बजट 2024: बजट में मछली पालन के लिए बड़े ऐलान

जानिए देश में मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार करेगी ये काम, पीएम मत्स्य सम्पदा योजना भी बढ़ाई गई

बजट 2024: मत्स्य पालन के लिए केंद्रीय अंतरिम बजट 2024 (budget 2024) आज यानी 1 फरवरी को केंद्र सरकार ने साल 2024 के लिए अपना अंतरिम बजट पेश किया है। सरकार की ओर से यह बजट वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया। इस अंतरिम बजट में सरकार ने किसानों के लिए कई नई घोषणाएं की हैं। अंतरिम बजट 2024-25 पेश करते हुए वित्त मंत्री ने देश में मत्स्य पालन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए पांच एकीकृत एक्वा पार्क स्थापित करने की घोषणा की।

बजट में ब्लू इकोनॉमी, जिसे नीली क्रांति भी कहा जाता है, का भी ऐलान किया गया है। केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि ब्लू इकोनॉमी 2.0 के लिए जलवायु संबंधी गतिविधियों सहित कई अन्य बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए तटीय जलीय कृषि और समुद्री कृषि के लिए एक योजना शुरू की जाएगी।

मत्स्य विभाग को 2584.50 करोड़ रुपये मिले

मत्स्य पालन विभाग को अब तक का सर्वाधिक 2584.50 करोड़ रुपये का वार्षिक आवंटन दिया गया है। यह पिछले साल से 15% ज्यादा है। वर्ष 2014-15 से 2023-24 तक इस विभाग को बजट में 3680.93 करोड़ रुपये की राशि दी गई है। देश में मछली पालन से जुड़ी विभिन्न योजनाओं के लिए 6378 करोड़ रुपये पहले ही जारी किए जा चुके हैं। मत्स्य पालन क्षेत्र में अब तक सबसे ज्यादा 38572 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। वर्ष 2022-23 में 175.45 लाख टन के रिकॉर्ड मछली उत्पादन के साथ भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश बन गया है। विश्व के कुल मछली उत्पादन का 8% भारत में होता है।

निर्यात और रोजगार के अवसर दोगुना करने के क्रियान्वयन में तेजी लाने की घोषणा

मछली उत्पादन को बढ़ावा दिया जायेगा। सरकार ने अपने अंतरिम बजट 2024 में मछली उत्पादन को बढ़ावा देने की बात कही है।  बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने देश में जलीय कृषि उत्पादकता को 3 टन से बढ़ाकर 5 टन प्रति हेक्टेयर करने की घोषणा की है। निर्यात को दोगुना कर 1 लाख करोड़ रुपये करने और निकट भविष्य में 55 लाख रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए पीएम मत्स्य सम्पदा योजना के कार्यान्वयन में तेजी लाने की भी घोषणा की गई है।

देश के मत्स्य पालन क्षेत्र की बड़ी सफलताएं 

अंतर्देशीय यानी तालाबों और नदियों सहित अन्य तरीकों से किये जा रहे मछली उत्पादन में 114 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2013-14 में अंतर्देशीय मछली उत्पादन 61.36 लाख टन था, जो वर्ष 2022-23 में 131.37 लाख टन तक पहुँच गया है। 4906 करोड़ रुपये की लागत से फिशिंग हार्बर और 182 करोड़ रुपये की लागत से फिश लैंडिंग सेंटर बनाया गया है। मत्स्य पालन और एक्वाकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर कुल 7522 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।


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