खाद सब्सिडी (Fertilizer Subsidy): किसानों के लिए खुशखबरी, सरकार ने बढ़ाई खाद सब्सिडी

जानिए अब इतने रुपये में मिलेगी यूरिया और पोटाश, किसानों को उर्वरक खरीदने में आर्थिक बोझ कम होगा और उनकी आय में वृद्धि होगी।

खाद सब्सिडी (Fertilizer Subsidy): भारत सरकार ने किसानों को राहत देते हुए खरीफ सीजन के लिए फॉस्फेटिक और पोटाश उर्वरकों पर दी जाने वाली सब्सिडी में बढ़ोतरी की है, इससे किसानों को उर्वरक खरीदने में आर्थिक बोझ कम होगा और उनकी आय में वृद्धि होगी। इसके अलावा, तिलहन और दालों की उत्पादकता में भी सुधार होगा। अप्रैल से सितंबर तक चलने वाले 2024-25 खरीफ सीजन के दौरान किसानों को उर्वरक खरीद पर सब्सिडी मिलेगी। किसानों की सहायता और तिलहन और दलहन की उत्पादकता बढ़ाने के लिए तीन नए ग्रेड जोड़े गए हैं।

फॉस्फेटिक और पोटाश उर्वरकों पर सब्सिडी को किया मंजूर (Fertilizer Subsidy)

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बैठक करके फॉस्फेटिक और पोटाश उर्वरकों पर 24,420 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंजूर किया है। इससे अप्रैल से सितंबर तक चलने वाले 2024-25 खरीफ सीजन में किसानों को उर्वरक खरीदने पर कम खर्च करना पड़ेगा। इसके अतिरिक्त, तीन नए ग्रेड भी जोड़े गए हैं, जिनसे तिलहन और दालों की उत्पादकता में बढ़ोतरी होगी।

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केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि वैश्विक बाजार में उर्वरकों की कीमतों में तेजी के बावजूद, सरकार ने उर्वरकों की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं की है कहा कि नाइट्रोजन पर सब्सिडी 47.02 रुपये प्रति किलोग्राम, फॉस्फेटिक पर 28.72 रुपये प्रति किलोग्राम, पोटाश पर 2.38 रुपये प्रति किलोग्राम और सल्फर पर 1.89 रुपये प्रति किलोग्राम रखी गई है।

भारत यूरिया में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में बढ़ रहा है 

यह भी बताया कि डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) पर सब्सिडी 4,500 रुपये प्रति टन पर जारी रहेगी। इससे डीएपी-आधारित उर्वरक के बैग की कीमत 1350 रुपये में ही रहेगी। इसी तरह, म्यूरेट ऑफ फॉस्फेट (एमओपी) उर्वरक की कीमत 1670 रुपये प्रति बैग और एनपीके (नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम) उर्वरक की कीमत 1,470 रुपये प्रति बैग रहेगी। भारत यूरिया में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में बढ़ रहा है, लेकिन यह अभी भी अपनी रॉक फॉस्फेट की मांग को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है। रॉक फॉस्फेट डीएपी और एनपीके उर्वरकों के लिए प्रमुख कच्चा माल है।

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आयात पर निर्भरता को कम करते हुए

भारत म्यूरेट ऑफ पोटाश के लिए आयात पर निर्भर है और सालाना लगभग 5 मिलियन टन फॉस्फेट रॉक, 2.5 मिलियन टन फॉस्फोरिक एसिड और 3 मिलियन टन डीएपी का आयात करता है।  डायमोनियम फॉस्फेट के मामले में, लगभग 60% आपूर्ति आयात की जाती है, इसके अलावा, 25% यूरिया और 15% एनपीके उर्वरक आवश्यकताओं को आयात के माध्यम से पूरा किया जाता है।


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Archana Sharma

श्रीमती अर्चना शर्मा Krishibiz.com के सीनियर एडिटर और संस्थापक हैं। वह मध्य प्रदेश के निवासी हैं और 8 साल से डिजिटल मीडिया में काम कर रही हैं। उन्होंने स्कूल, कॉलेज, और कई शैक्षणिक संस्थानों में सेवाएं दी हैं। उनका परिवार कृषकों से जुड़ा हुआ है, खेती और बागबानी से संबंधित विषयों की जानकर हैं। वर्तमान में, श्रीमती अर्चना आधुनिक खेती और किसानों की आय में वृद्धि के लिए शोध कर रही हैं।

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