Backyard Poultry Farming: गांव में रहकर कैसे करें बैकयार्ड मुर्गी का पालन, जानिए बैकयार्ड मुर्गी पालन क्या है?

अगर आप कम लागत में मुर्गी पालन शुरू करना चाहते हैं तो बैकयार्ड मुर्गी पालन आसान विकल्प है। आइये जानते हैं बैकयार्ड मुर्गी पालन के बारे पूरी जानकारी।

Backyard Poultry Farming: आप कम लागत में मुर्गी पालन शुरू करना चाहते हैं तो बैकयार्ड मुर्गी पालन आसान विकल्प है। आइये जानते हैं बैकयार्ड मुर्गी पालन के बारे पूरी जानकारी। आजकल बाजार में इसकी मांग बढ़ती जा रही है, जिससे आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

अगर आप गांव में रहकर एक अच्छे और टिकाऊ बिजनेस की तलाश में हैं, वो भी कम लागत में तो बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस आपके लिए एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। तो आइए आज इस लेख के माध्यम से बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग के बारे में अधिक जानें, इसे कैसे करें और इसके व्यवसाय से आपको कैसे लाभ मिलेगा।

बैकयार्ड मुर्गी पालन क्या है? Backyard Poultry Farming 

अपने घर के पीछे खाली पड़ी जमीन पर छोटे स्तर पर मुर्गियों को घरेलू श्रम और स्थानीय उपलब्ध पर दाना-पानी के सहारे बिना किसी विशेष आर्थिक व्यय के बैकयार्ड मुर्गी का पालन किया जा सकता है। बैकयार्ड मुर्गी पालन आर्थिक रूप से लोगों की आमदनी को बढ़ाता है रसोई से निकले हुए अवशिष्ट पदार्थ जिन्हें फेंक दिया जाता है, बैकयार्ड मुर्गी पालन में इसका उपयोग मुर्गियों के चारे के लिए किया जा सकता है।

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बैकयार्ड मुर्गी पालन के लिए नस्ल 

बैकयार्ड मुर्गीपालन में नस्लों का चयन बहुत महत्वपूर्ण है। मुर्गे की अच्छी नस्ल ही आपको बाजार में मुनाफा कमाने में मदद कर सकती है, इसलिए आपको उन्नत नस्ल के मुर्गे-मुर्गियों का चयन करना चाहिए, ताकि आप ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा सकें। जैसे, असील, कड़कनाथ, ग्रामप्रिया, स्वर्णनाथ, केरी श्यामा, निर्भिक, श्रीनिधि, वनराजा, कारी उज्जवल और कारी आदि।

ऐसे करें बैकयार्ड मुर्गी पालन की शुरुआत 

इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए आप ऊपर बताई गई नस्लों में से किसी भी नस्ल की मुर्गी का पालन कर इस बिजनेस को सरलता से शुरू कर सकते हैं। अगर आप देसी मुर्गी का पालन करते हैं, तो बाजार में देसी मुर्गी के 1 दिन के चूजों की कीमत करीब 30 से 60 रुपए होती है और सालभर में देसी मुर्गी लगभग 160 से 180 अंडे देती हैं। देसी मुर्गी के अंडे की कीमत भी अधिक होती है, जिससे आपको अच्छा लाभ होगा।

बैकयार्ड मुर्गी पालन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

  • लघु सीमांत और भूमिहीन किसानों, जिनके पास बजट कम होता है, वे आसानी से कम लागत में अतिरिक्त पैसे कमा सकते हैं।
  • पोषक तत्वों से भरपूर अंडा प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत है जो घर-परिवार पोषण स्तर में भी सुधार करता है।
  • रसोई से निकले हुए अवशिष्ट पदार्थ जिन्हें फेंक दिया जाता है, बैकयार्ड मुर्गी पालन में इसका उपयोग मुर्गियों के चारे के लिए किया जा सकता है।
  • घर के आस-पास पड़े खाली स्थानों का सदुपयोग होता है और आर्थिक आवश्यकताओं को पूरी करने में योगदान देता है।
  • देसी मुर्गा का बाजार मूल्य ज्यादा और मांग भी अधिक होती है।

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आज के समय में मुर्गी पालन का व्यवसाय बहुत ही तेजी से लोगों को अपनी और आकर्षित कर रहा है। इस बिजनेस के लिए आपको अधिक पढ़े लिखे या कोई खास तजुरबा होनी की भी जरूरत नहीं है। आज के आधुनिक समय में भी हजारों लोग इस बिजनेस से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।


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Archana Sharma

श्रीमती अर्चना शर्मा Krishibiz.com के सीनियर एडिटर और संस्थापक हैं। वह मध्य प्रदेश के निवासी हैं और 8 साल से डिजिटल मीडिया में काम कर रही हैं। उन्होंने स्कूल, कॉलेज, और कई शैक्षणिक संस्थानों में सेवाएं दी हैं। उनका परिवार कृषकों से जुड़ा हुआ है, खेती और बागबानी से संबंधित विषयों की जानकर हैं। वर्तमान में, श्रीमती अर्चना आधुनिक खेती और किसानों की आय में वृद्धि के लिए शोध कर रही हैं।

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