khad ka bhav गेहू में मुनाफा कमाने वाले किसानों के लिए बुरी खबर ला सकतीं है उर्वरक

khad ka bhav इस वित्त्तीय वर्ष में खाद के भाव बढ़ सकते है। उर्वरक की कीमतों के कारण किसान पर बोझ बढ़ेगा

khad ka bhav गेहूं की फसल के अच्छे दाम मिलने पर भले ही किसान खुश हो। लेकिन उनकी इस खुशी को आसमान छूती खाद की कीमतों (fertilizer price) ने कुछ हद तक कम कर दिया है। खरीफ सीजन (Kharif Season) सामने आने को है। जिसमें भारी मात्रा में खाद की जरूरत पड़ती है। किसानों को अभी से डर सता रहा है की कहीं गेहूं की फसल से जो मुनाफा कमाया है वह खाद की खरीद में ही न लग जाए।

जरूर पढ़ें – गर्मी से उपज में गिरावट, गेहूं की कीमतों में तेजी

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण खाद (Fertilizer) के बाजार में ऐसा लग रहा है मानो आग लगी हुई है। गौरतलब है कि खाद की कीमत सरकार यूरिया की तरह कंट्रोल नहीं करती है। इसका अधिकांश हिस्सा विदेशों से आयात करना पड़ता है। फिलहाल डीएपी DAP का भाव 60 हजार रुपए प्रति टन है। जबकि एनपीकेएस का भाव 43 हजार 131 रुपए तय हुआ है। जबकि MOP का भाव 40 हजार 70 रुपए चल रहा है। इसी भाव में सरकार की ओर से दी जाने वाले सब्सिडी भी शामिल है।

अगर हम बात करे आयात की तो मार्च में खत्म हुए वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान हमारे देश में डीएपी की आवश्यकता 124 लाख टन थी। उसमें से जनवरी तक 42.56 लाख टन आयात किया गया। इसी प्रकार 37.10 लाख टन म्यूरेट आॅफ पोटाश में से करीब 21 लाख टन और 123 लाख टन एनपीके में से मात्र 11.28 लाख टन ही आयात किया जा सका। लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण खाद की कीमतों में भारी बढोतरी हो गई।

जरूर पढ़ें – किसान अब MSP पर हर दिन बेच सकेंगे 40 क्विंटल चना

जिसके कारण सरकार द्वारा आयातित भाव से वर्तमान में कहीं अधिक भाव खाद के पहुंच चुके है। इसके अलावा आयात होने वाली खाद पर 5 प्रतिशत इंपोर्ट और 5 प्रतिशत जीएसटी भी लगता है। वहीं पोर्ट से किसानों के खेत तक खाद को पहुंचाने का भाड़ा भी अलग से लग जाता है।

खाद का स्टॉक भी कम-khad ka bhav

बताया जा रहा है कि इन खाद और उर्वरक का आयात न करते हुए देश में ही इनका उत्पादन किया जाए तो भी लागत कम नहीं होगी। क्योंकि उर्वरक को बनाने में काम आने वाला कच्चा माल रूस और अन्य दूसरे देशों से आयात किया जाता है। लेकिन युद्ध के कारण वह भी महंगा हो गया। सालभर पहले तक फासफोरिक एसिड की कीमत दोगुने से अधिक हो चुकी है। दूसरी और उर्वरक उत्पादन में काम आने वाले अमोनिया और सल्फर का भी यहीं हाल है।

पुराने उर्वरक खाद के स्टॉक को देखा जाए तो डीएपी के अलावा बाकी की स्थिति पिछले साल जैसी नहीं है। एक अप्रैल को एनपीके का लगभग 10 लाख टन और एमओपी का सिर्फ 5 लाख टन ही स्टॉक दर्ज किया गया था। जिससे आने वाले समय में परेशानी खड़ी हो सकती है। हालांकि यूरिया को लेकर ऐसी स्थित अभी नहीं है।

जरूर पढ़ें – कब आएगी pm किसान सम्मान निधि की 11वीं क़िस्त

लेकिन बढ़ती हुई लागत के कारण बाकी उर्वरक खाद उत्पादकों पर भाव बढ़ाने का बहुत अधिक दबाव है। बताया जा रहा है कि अगर भाव नहीं बढ़े तो उत्पादन करने वाली कंपनियों की लागत भी निकल पाना मुश्किल है। ऐसे में कंपनियों को सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी की राशि बढ़ती है तो कंपनियों के साथ किसानों को राहत मिलेगी।

सरकार के खाजने पर बढ़ेगा बोझ-fertilizer price

गौरतलब है कि सरकारी बजट पर उर्वरक सब्सिडी का बोझ लगातार बढ़ता ही जा रहा है। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट अनुमान यह था कि सब्सिडी बिल पर कुल 79530 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। लेकिन युद्ध से पहले ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ी कीमतों की वजह से सरकार को 60000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त प्रावधान करना पड़ा।

जरूर पढ़ें – किसानो को मिलेगा 2 लाख का लोन-नहीं देना होगा ब्याज

इसी बात की भी आशंका है कि फर्टिलाइजर सब्सिडी का असली बिल इससे कहीं अधिक करीब 1.5 लाख करोड़ रुपए होगा। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सरकार ने 1.05 लाख करोड़ सब्सिडी का अनुमान लगाया है। इसके लिए भी 1.60 लाख करोड़ तक बढ़ने की आशंका है। अगर सरकार उर्वरक सब्सिडी का बोझ कम करना चाहेगी तो इसका असर किसानों पर पड़ेगा।

जुड़िये KrishiBizz से – ऐसे ही मनोरंजक, उपयोगी और कृषि योजनाओं के आर्टिकल के अपडेट सबसे पहले पाने के लिए हमारे WhatsAppTelegram ग्रुप ज्वाइन करें हमारे को Facebook पेज को like करें और अपने साथियो-मित्रों के साथ शेयर जरूर करें।।

आपके पास कृषि सम्बंधित कोई प्रश्न या समस्या हो तो निचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करें, हम कोशिश करेंगे की आपकी समस्या या प्रश्न का निदान कृषि विशेषज्ञ के द्वारा प्राप्त हो।

KrishiBiz Team

KrishiBiz में आपका स्वागत हैं, हमारी टीम में एग्रीकल्चर एक्सपर्ट, तकीनीकी एवं पशुपालन विशेषज्ञ एवं योजनाओ के विशेषज्ञ द्वारा गहन शोध कर Article प्रकाशित किये जाते हैं आपसे निवेदन हैं इसी प्रकार हमारा सहयोग करते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे। जय हिन्द! जय किसान!

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button