बरसात के मौसम में पशुओं को होने वाली बीमारियां और जाने कैसे करें बचाव

बरसात में पशुओं को कौन-कौन सी बीमारियाँ हो सकती हैं और उनके लक्षण, साथ ही जानिए बचाव के तरीके

बारिश का मौसम आ गया है। इस मौसम में पशुओं का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि इस मौसम में पशुओं में कई तरह की बीमारियाँ हो सकती हैं, जिनसे उनकी जान भी जा सकती है। इसलिए महत्वपूर्ण है कि किसान अपने पशुओं का समय-समय पर ध्यान रखें कि किसी बीमारी के लक्षण तो नजर नहीं आ रहे हैं, लेकिन इसके लिए किसानों को यह जानना जरूरी है कि पशुओं में कौन-कौन सी बीमारियाँ हो सकती हैं और उनके लक्षण क्या होते हैं? तो चलिए इस लेख के माध्यम से हम आपको बताते हैं कि पशुओं में कौन-कौन सी बीमारियाँ हो सकती हैं और उनके लक्षण क्या होते हैं?

खूर और मुंह संबंधी बीमारियाँ और इसके लक्षण 

बारिश के मौसम में यह बीमारी पशुओं में अधिकतर होती हैं। खूर और मुंह की बीमारियाँ, खासकर फटी खूर वाले पशुओं में बहुत अधिक मात्रा में पाई जाती हैं जैसे कि भैंस, भेड़, बकरी और सूअर।

ये बीमारी भूख के कारण हो सकती है जब पशुओं को उचित पोषण की संगत खाद्य पदार्थ नहीं मिलते हैं। इसके लक्षण में दांतों की कमजोरी, दांतों में छेद, खूरों में फटे हुए भाग, मुख से रस या गन्दगी का निकलना शामिल हो सकता है। इसे रोकने के लिए पशुओं को प्रभावी पोषण और उचित देखभाल प्रदान करनी चाहिए। इसमें पशुओं को पोषक चारा और पानी की पर्याप्त व्यवस्था करनी चाहिए। खूरों की सेवा के लिए विशेष खूर सलाहकारों की सलाह लेनी चाहिए।

पानी से संबंधीत बीमारियाँ और इसके लक्षण 

बारिश के मौसम में पशुओं को प्रभावित कर सकती हैं। इसमें पशुओं को पानी का अधिक सेवन करने के कारण रोगों का संक्रमण हो सकता है, जैसे कि पेशाब में संक्रमण या बवासीर। पशुओं को सुरक्षित पानी प्रदान करना और पानी की स्थानांतरण से बचना चाहिए। पशुओं को सुखा रखने के लिए उचित शेल्टर और उपयुक्त निर्मिति की व्यवस्था करनी चाहिए।

फूले हुए रोम और रेशे बारिश के मौसम में बढ़ सकते हैं। यह पशुओं के तकलीफ़ का कारण बन सकता है और उन्हें घावों और संक्रमण की संभावना होती है। पशुओं को सुखे और साफ बसने के लिए उचित रेशे और निर्माण सामग्री की व्यवस्था करनी चाहिए।

पशुओं को सुरक्षित रखने के लिए वेटरनरी सलाह लेनी चाहिए

इन सभी मामलों में, आपको पशुओं की स्वस्थता की देखभाल करने और उन्हें सुरक्षित रखने के लिए वेटरनरी सलाह लेनी चाहिए। वेतनरी आपको सही उपचार या दवाईयों के बारे में बता सकता है जो पशुओं की समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकते हैं। यदि संभव हो, आपको अपने पशुओं को एक अनुभवी वेटरनरी चिकित्सक के पास ले जाना चाहिए।

अपने पशुओं की स्वस्थता को बनाए रखने के लिए निम्नलिखित उपायों को भी ध्यान में रखना महत्वपूर्ण हो सकता है।

  • नियमित वेटरिनरी चेकअप: पशुओं को नियमित रूप से वेटरिनरी चिकित्सा की जांच कराना चाहिए। इससे आप पशु के स्वास्थ्य स्थिति को मापन कर सकते हैं और किसी भी संभावित समस्या को पहचान सकते हैं।
  • आहार और पोषण: पशुओं को संतुलित और पूर्ण पोषण प्रदान करना आवश्यक होता है। आपको वेटरिनरी सलाह लेकर अपने पशु के लिए उचित आहार योजना तैयार करनी चाहिए। यह सही मात्रा में पोषक तत्व और प्रोटीन प्रदान करने वाले खाद्य पदार्थों को शामिल कर सकता है।
  • स्थानांतरण की व्यवस्था: पशुओं को उचित और सुरक्षित स्थान पर रखना जरूरी है। इसके लिए उन्हें सुरक्षित और स्वच्छ शेल्टर प्रदान करना चाहिए जो उन्हें गर्मी, बर्फ, बारिश और अन्य तथाकथित तकलीफों से बचा सके।
  • स्वच्छता और हाइजीन: पशुओं के लिए उचित स्वच्छता की व्यवस्था करना आवश्यक है। उनके आसपास की साफ-सफाई बनाए रखना, उनकी देखभाल के लिए अच्छे साबुन और शैम्पू का उपयोग करना और नियमित बाथिंग करना इसका हिस्सा होना चाहिए।
  • रोग प्रतिरोधक कर्म: वैक्सीनेशन, टिकाकरण, और दवाइयों के उपयोग के माध्यम से पशुओं को बीमारियों से बचाना चाहिए। आपको वेटरिनरी से पशुओं के लिए उचित रोग प्रतिरोधक कार्यक्रम के बारे में परामर्श लेना चाहिए।
  • यदि आपके पशु में किसी भी गंभीर स्वास्थ्य समस्या की संदेह है, तो वेटरिनरी से संपर्क करें और अपने पशु के लिए सुरक्षित और उचित देखभाल प्रदान करें।
  • स्नान: अपने पशु को नियमित अंतराल पर स्नान कराना उचित होता है। यह उनकी त्वचा को स्वच्छ और स्वस्थ रखने में मदद करता है और खुदरा कीटाणुओं से बचाव कर सकता है। ध्यान दें कि पशुओं के लिए उचित स्नान प्रोडक्ट्स का उपयोग करें।

ध्यान दें कि प्रत्येक पशु का आकार, प्रकृति और आवश्यकताओं में अंतर हो सकता है, इसलिए अपने पशु की विशेषताओं के अनुरूप देखभाल करें और उन्हें वेटरिनरी की सलाह पर आधारित रखें।


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