खेती के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने जारी की एडवाइजरी -जानिए पूरी जानकारी

कृषि वैज्ञानिकों की सलाह से फसल का बढ़ेगा उत्पादन, खेती के लिए होगी फायदेमंद

मौसम को देखते हुए खेती के लिए कृषि अनुसंधान संस्थान की ओर से कृषि वैज्ञानिकों ने नई एडवाइजरी जारी की गई है। इसके तहत किसानों को मौसम के अनुकूल फसलों का उत्पादन करने की सलाह दी गई है। इसके अलावा इस मौसम में खेती करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इसकी भी जानकारी दी गई है।

बारिश के इस सीजन में किसान अच्छी फसल कैसे ले खेती के दौरान किन बातों का ध्यान रखें जिससे नुकसान न हो। किसान भाइयों आज हम आपको कृषि वैज्ञानिकों द्वारा जारी की गई एडवाइजरी के बारे में विस्तार से बताएंगे

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किसान इस सप्ताह इन फसलों को उगाएं

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार इस समय किसानों को चारे की फसल बोनी चाहिए। इस सप्ताह चारे की बुवाई करने से किसानों को अच्छा उत्पादन मिल सकता है। किसान इस सप्ताह चारे के लिए ज्वार की बुवाई कर सकते हैं। इसके लिए किसान पूसा चारी-6, पूसा चारी-9 या अन्य संकर किस्मों की बुवाई कर सकते हैं।

वहीं, किसान इस मौसम में लोबिया की बुवाई भी कर सकते हैं। इसके लिए यह मौसम भी काफी अनुकूल है। खेत तैयार हो जाए तो किसान मूली, फलियां, पालक, ऐमारैंथ भी बो सकते हैं।

चारे की फसल के लिए इन किस्मों का चयन करें

चारे की फसल के लिए किसानों को बेहतर बुवाई के लिए उन्नत किस्मों का चयन करना चाहिए। किसान इन किस्मों को मौसम के अनुसार चुन सकते हैं, जो इस प्रकार हैं-

  • लोबिया – पूसा सुकोमाला
  • ग्वार की पूसा नव बहार, दुर्गा बहारी
  • मूली पूसा चेतकी
  • बीन पूसा बीन-2, पूसा बीन-3
  • पालक पूसा भारती
  • चौलाई का पूसा लाल चौलाई, पूसा किरण

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कद्दू वर्ग की सब्जियों से होगी अच्छी कमाई

चारे की फसलों के अलावा किसान इस समय कद्दू वर्ग की सब्जियों की खेती कर अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं। किसान कद्दू की फसलों में लौकी, करेला, सीताफल, लफ्फा की बुवाई कर सकते हैं।

सब्जियों की इन किस्मों से होगा मुनाफा

अगर किसान कद्दू जैसी सब्जियों की खेती करने का मन बना रहे हैं तो वे इसके उन्नत बीजों का ही उपयोग करें। इसके लिए यहां कुछ उन्नत किस्में दी जा रही हैं, जिनका उपयोग किसान कर सकते हैं, वे इस प्रकार हैं-

  • करेला – पूसा स्पेशल, पूसा दो मौसमी
  • सीताफल- पूसा विश्वास, पूसा विकास
  • लौकी – पूसा नवीन, पूसा समृद्धि
  • तोरई – पूसा स्नेहा

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किसान इस सप्ताह कर सकते है यह काम

  • कद्दू-ग्रेड की सब्जियां बोकर मचान बढ़ाने का काम करें।
  • इस मौसम में भिंडी, मिर्च और बेलवाली फसलों में घुन, जस्सीड और हॉपर कीटों की लगातार निगरानी करें। अधिक कीट पाए जाने पर इमिडाक्लोप्रिड का छिड़काव करें। ध्यान रहे कि कीटनाशक का छिड़काव करते समय आसमान पूरी तरह से साफ होना चाहिए।
  • इस मौसम में नए फलों के बाग लगाने के लिए तैयार गड्ढों में गोबर की खाद के साथ 5.0 मिली. एक लीटर पानी में क्लोरपाइरीफोस मिलाकर गड्ढों में डालकर उसमें पानी भर दें। दीमक और सफेद चोटी से बचाव के लिए। रोपाई के लिए पौधे किसी प्रमाणित संस्थान से ही लें।
  • यदि धान की नर्सरी 20-25 दिन पुरानी है तो उसकी रोपाई का कार्य खेत में शुरू कर दें।
  • दलहनी फसलों और सब्जियों की नर्सरी में जल निकासी की उचित व्यवस्था रखें ताकि पानी एक जगह जमा न हो।

बारिश का पानी जमा करें

बारिश के मौसम में किसान अपने खेत में ऐसी जगह बनाएं जहां बारिश का पानी जमा हो सके। इसके लिए किसान खेत में तालाब का निर्माण कर सकते हैं। इसमें किसान बारिश के पानी को स्टोर कर सकते हैं ताकि बारिश की कमी होने पर फसलों की बुवाई के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सके। बता दें कि सरकार किसानों को खेत में तालाब बनाने के लिए भी सहायता देती है।

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खेतों में न करें कोई छिड़काव

बारिश के पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए किसान अभी अपने खेतों में किसी प्रकार का छिड़काव नहीं करें। चाहे वह कीटनाशक से संबंधित हो या रोग नियंत्रण से। ऐसे मौसम में कीटनाशकों के छिड़काव का फसलों पर पूरा असर नहीं होता है। वहीं इस कीटनाशक का छिड़काव हमारे लिए हानिकारक हो सकता है।


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