बारिश से पहले खेत में यह कर लिया तो होगा दुगना मुनाफा

बारिश के पहले खेत में अगर ये तरीका आजमा लिया तो उन्नत पैदावार, दुगना मुनाफा और कम खर्चा

खेती में जी तोड़ मेहनत करने के बाद भी अगर आपको बढ़िया उत्पादन नहीं मिल पा रहा हैं, 100% उत्तम क़्वालिटी की पैदावार वाला रिसल्ट नहीं आ रहा हैं, खेती से आप अच्छा मुनाफा नहीं कमा पा रहे हो तो, किसान भाइयो आप सही जगह पर हैं। खेती किसानी में उपयोगी टिप्स और ट्रिक्स वाला यह लेख आपके लिए ही हैं। इस जानकारी को पूरा पड़ने के बाद हमारे बताये गए टिप्स और ट्रिक्स का उपयोग अगर आप अपने खेतो में करोगे तो विश्वास रखिये, हम आपको उत्तम क्वालिटी का उत्पादन और मुनाफे का भरोसा देते हैं। 

आप सभी किसान भाइयों से बस एक निवेदन हैं, इस आर्टिकल को पूरा पढ़िए और अपने साथियों के साथ शेयर करिये।

मानसून आने से पहले हम अपने खेतो की उर्वरा शक्ति को किस तरह बढ़ाये जिससे की आगे जब हम अपने खेतो में कोई भी फसल लगाए तो उनका जो उत्पादन हो वो हर समय अच्छा हो, उत्पादन के साथ उसमे जो आने वाला खर्च हो वो भी नाममात्र हो, उसमे ना तो हमे ज्यादा कीटनाशकों दवाइयों (Pesticides) का उपयोग करना पड़े और ना ही ज्यादा उर्वरक (Fertilizer) का उपयोग करना पड़े। आपको मानसून से पहले आखिर हमे क्या तैयारी करना चाहिए, इस लेख के माध्यम से आज हम आपको बताने जा रहे हैं।

खेत की गहरी जुताई करें

मानसून आने से पहले हमे सबसे पहले अपने खेत की बेहद अच्छी तरह से गहरी जुताई करना है। गहरी जुताई से मतलब डेढ़ (1. 5 feet) से दो फिट (2 feet) गहरी जुताई करना हैं। खेत की गहरी जुताई करने का पहला कारण और फायदा यह है कि, हम लगातार अपने खेतो में हमेशा सिंचाई करते रहते हैं। बहुत सी खेती की जमीन तो ऐसी होती है, जिसके अंदर नमी काफी दिनों तक लगातार बनी रहती हैं। खेतों में एक बार सिंचाई करने के बाद लगभग 15 से 20 दिनों तक नमी बनी रहती हैं।

अगर आपने लगातार कोई साल भर कोई फसल लगाई होगी, आप अपने खेत के अंदर आप देखेंगे कि तो आपके जमीन के अंदर निश्चित ही नेमाटोड्स (nematodes Roundworms) दिखाई देंगे जिसे हिंदी में सूत्रकृमि कहते हैं। राउंडवर्म्स को मनुष्य को नग्न आँखों नहीं देख सकते हैं। ये निश्चित ही आपके खेतों में होंगे, ये नेमाटोड्स किसानो का से बड़ा दुश्मन हैं।

जब आप कोई भी फसल लगाओगे तो एक जड़ गाठ वाली समस्या पौधों में आती है, तो साथियों जान लीजिये वो समस्या इसी नमी से उत्पन्न नेमाटोड्स के कारण आती है। जिन खेतो के अंदर लगातार सिंचाई करते रहते है तो उन खेतों के अंदर लगातार नमी रहती होगी।

किसान के दुश्मन को करेगा ख़त्म

गर्मी के मौसम में 45 डिग्री सेल्सियस का टेम्प्रेचर रहता हैं, भीषण गर्मियों के मौसम में खेत खाली रहते है। तो इस समय आप अच्छी तरह यानि 1.5 feet से 2 feet तक गहरी जुताई करोगे तो जमीन की जो एक्स्ट्रा जो नमी है, वो नमी ख़त्म हो जाएगी और जितने भी आपके खेत में नेमाटोड (सूत्रकृमि) या और भी जैसे गोजालट्ठ (Tobacco hornworm) होते हैं ये सारे राउंड वर्म्स खेत की गहरी जुताई करने से समाप्त हो जाते हैं। 

गोजालट्ठ की समस्या भी किसान भाइयों को होती है। मूंगफली की फसल जिन खेतो में लगाई जाती है उन खेतो में किसानो को सबसे बड़ा दुश्मन गोजालट्ठ हैं। मूंगफली के खेतो को गोजालट्ठ सबसे ज्यादा नुकसान पंहुचाता हैं, मूंगफली की फसल की जड़ें पनप तो जाती है, लेकिन बाद में उसकी मूंगफली जड़ों को गोजालट्ठ खा जाती है। तो अगर आप इस तरह गर्मी के मौसम में खेतों की गहरी जुताई क़रोगे तो आपके खेत की एक नहीं अनेक प्रकार की बीमारिया और परेशानिया अपने आप ख़त्म हो जाएगी।

गहरी जुताई के फायदे को एक और उदाहरण के साथ समझियें- आप पुरे साल खेतों में पानी देते रहते हैं जिससे लगातार आपके खेतो के अंदर नमी बनी रहती हैं, तो आपके खेतो में जो फंगस (Fungus) होती है वो लगातार आपके खेतो में बनी रहेगी और जैसे ही मौसम में परिवर्तन (ठंडक) होगा वो फंगस ज्यादा एक्टिव हो जाएगी, जिसके बाद आप लगातार आप आपके खेतो में स्प्रे करते रहोगे और स्प्रे करने के बाद भी आपको रिजल्ट अच्छा नहीं मिलेगा। 

अततः निष्कर्ष यही हैं की बारिश के पहले गर्मी के मौसम में आप अपने खेतों में 1.5 feet से 2 feet तक गहरी जुताई करोगे तो प्ररिणाम में आपके खेतो में बिना किसी खर्चे के नेमाडॉट्स, गोजालठ, दीमक ख़त्म होंगे और साथ ही जितने प्रकार के फंगस की  होगी जो आपकी फसल को नुकसान पँहुचाते हैं निश्चित तौर पर वो सभी ख़त्म होंगे।

बिना किसी कीटनाशक खरपतवार होगी समाप्त

किसान भाइयों अब जानिए की गहरी जुताई करने का दूसरा कारण और फायदा क्या है। आपके खेतो के अंदर कुछ अनुपयोगी खपतवार होते है ये खरपतवार हमारी फसल को नुक्सान पँहुचाते हैं हमारी उपज की क्वालिटी को ख़राब करते हैं, जैसे कि मोथा घांस (Cyperus rotundus) और coco-grass, Java grass, nut grass, purple nut sedge or purple nutsedge, red nut sedge, Khmer kravanh chruk आदि है और भी बहुत से ऐसे खपतवार होते है, जो कुछ भी कर लों ख़त्म ही नहीं हो पाते है।

यदि आपके खेतो की मिटटी के अंदर इस तरह के अनुपयोगी खपतवार है, जो ख़त्म ही नहीं हो रहे तो आप इस तरह से आपके खेत की 1.5 फीट से 2 फीट की गहरी जुताई कर दोगे तो पुरे खेत की मिटटी उलट-पलट हो जाएगी। निचे की मिटटी ऊपर और ऊपर की मिटटी निचे चले जाएगी। 

गहरी जुताई के बाद लगभग 5 से 10 दिन तक इस 45 डिग्री सेल्सियस के टेम्प्रेचर यानि भरी गर्मी के अंदर आपका खेत यही खाली पड़ा रहेगा तो इसके निचे भी जितने भी खरपतवार के बीज है, वो गर्मी से पूरी सुख जायेगे, वो सभी निष्क्रिय हो जायेगे और आप बिना पैसे के और बिना किसी रासायनिक कीटनाशक स्प्रे से खपतवारो की समस्या से छुटकारा पा लोगे।

खेत की जमीन का बढ़ेगा जलस्तर

इसके अलावा हमने अच्छे से खेतो की गहरी जुताई करके जो मिटटी के ढल्ले (ढले) जमीन के निचे से उखाड़ रखे है, तो जब मानसून में बारिश होगी चाहे, तब जितनी बारिश होगी वो बारिश के पानी को यही ढल्ले और जुताई की खोखली जमीन सोख लेगी। और आपके खेतों में पानी का लेवल भी बेहतर होगा, और वाटर होल्डिंग कैपेसिटी भी बढ़ जाएगी। विशेषकर उन खेतों में जिन खेतों में कलराठी मिटटी या मिट्टी चिकनी है, और वो मिट्टी जो पानी को कम सोखती है जिनमे वाटर होल्डिंग कैपेसिटी कम हो, उन खेतो में भी खासकर गर्मी के मौसम में गहरी जुताई करना अत्यंत आवश्यक हैं। ये आपके पास मौका है इस मौके को जाने मत दीजिये नहीं तो 1 साल की देर हो जाएगी।

गहरी जुताई करने के बाद क्या करना हैं

जुताई करने के बाद किसान भाइयों हमे अपने खेतो को 8 से 10 दिन ऐसे ही छोड़ देना चाहिए। खेतो की मिटटी को गर्मी और धुप से अच्छे से सूखने देंगे। अच्छे से सूखने के बाद सबसे पहले हम खेतों के अंदर सिंचाई करेंगे, सिंचाई करने के बाद हमें इसमें हरी खाद लगाना चाहिए। हरी खाद में हम इसमें ढेंचा, ग्वार, सन या उड़द, मुंग, मोठ डाल सकते है।

हम रिकमेंट करेंगे की आप की इसमें ढेंचा या ग्वार डालिये। आप अपने विवेक, एरिया, मिटटी की गुणवत्ता के अनुसार आप कोई डाल सकते हैं। आप इस तरह से अपने खेतो में इस प्रकार की फसल डाल। वो फसल 30 दिन, 40 दिन या चाहे 60 दिन की हो जाएँ। ये आप पर निर्भर करता हैं की आप कितने दिन के बाद अगली फसल लगाना चाह रहे हैं।   

आप जो भी हरी खाद के लिए बीज डाले हैं उसको अच्छे से जोत दीजिये, उसे मिट्टी में अच्छे से रोटावेटर चला दीजिये, इसे अच्छे से मिटटी में मिला दीजिये। मिलाने के बाद पुरे खेतों में अच्छे से पानी छोड़ दीजिये, इसके बाद 20 किलो यूरिया प्रति एकड़ के हिसाब से छिडक दीजिये। यूरिया छिड़कने के बाद आपकी हरी खाद मिटटी के अन्दर पूरी तरह से decompose हो जाएगी। मिटटी के अंदर इतनी जबरजस्त तरीके से मिल जाएगी जिससे की आपके खेत की उर्वरा शक्ति 2 या 4 गुना नहीं, पुरे गुना बढ़ जाएगी और आपको DAP की आवश्यकता पड़ेगी ही नहीं।

आप के खेत इस समय खाली हैं, तो आप देसी खाद जरूर डालिये  चाहे आप 2 ट्राली प्रति एकड़ या 4 ट्राली प्रति एकड़ डालिये। इसके अलावा आप अपने खेतो की चारो तरफ जो मेड होते है उनके मेड़ो को ऊंचा (मिट्टी चढ़ा) कर देना चाहिए ताकि जो बारिश का जो पानी है, वो खेत के बाहर ना जा पाए। हमारे खेतो को अच्छे से पानी मिल सके और यदि बारिश का पानी आपके खेत में ही रहा तो समझ लीजिये आपका खेत उन्नत पैदावार देने के लिए रिचार्ज हो रहा है। 

थोड़ी सी मेहनत पुरे साल मुनाफा

किसान भाइयों इस तरह से आपने गर्मी के मौसम में अपने खेत की अच्छे से गहरी जुताई की, हरी खाद की बुआई की, अच्छे से मिटटी में मिक्स किया रोटावेटर चलाया, बारिश का पानी को मेड से रोक कर रखा और आपके खेतो ने अच्छे से सोख लिया तो समझो आपका खेत तो सोना हो गया। इसके बाद जब आप अगली फसल लगाओगे ना किसान भाइयों तो बीमारिया भी कम होगी, खर्चा भी काम होगा पैसा बचेगा और बदले में उन्नत पैदावार भी होगी जो आपको चोखा मुनाफा देगी।

ऐसे खेती करोगे तो होगी तरक्की 

इस तरह से जुताई से पहले जब आपने जो भी फर्टीलाइज़र आप उपयोग कर रहे हो। आप ने अपने खेतो में DAP एक बैग पार्टी एकड़ डाला होगा, लेकिन अब हमारे तरीके से जुताई के बाद एक बार में केवल 10kg DAP भी डाल दोगे तो भी काम हो जायेगा। फिर देखना आप अपनी फसल को, आप KrishiBiz Team का धन्यवाद करोगे। 

इसके बाद किसान भाइयो अपने खेतो में लेज़र लेंड लेवलर (laser land levler) लगवा लीजिये और अपने खेतो को अच्छे से एक समान समतल सपाट करवा लीजिये। जब भी आप कोई फसल लगाओगे और सिंचाई करोगे तब हर पौधें को अच्छे से एक समान मात्रा में पानी मिलेगा।

अमूमन खेत में किसी न किसी कोने की तरफ से ढाल होता ही है तो  तरफ ज्यादा मिल जाता हैं पानी भरा जाता हैं तो उस एरिया में फसल पीली हो जाती हैं या लगातार पानी भरने से फंगस लग जाती हैं, फसल खराब हो जाती हैं।

इस विधि से आपने खेती की तो आपका समय, पैसा और मेहनत बचेगी और आपका मुनाफा पिछली बार की अपेक्षा चार गुना बढ़ जायेगा।


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