Paddy Crop: धान की फसल में 20 दिन बाद कौन सी खाद डालें, पैदावार होगी रिकॉर्ड तोड़
जानिए 20 दिन पुरानी धान की फसल में कल्ले बढ़ाने के लिए क्या करें

Paddy Crop: भारत में धान की खेती कई राज्यों में की जाती है। धान की खेती सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल में की जाती है, उसके बाद उत्तर प्रदेश और पंजाब का नंबर आता है। इसके अलावा मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा जैसे राज्यों में भी धान की खेती की जाती है। आज के समय में लगातार गिरते भूजल के कारण कई राज्य सरकारें किसानों को कम पानी में उगने वाली फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। इतना ही नहीं, राज्य सरकारें धान की जगह दूसरी फसलें उगाने के लिए किसानों को प्रति एकड़ के हिसाब से सब्सिडी भी दे रही हैं।
इसके बावजूद किसानों का धान से मोहभंग नहीं हो रहा है। इस बार भी किसानों ने धान की खेती की है। खरीफ फसलों का सीजन चल रहा है। जिन इलाकों में बारिश हुई है, वहां धान की रोपाई शुरू हो गई है। कई जगहों पर किसानों की फसल 20 दिन से ज्यादा पुरानी हो गई है। ऐसे में किसानों को अपनी धान की फसल का खास ख्याल रखने की जरूरत है ताकि उससे बेहतर पैदावार मिल सके।
धान की पैदावार बढ़ाने के लिए किसान क्या करें
जब धान की फसल 20 से 25 दिन की हो जाती है तो उसमें कल्ले निकलने लगते हैं। इस अवस्था में धान की फसल की खास देखभाल की जरूरत होती है। अगर आपने धान की रोपाई कर दी है और 20 दिन से ज्यादा हो गए हैं तो आपको अपने खेत में पट्टा जरूर लगाना चाहिए। ऐसा करने के लिए 10 से 15 फीट का बांस लें और दो बार पट्टा लगाएं। ऐसा करने से धान की जड़ों को थोड़ा झटका लगता है और जो फसल छोटी या हल्की होती है उसे भी आगे बढ़ने और बढ़ने का मौका मिलता है। पट्टा लगाने के दौरान खेत में पानी भर देना चाहिए। पट्टा उल्टा और सीधा दोनों दिशाओं में चलाना चाहिए।
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पट्टा चलाने से क्या फायदा होता है
पानी से भरे धान के खेत में पट्टा चलाने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे धान के कल्ले ज्यादा निकलते हैं जिससे पैदावार ज्यादा होती है। वहीं, धान की फसल पर हमला करने वाले इल्लियां जैसे कीट पानी में गिर जाते हैं, जिससे वे फसल को नुकसान नहीं पहुंचा पाते। इस तरह का पट्टा ऑपरेशन धान की फसल के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है।
धान की फली टूटने पर क्या करें
अगर आपके खेत में धान की फली टूटने लगी है, तो आपको खेत में नाममात्र पानी रखना चाहिए, ताकि खेत में नमी बनी रहे। इस अवस्था में धान की फसल को अधिक पोषण की जरूरत होती है। ऐसे में खेत में पानी नहीं भरना चाहिए। धान की रोपाई के 25 दिन बाद पानी निकाल देना चाहिए। पानी इतना ही होना चाहिए कि खेत में नमी बनी रहे। इस दौरान एक एकड़ धान के खेत में 20 किलो नाइट्रोजन और 10 किलो जिंक देना चाहिए।
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धान के खेत से पानी निकालने के पीछे क्या कारण है
जब धान की फसल 20 से 25 दिन की हो जाती है, तो खेत से पानी निकाल दिया जाता है और सिर्फ उतना ही पानी रखा जाता है, जिससे धान के खेत में नमी बनी रहे। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि इससे धान की जड़ों पर सीधी धूप पड़ती है और फसल को ऑक्सीजन भी ठीक से मिलती है, इस दौरान किसान निराई-गुड़ाई भी कर सकते हैं। यह सारी प्रक्रिया करने के बाद खेत में दोबारा पानी भर देना चाहिए। खरपतवार नियंत्रण के लिए दवा का प्रयोग करें धान की फसल में खरपतवार एक बड़ी समस्या है, इससे उत्पादन कम होता है। इसलिए धान की फसल को खरपतवार से बचाने के लिए आप 2-4डी साल्ट दवा का प्रयोग कर सकते हैं, इसके अलावा धान की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए आप 3.5 लीटर पेंडीमेथालिन 30 ईसी को 850 से 900 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें।
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