जलवायु वाले देशों में पशुओं को चारे के साथ एक निश्चित मात्रा में कैक्टस खिलाया जाता है। जिसका एक फायदा यह भी है कि उनका दुग्ध उत्पादन भी बढ़ गया है। नाशपाती कैक्टस की प्रजाति कम पानी मे भी कुछ समय मे ही 5 से 7 मीटर तक बढ़ जाती है। स्वादिष्ट होने के साथ यह कैक्टस पोषक तत्वो से भरपुर होता है। इसमें प्रोटीन, फाइबर,फास्फोरस, पोटेशियम, मैग्नेशियम,सोडियम ,जिंक, तांबा तथा लोहा जैसे खनिज तत्व भी पाए जाते है। सुपाच्य होने के अलावा पशुओँ को कुछ ही दिनों में इसकी आदत पढ़ जाती है। देश मे ऐसी कई जगहे है जहां पानी की बहुत समस्या है। ऐसे में यह कैक्टस किसानों के लिए सौगात साबित होगा।
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कैक्टस से जैविक चमड़ा भी, जानवरों की जान भी बचायेगा कैक्टस का चमड़ा
कैक्टस के हर्बल और व्यावसायिक फायदे दुनिया तक पहुंचे ही थे कि मैक्सिको के दो उद्यमियों ने बाजार में कैक्टस का चमड़ा (Cactus Leather) बनाकर नई मिसाल पेश कर दी. इस कदम से ना सिर्फ करोडों जानवरों को बलि चढ़ने से बचा सकते हैं बल्कि इस चमड़े से पार्यावरण को प्रदूषित होने से भी रोक सकते हैं। क्योंकि चमड़े को बनाने के लिए ढेरों केमिकल्स तथा हजारो लीटर पानी बर्बाद होता है। इसी के मद्देनजर रखते हुए मेक्सिको के दो उद्यमियों एड्रियन लोपेज बेलार्ड तथा मार्ट केजारेज ने कैक्टस से बने जैविक केक्ट्स का निर्माण किया है। इसे पहली बार 2019 मे इटली के मिलान में प्रदर्शित किया गया था।डेसर्ट की वेबसाइट के अनुसार इसे कैक्टस वेगन लेदर नाम दिया गया है जो आंशिक रूप से बायोडिग्रेडेबल है तथा इसने चमड़े से फैशन की दुनिया ,फर्निचर, वाहन उद्योगों के लिए ढेरों आयटम बनाये जाते है। इन दोनों उद्यमियों के कहना है कि कम पानी मे उत्पादित तथा किसी भी तरह की जमीन में उगने वाले इस अनूठे कैक्टस का उपयोग कंफर्टेबल तो है ही तथा इसे 10 साल तक उपयोग में लाया जा सकता है।
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