आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना: पशुपालन के लिए सरकार दे रही है 10 लाख रुपए का लोन

पशुपालन ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के साथ-साथ किसानों की आय बढ़ाने का एक अच्छा जरिया है, जिसे देखते हुए सरकार पशुपालन को बढ़ावा दे रही है।

आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना: पशुपालन ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के साथ-साथ किसानों की आय बढ़ाने का एक अच्छा जरिया है, जिसे देखते हुए सरकार पशुपालन को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों द्वारा भी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। जिसमें किसानों को बैंक लोन के साथ सब्सिडी भी मुहैया कराई जाती है। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आचार्य विद्यासागर गौसंवर्धन योजना चलाई जा रही है।

योजना का मुख्य उद्देश्य

पशुपालन विभाग द्वारा चलाई जा रही योजना का मुख्य उद्देश्य मुख्य राज्य में दुग्ध उत्पादन को बढ़ाना, लाभार्थियों की आर्थिक स्थिति मेंआचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना इसलिए बनाई गई है ताकि अधिक से अधिक किसानों को पशुपालन के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

जानिए कौन उठा सकता है इस योजना का लाभ

इस योजना में सभी श्रेणियों के लाभार्थी शामिल हैं। इस योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी के पास कम से कम 5 पशु और एक एकड़ कृषि भूमि होनी चाहिए। पशुओं की संख्या में वृद्धि के अनुपात में न्यूनतम कृषि भूमि निर्धारित की जाएगी। योजना के क्रियान्वयन को प्राथमिकता दी जाएगी। सभी श्रेणियों के सीमांत और छोटे किसान योजना का लाभ ले सकते हैं।

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जानिए पशुपालन के लिए लोन कैसे मिलेगा?

योजना का लाभ सभी श्रेणी के सीमांत एवं लघु कृषकों को मिलेगा। पशुपालक कृषक न्यूनतम 5 या अधिक पशुओं के लिए योजना स्वीकृत करा सकते हैं, जिसमें अधिकतम 10 लाख रूपये की सीमा तक ऋण स्वीकृत किये जाने का प्रावधान है। परियोजना लागत का 75% बैंक ऋण के माध्यम से प्राप्त करना होगा तथा शेष 25% राशि की व्यवस्था कृषक हितग्राही को मार्जिन मनी सहायता एवं स्वयं के अंशदान के रूप में स्वयं करनी होगी।

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विभाग द्वारा इकाई लागत के 75% पर 5% वार्षिक ब्याज की दर से अथवा हितग्राही द्वारा बैंक से प्राप्त ऋण पर, जो भी कम हो, अधिकतम 25 हजार रूपये प्रतिवर्ष की दर से 7 वर्ष तक ब्याज की प्रतिपूर्ति की जायेगी। शेष 5% अधिक ब्याज दर पर हितग्राही को स्वयं ब्याज की प्रतिपूर्ति करनी होगी। योजना के तहत सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों को लागत का 25% अधिकतम 1.5 लाख तक तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लाभार्थियों को लागत का 33%, अधिकतम 2 लाख तक सहायता दी जाएगी। इच्छुक व्यक्ति योजना की विस्तृत जानकारी के लिए पशु चिकित्सा कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।


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