जायद फसल: गर्मी में फसलों को कीटों से बचाने के लिए अपनाएं ये कारगर उपाय
समय रहते कीटों की पहचान करें और उनका प्रभावी नियंत्रण करें, ताकि फसल को बचाया जा सके और अधिक पैदावार प्राप्त हो।

जायद फसल: गर्मी के मौसम में उगाई जाने वाली जायद फसलों पर कई प्रकार के कीटों का हमला होता है, जो फसल की पैदावार और गुणवत्ता को नुकसान पहुंचा सकते हैं। खासकर, चूसक कीट और रेड पंपकिन बीटल जैसे कीट पौधों की पत्तियों, तनों और फूलों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे उनकी बढ़त रुक जाती है और उपज में भारी गिरावट आ सकती है। किसानों को चाहिए कि वे समय रहते कीटों की पहचान करें और उनका प्रभावी नियंत्रण करें, ताकि फसल को बचाया जा सके और अधिक पैदावार प्राप्त हो।
फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले प्रमुख कीट
चूसक कीट: ये कीट पौधों की कोमल पत्तियों से रस चूसते हैं, जिससे पौधे धीरे-धीरे सूखने लगते हैं। इससे पौधे कमजोर होकर जल्दी मुरझा जाते हैं और उनकी बढ़वार रुक जाती है।
रेड पंपकिन बीटल: यह कीट खासतौर पर कद्दूवर्गीय फसलों (खीरा, ककड़ी, लौकी, खरबूजा आदि) पर हमला करता है और पत्तियों को काटता हुआ चलता है। इससे पत्तियां पूरी तरह खत्म हो सकती हैं, जिससे पौधा कमजोर हो जाता है और उत्पादन प्रभावित होता है।
फल छेदक कीट: यह कीट फलों में छेद करके नुकसान पहुंचाता है, जिससे फल जल्दी खराब हो जाते हैं और बाजार में उनकी कीमत गिर जाती है।
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कीट नियंत्रण के लिए प्रभावी उपाय
1. जैविक उपाय:
कीट नियंत्रण के लिए किसानों को नीम के तेल का छिड़काव करना चाहिए।
10-15 एमएल नीम तेल को 1 लीटर पानी में मिलाकर पौधों पर छिड़कने से कीटों की संख्या कम हो जाती है।
इसके अलावा, खेत में नीम की खली डालने से भी कीटों का असर कम होता है।
2. यांत्रिक उपाय:
खेतों में नियमित निराई-गुड़ाई करें ताकि खरपतवार और अवांछित पौधे हटाए जा सकें, जहां कीट पनपते हैं।
कीटों को फंसाने के लिए फेरोमोन ट्रैप और स्टिकी ट्रैप का इस्तेमाल करें।
खेत में सुबह-शाम कीटों को हाथ से पकड़कर नष्ट करें।
3. रासायनिक उपाय:
यदि जैविक और यांत्रिक उपाय से कीट नियंत्रण न हो, तो किसान मेलाथियान (0.05%) का छिड़काव कर सकते हैं।
चूसक कीटों के लिए इमिडाक्लोप्रिड (0.3 मिली/लीटर पानी) का स्प्रे करें।
फल छेदक कीट के लिए स्पिनोसैड (0.5 मिली/लीटर पानी) का छिड़काव करें।
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जायद सीजन में लाभदायक फसलें
गर्मी के मौसम में किसानों के लिए जायद की फसलें उगाना एक अच्छा विकल्प हो सकता है क्योंकि ये कम समय में तैयार होती हैं और इनकी बाजार में अच्छी मांग होती है। जायद सीजन में उगाई जाने वाली कुछ प्रमुख फसलें इस प्रकार हैं:
कद्दूवर्गीय फसलें: खीरा, ककड़ी, तरबूज, खरबूजा, लौकी आदि। ये फसलें शरीर को ठंडक प्रदान करती हैं और गर्मी में पानी की कमी को दूर करने में मदद करती हैं।
दलहनी फसलें: मूंग, उड़द जैसी फसलें न केवल कम समय में तैयार होती हैं, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ाती हैं।
सब्जियां: भिंडी, टमाटर, परवल जैसी सब्जियां गर्मी में खूब उगाई जाती हैं और इनका बाजार मूल्य भी अच्छा होता है।
कम समय में अधिक मुनाफा
जायद सीजन की फसलें कम समय में तैयार होने के कारण किसानों को जल्दी लाभ पहुंचाती हैं। इसके अलावा, सरकार भी किसानों को इन फसलों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) और फसल बीमा योजना का लाभ दे रही है, जिससे वे आसानी से खेती के लिए ऋण ले सकते हैं और प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुए नुकसान की भरपाई भी कर सकते हैं।
अगर किसान जायद सीजन की फसलों की अच्छी देखभाल करें और समय पर कीट नियंत्रण के उपाय अपनाएं, तो वे अधिक उपज प्राप्त कर सकते हैं और अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। जैविक और यांत्रिक उपायों को प्राथमिकता देकर फसलों को सुरक्षित रखा जा सकता है, जिससे उत्पादन लागत भी कम होती है और फसल की गुणवत्ता भी बनी रहती है।
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