Burhanpur News: 20-21 फरवरी को बनाना फेस्टिवल का आयोजन
जिला पंचायत द्वारा एनआरएलएम, डीएटीसी व पर्यटन विभाग के सहयोग से समूह की महिलाओं को केले के रेशे से उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
Burhanpur News: जिला पंचायत द्वारा एनआरएलएम, डीएटीसी व पर्यटन विभाग के सहयोग से समूह की महिलाओं को केले के रेशे से उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। तीस से ज्यादा महिलाएं इसमें दक्ष हो चुकी हैं। इनके द्वारा दर्यापुर और खकनार में अभी पेन स्टैंड, कीरिंग, झूमर, पर्स, टोकरियां, कंघी होल्डर, गुड़िया आदि बनाई जा रही हैं।
1700 करोड़ का होता है केले का कारोबार
जिले में केले की खेती का क्षेत्रफल 23,650 हेक्टेयर है। इसमें 16 लाख मीट्रिक टन केला का उत्पादन होता है। जिले के 18,325 किसान केले की खेती से जुड़े हैं। जिले में सालाना 1700 करोड़ रुपये से ज्यादा का केले का कारोबर होता है। इसके साथ ही 2700 हेक्टेयर में हल्दी की खेती की जाती है।
जिले में औसतन 71,280 मीट्रिक टन हल्दी उगाई जाती है। इसकी खेती से भी 1125 किसान जुड़े है। हल्दी का सालाना कारोबार करीब 75 करोड़ रुपये का है। दोनों फसलें किसानों की समृद्धि में अहम भूमिका निभा रही हैं।
इन उत्पादों के विक्रय से महिलाओं की आय में आशातीत वृद्धि
केंद्र सरकार की एक जिला एक उत्पाद योजना में शामिल किए गए केले के रेशे से बने उत्पाद और चिप्स की इकाइयां स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं का भाग्य गढ़ रही हैं। इन उत्पादों के विक्रय से महिलाओं की आय में आशातीत वृद्धि हुई है।जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं।
20-21 फरवरी 2024 को बनाना फेस्टिवल का आयोजन
केले के रेशे से तैयार हस्त शिल्प को बड़ा बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने 20-21 फरवरी 2024 को बनाना फेस्टिवल का आयोजन किया है। कलेक्टर भव्या मित्तल ने बताया कि इस उत्सव में कृषि विज्ञानियों और विशेषज्ञों के साथ बड़े उद्योगपतियों को भी आमंत्रित किया गया है।
इनमें से कुछ के आने की सहमति मिल गई है। कुछ की एक-दो दिन में प्राप्त हो जाएगी। केला उत्पादक किसानों और उत्पाद तैयार करने वाली महिलाओं के लिए प्रसंस्करण, तकनीक और अन्वेषण को लेकर उनका मार्गदर्शन बेहद महत्वपूर्ण होगा। बनाना फेस्टिवल में बीस से ज्यादा संस्थाएं स्टाल लगा कर अपने उत्पाद प्रदर्शित करेंगी। फेस्टिवल में केले के साथ हल्दी को भी शामिल किया गया है।
अभी ये उत्पाद हो रहे तैयार
जिला पंचायत द्वारा एनआरएलएम, डीएटीसी व पर्यटन विभाग के सहयोग से समूह की महिलाओं को केले के रेशे से उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। तीस से ज्यादा महिलाएं इसमें दक्ष हो चुकी हैं। इनके द्वारा दर्यापुर और खकनार में अभी पेन स्टैंड, कीरिंग, झूमर, पर्स, टोकरियां, कंघी होल्डर, गुड़िया आदि बनाई जा रही हैं।
अन्य महिलाओं को रेशे सुलझाना, इसे रंगीन बनाना सिखाया जा रहा है। आने वाले समय में केले का रेशा बाहर भेजने, कपड़ा बनाने सहित अन्य उत्पाद भी तैयार कराने की योजना है।
अतिथि 21 फरवरी को करेंगे हेरिटेज वॉक
बनाना फेस्टिवल में शामिल होने के लिए बुरहानपुर आने वाले विज्ञानी, विशेषज्ञ व अन्य अतिथियों के लिए प्रशासन ने हेरिटेज वॉक का आयोजन भी किया है। सीइओ जिला पंचायत सृष्टि देशमुख ने बताया कि 21 फरवरी को हेरीटेज वॉक के तहत विभिन्न एतिहासिक, पुरातत्व महत्व के स्थलों सहित अन्य रमणीय स्थलों का भ्रमण कराया जाएगा।
इसके लिए डीएटीसी के सदस्यों से भी सुझाव लिए गए हैं। इसके अलावा अतिथियों को शहर की प्रसिद्ध मावा जलेबी, रुमाली रोटी, दराबा की जानकारी भी दी जाएगी।
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